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UGC की नई गाइडलाइन! प्रोफेसर बनने के लिए जरूरी नहीं Ph.D की डिग्री, अब बिना NET और PHD के बन सकेंगे

UGC's new guidelines! Ph.D degree is not necessary to become a professor, now it can be done without NET and PHD

UGC Changed the Rules: UGC Chairman ने इस अवसर पर बताया कि एक राष्ट्र-एक डेटा पोर्टल विकसित किया जा रहा है, जिसमें यूजीसी के सभी दिशानिर्देश और अन्य विवरण होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि अगले शैक्षणिक वर्ष से शिक्षा की पारंपरिक पद्धति के साथ-साथ राष्ट्रीय डिजिटल विश्वविद्यालय के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सीधे छात्रों तक पहुंचाई जाएगी।

 

 

UGC Changed the Rules: असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर अपना करियर बनाने की सोच रहे हैं, लेकिन PhD की डिग्री रास्ते का रोड़ा बन रही है तो आपके लिए गुड न्यूज है। जी हां अच्छी खबर ये है कि यूजीसी ने असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए PhD की डिग्री की अनिवार्यता खत्म कर दी है।

 

 

 

इस बात की जानकारी UGC के चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने दी है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में Assistant Professor के पदों पर भर्ती के लिए पीएचडी अनिवार्य नहीं होगी। इसके लिए अब सिर्फ यूजीसी राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा यानी UGC NET में योग्यता पर्याप्त मानी जाएगी।

 

 


चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने उस्मानिया विश्वविद्यालय कैंपस में नवनिर्मित यूजीसी-एचआरडीसी भवन के उद्घाटन समारोह के दौरान बताया कि देश के विश्वविद्यालयों में पढ़ाने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए एक राहत भरी खबर है।

 

 

 

  खुशखबरी! प्रदेश के युवाओं को मिलेगा बेरोजगारी भत्ता, बस पूरी करनी होगी ये शर्त, हर महीने मिलेंगे इतने रुपये   

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पहले विश्वविद्यालयों में पढ़ाने के लिए पीएचडी की डिग्री अनिवार्य थी। लेकिन अब नए नियम से छात्रों को राहत मिलेगी।


UGC Chairman ने इस अवसर पर बताया कि एक राष्ट्र-एक डेटा पोर्टल विकसित किया जा रहा है, जिसमें यूजीसी के सभी दिशानिर्देश और अन्य विवरण होंगे।

उन्होंने यह भी बताया कि अगले शैक्षणिक वर्ष से शिक्षा की पारंपरिक पद्धति के साथ-साथ राष्ट्रीय डिजिटल विश्वविद्यालय के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सीधे छात्रों तक पहुंचाई जाएगी।

हाल ही में, यूजीसी की ओर से पीएचडी कोर्स को लेकर नए नियम लागू किए गए थे। नए नियम के तहत PhD के लिए उम्मीदवारों को एडमिशन की डेट से अधिकतम छह साल का समय दिया जाएगा।

उम्मीदवारों को री-रजिस्ट्रेशन के जरिए ज्यादा से ज्यादा दो साल का और समय दिया जाएगा। यूजीसी चेयरमैन ने इसकी जानकारी दी थी। नए नियम के तहत ऑनलाइन या डिस्टेंस लर्निंग से पीएचडी पर रोक लगा दी गई है। इससे पहले थीसिस जमा कराने से पहले शोधार्थी को कम से कम दो शोधपत्र छपवाना पड़ता था।

अब पीएचडी के नए नियमों में इसकी छूट दी गई है। रिसर्च की प्रक्रिया के दौरान दो रिसर्च पेपर छपवाने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है।

युवाओं को मिलेगा 2500 रुपए बेरोजगारी भत्ता, ये शर्त…

बेरोजगारी भत्ता योजना को स्वीकृति मिल गई है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो प्रदेश के युवाओं को अप्रैल महीने से बेरोजगारी भत्ता मिलना शुरु हो जाएगा। इस योजना को छत्तीसगढ़ रोजगार विभाग से मंजूरी मिल गई है।

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बेरोजगारी भत्ता उसे ही मिलेगा, जो छत्तीसगढ़ का मूल निवासी हो। आवेदक की उम्र 18 से 35 साल होगी। वहीं उसकी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास की होगी। आवेदक के माता पिता की वार्षिक आय 2.50 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिये।

परिवार में सिर्फ एक ही व्यक्ति को बेरोजगारी भत्ता मिलेगा।

कब से मिलेगा बेरोजगारी भत्ता ? रोजगार विभाग के सचिव टोपेश्वर वर्मा ने बताया 1 अप्रैल से प्रदेश के शिक्षित बेरोजगारों के 2500 रुपए हर महीने भत्ता देने की स्वीकृति मिल चुकी है। इसका आदेश जारी किया गया है। इसकी जानकारी प्रदेश के मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री सचिवालय, राज्यपाल के सचिव और प्रदेश के सभी रोजगार अधिकारियों को भेज दी गई है।

बेरोजगारी भत्ते के लिए नियम क्या है ?

  • इस योजना के तहत शिक्षित बेरोजगार युवा को एक साल के लिए भत्ता मिलेगा। अगर एक साल में नौकरी न मिले तो एक साल के लिए भत्ते की अवधिक को बढ़ाया जा सकता है। मगर किसी भी प्रकरण में ये अवधि दो साल से अधिक नहीं होगी।
  • आवेदक को छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना जरूरी है
  • उम्र 18 से 35 साल होनी चाहिए
  • कम से कम 12वीं पास होना जरूरी है
  • जिला रोजगार एवं स्वरोजगार केंद्र में पंजीकृत हों, या रोजगार पंजीयन दो साल पुराना हो
  • आवेदक की आय का कोई स्त्रोत न हो, परिवार की कुल आय 2 लाख 50 हजार सालाना हो इससे अधिक नहीं चलेगा, परिवार से मतलब पति, पत्नी या माता-पिता से है।

किसे नहीं मिलेगा बेरोजगारी भत्ता

  • एक परिवार से एक ही व्यक्ति को बेरोजगारी भत्ता मिलेगा, किसी परिवार में अगर एक शख्स को भत्ता मिल रहा है तो दूसरा अपात्र हो जाएगा।
  • परिवार में अगर किसी की ग्रुप डी या चतुर्थ श्रेणी की सरकारी नौकरी छोड़कर इसके अलावा अन्य स्तर पर सरकारी नौकरी है तो भत्ता नहीं मिलेगा।
  • किसी आवेदक को स्वरोजगार, सरकारी या प्राइवेट नौकरी का ऑफर है और आवेदन ऑफर स्वीकार नहीं करता है तो आवेदक को भत्ता नहीं मिलेगा।
  • पूर्व,वर्तमान मंत्री, राज्य मंत्री, सांसद, पूर्व या वर्तमान विधायक, निगम के पूर्व या वर्तमान महापौर, जिला पंचायत के पूर्व वर्तमान अध्यक्ष के परिवार के सदस्य को बेरोजगारी भत्ता नहीं मिलेगा।
  • पेंशन भोगी जो 10 हजार रुपए या उससे ज्यादा की मासिक पेंशन हासिल करते हैं उसके परिवार के सदस्य को भत्ता नहीं मिलेगा।
  • असेसमेंट ईयर में इनकम टैक्स भर चुके परिवार के सदस्य को भत्ता नहीं मिलेगा
  • इंजीनियर, डॉक्टर, वकील, CA, आर्किटेक्ट के परिवार से ताल्लुक रखने वालों को भत्ता नहीं मिलेगा।

कैसे मिलेगा बेरोजगारी भत्ता ?

  • बेरोजगारी भत्ते पूरी योजना की जानकारी रोजगार विभाग पंचायत विभाग और नगरीय प्रशासन विभाग की वेबसाइट पर होगी।
  • जनपद पंचायतें, नगर निगम, नगर पालिका पूरा रिकॉर्ड मेंटेन करेंगे, ग्रामीण इलाके में जनपद पंचायत, शहरी इलाके में नगर पालिका या नगर निगम में आवेदन होंगे।
  • ये नगरीय निकाय या ग्रामीण संस्थाएं ही परीक्षण करेंगी कि आवेदक भत्ते के लिए पात्र है नहीं यही संस्थाएं भत्ता स्वीकृत करेंगी।
  • जिन आवेदकों को जनपद, नगर निगम, नगर पालिका स्वीकृत करेंगे, उनको रोजगार विभाग भत्ते की राशि सीधे उनके बैंक खाते में भेजेगा।
  • भत्ता लेने वाले को रोजगार मिलने पर इसकी जानकारी देनी होगी। फिर नगरीय निकाय की मदद से भत्ता देना बंद कर दिया जाएगा।
  • हर 6 महीने में भत्ता हासिल करने वालों की जांच होगी कि कहीं उनकी नौकरी तो नहीं लगी।
  • भत्ता लेने वालों को स्वरोजगार के लि कौशल विकास की ट्रेनिंग दी जाएगी। अगर वो ट्रेनिंग में भाग लेने से इनकार करते हैं तो उनका भत्ता बंद कर दिया जाएगा।

रोजगार कार्यालय में कितने लोग रजिस्टर्ड

इसी विधानसभा सत्र में 11 दिन पहले सरकार से अपने लिखित सवाल में विधायक रजनीश सिंह ने पूछा है कि प्रदेश में कितने बेरोजगार पंजीकृत हैं ?

उच्च शिक्षा मंत्री से सवाल करते हुए पूछा है कि प्रदेश में कितने रोजगार चाहने वाले या शिक्षित बेरोजगार पंजीकृत हैं।

इनमें से कितने लोगों को शासकीय या निजी क्षेत्रों में रोजगार मिला ?

इस सवाल के लिखित जवाब में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने जानकारी दी, कि जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र की ओर से बेरोजगारों का पंजीयन नहीं किया जाता, बल्कि रोजगार चाहने वाले व्यक्तियों का रजिस्ट्रेशन किया जाता है।

पंजीकृत व्यक्तियों को 3 वर्ष तक रखा जाता है। 7 फरवरी 2023 की स्थिति में 18 लाख 79,126 लोग रजिस्टर्ड हैं। 2019 से अभी तक कुल 33,333 लोगों को सरकारी क्षेत्रों में और 50,725 लोगों को निजी क्षेत्र में नौकरी दी जा चुकी है ।

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