×

भारत ने जमकर लताड़ा, संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर-कश्मीर कर रहा था पाकिस्तान

भारत ने जमकर लताड़ा, संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर-कश्मीर कर रहा था पाकिस्तान

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन में काउंसलर प्रतीक माथुर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के एक प्रतिनिधि ने एक बार फिर कश्मीर राग अलापा है। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा, उससे फर्क नहीं पड़ता कि पाकिस्तान इस पर क्या सोचता है। 

 

 

भारत: भारत ने संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाने के लिए पाकिस्तान को फटकार लगाई है। भारत ने पाकिस्तान पर बार-बार झूठ फैलाने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान झूठ फैलाने के लिए अपना हताशापूर्ण प्रयास जारी रखता है।

 

 

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन में काउंसलर प्रतीक माथुर ने कहा, हम आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों पर चर्चा करने के लिए इकट्ठा हुए हैं लेकिन पाकिस्तान के एक प्रतिनिधि ने एक बार फिर कश्मीर राग अलाप दिया है।

 

जम्मू एवं कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और रहेगा, उससे फर्क नहीं पड़ता कि पाकिस्तान इस पर क्या सोचता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान झूठ फैलाने के लिए बार-बार अपना हताशपूर्ण प्रयास जारी रखता है।

पाकिस्तान की बहुपक्षीय मंचों पर अपने झूठ से उस प्लेटफॉर्म की पवित्रता का दुरुपयोग करने की बुरी आदत है। वह ऐसा सहानुभूति के लिए करता है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान पाकिस्तान के झूठे दावों पर यह प्रतिक्रिया दी।

https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-2953008738960898" crossorigin="anonymous">

इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समान प्रतिनिधित्व पर यूएनजीए में जी4 बयान दिया था। उन्होंने गुरुवार को ट्वीट कर कहा था कि सुरक्षा परिषद सुधार जितना अधिक समय तक रुका रहेगा,

प्रतिनिधित्व में कमी उतनी अधिक होगी जो सुरक्षा परिषद की वैधता और प्रभावशीलता की सबस अहम शर्त है। उन्होंने जी4 देशों- ब्राजील, जर्मनी, जापान और भारत की ओर से यह बयान दिया था।

यह भी पढ़े:

सऊदी अरब ने दिखाई भारत से दोस्ती, वीजा के लिए भारतीयों को नहीं देना होगा ...

सऊदी अरब सरकार की ओर से भारतीयों को लेकर बड़ा फैसला किया गया है। अब किसी भी भारतीय को सऊदी अरब का वीजा अप्लाई करते समय पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट (पुलिस निकासी प्रमाणपत्र) जमा कराना अनिवार्य नहीं होगा। इससे काफी संख्या में भारतीयों को राहत मिलेगी।

सऊदी अरब: सरकार ने भारतीयों को लेकर बड़ा फैसला किया है। अब सऊदी अरब जाने के लिए भारतीय लोगों को वीजा अप्लाई करते समय पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट (पुलिस निकासी प्रमाणपत्र) की जरूरत नहीं होगी।

नई दिल्ली में सऊदी अरब दूतावास के अनुसार, किसी भी शख्स को सऊदी जाने के लिए वीजा लेते समय पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट जमा कराना अनिवार्य नहीं है।

सऊदी अरब दूतावास ने इस बारे में ट्वीट करते हुए कहा कि सऊदी अरब और भारत के बीच मजबूत संबंधों और रणनीतिक साझेदारी के मद्देनजर, किंगडम ने भारतीय नागरिकों को पुलिस निकासी प्रमाणपत्र (PCC) जमा करने से छूट देने का फैसला किया है।

वहीं बयान में दूतावास की ओर से सऊदी अरब में शांति से रहने वाले 20 लाख से ज्यादा भारतीय नागरिकों के योगदान की सराहना भी की गई है।

सऊदी अरब के फैसले पर भारत बोला- थैंक्यूसऊदी अरब सरकार के इस फैसले का भारत सरकार ने स्वागत किया है। सऊदी अरब में भारतीय दूतावास ने सऊदी सरकार के इस फैसले को लेकर धन्यवाद किया। भारत की ओर से कहा गया कि सऊदी अरब सरकार का इस फैसले किंगडम में रहने वाले 20 लाख से ज्यादा भारतीय लोगों को राहत मिलेगी।

सऊदी अरब सरकार के फैसले से भारतीयों को मिलेगी राहत दरअसल, किसी भी देश का वीजा लेना आसान काम नहीं होता है। उसके लिए काफी तरह के डॉक्यूमेंट्स जमा कराने पड़ते हैं। जिसके बाद जांच-पड़ताल होती है और सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद वीजा दिया जाता है।

ऐसे में पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट भी इसी प्रक्रिया का एक हिस्सा है। इस वजह से काफी संख्या में लोगों का समय भी बर्बाद होता है।लेकिन सख्त नियमों की वजह से यह जमा करवाना पड़ता है।

हालांकि, अब लोगों को सऊदी सरकार के इस फैसले से काफी राहत मिलेगी। भारत और सऊदी अरब के मजबूत हो रहे रिश्ते पिछले कुछ सालों में भारत और सऊदी अरब के बीच रिश्ते मजबूत हुए हैं।

खासतौर पर मोहम्मद बिन सलमान के सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस बनने के बाद सऊदी अरब का झुकाव भारत की ओर बढ़ता हुआ नजर आया है। खास बात है कि ना सिर्फ ऊर्जा बल्कि हेल्थ, डिफेंस जैसे सेक्टरों में दोनों देशों की साझेदारी में मजबूती आई है।

कोरोना काल में भी भारत और सऊदी अरब का नेतृत्व एक दूसरे के संपर्क में था। सितंबर महीने में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर भी दौरे पर सऊदी अरब पहुंचे थे, जहां उनकी दोनों देशों के संबंधों को और ज्यादा मजबूत करने पर चर्चा भी हुई थी।

Share this story