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Dadasaheb Phalke Death Anniversary 2023: फिल्मों का जुनून ऐसा कि पूरी संपत्ति रख दी गिरवी! भारतीय सिनेमा के पितामाह कहलाए...

Dadasaheb Phalke Death Anniversary 2023: फिल्मों का जुनून ऐसा कि पूरी संपत्ति रख दी गिरवी!  भारतीय सिनेमा के पितामाह कहलाए...

Dadasaheb Phalke Death Anniversary: साल 1910 की जब अमेरिका-इंडिया पिक्चर पैलेस में ‘द लाइफ ऑफ क्राइस्ट’ फिल्म देखने के बाद भारतीय सिनेमा की पहली फिल्म बनाने का सपना देखा था और इस सपने को उन्होंने पूरा किया उनके इस सफर में काफी मुश्किलें रही क्योंकि तब फिल्मों पर पैसे लगाने को लेकर कोई आगे भी नहीं आना चाहता था।

 

Dada saheb Phalke Death Anniversary: भारतीय सिनेमा के पितामाह कहे जाने वाले दादा साहेब फाल्के का आज ही के दिन साल 1944 में निधन हुआ था। 1870 को जन्में दादा साहेब ने 16 फरवरी 1944 को अलविदा कह दिया था।

 

 

दादा साहेब फाल्के का सिनेमा जगत में काफी महत्वपूर्ण योगदान रहा। दादा साहेब फाल्के ने भारत में पहली फिल्म बनाई थी। उनकी पहली फिल्म फुल लेंथ फीचर फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ का निर्माण किया था।

 

 

उनकी पहली फिल्म का नाम ‘द लाइफ ऑफ क्राइस्ट’ है, जो 1913 में बना कर तैयार की और रिलीज किया था।

 


इस फिल्म को बनाने के लिए दादा साहेब को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा था। सिनेमा की पहली फिल्म बनाई कई चुनौतियों को सामना करने के बाद फिल्म सफल हुआ।

 

 

आज उनके नाम का अवॉर्ड सिनेमा का प्रतिष्ठित अवॉर्ड माना जाता है।

 

 

 

 

इस फिल्म को देख आया आईडिया

 


उन्होंने साल 1910 की जब अमेरिका-इंडिया पिक्चर पैलेस में ‘द लाइफ ऑफ क्राइस्ट’ फिल्म देखने के बाद भारतीय सिनेमा की पहली फिल्म बनाने का सपना देखा था और इस सपने को उन्होंने पूरा किया।

 

उनके इस सफर में काफी मुश्किलें रही क्योंकि तब फिल्मों पर पैसे लगाने को लेकर कोई आगे भी नहीं आना चाहता था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और वह अपनी फिल्म बनाने में सफल रहे।

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करियर में 95 फिल्में और 27 शॉर्ट फिल्में बनाईं


करीब 6 महीने में उन्होंने अपनी पहली फिल्म बनाई। उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मूड कर नहीं देखा। दादा साहेब ‘राजा हरिशचंद्र’ के निर्माता, निर्देशक, लेखक, कॉस्ट्यूम डिजाइनर, लाइटमैन थे। इस फिल्म का सारा काम उन्होंने ही संभाला।

इस फिल्म को कोरोनेशन सिनेमा बॉम्बे में रिलीज किया गया था। उन्होंने अपने पूरे 19 साल के फिल्मी करियर में 95 फिल्में और 27 शॉर्ट फिल्में बनाईं। उन्होंने कई महिलाओं को फिल्मों के लिए काम दिया। सभी का करियर उन्होंने संवारा है।

16 फरवरी को हुआ निधन


दादा साहेब को भारतीय फिल्मों का जनक कहा जाता है। 19 सालों तक उन्होंने फिल्मों में सक्रिय योगदान दिया। इसके बाद 16 फरवरी 1944 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

उनकी मृत्यु के उपरांत भारत सरकार ने उनके नाम से 1969 में दादा साहेब फाल्के अवार्ड की शुरुआत की। देविका रानी ऐसी पहली एक्ट्रेस थीं जिन्हें इस अवॉर्ड से नवाजा गया था।

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