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स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में लगा शिक्षा मंत्रालय, छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर शिक्षकों को मिलेगा विशेष ...

स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में लगा शिक्षा मंत्रालय, छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर शिक्षकों को मिलेगा विशेष ...

यदि स्कूलों में पढ़ने वाला कोई भी बच्चा किसी भी विषय में कमजोर है और उस विषय को वो ठीक से समझ नहीं पा रहा तो  अब इसके लिए सिर्फ बच्चे को ही नहीं बल्कि उस विषय को पढ़ाने वाला टीचर को भी इसका जिम्मेदार माना जायेगा।

 

शिक्षा मंत्रालय : स्कूली शिक्षा में सुधार के लिए रोज नये नये प्रयास कर रहा है। अब इस कड़ी में शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक और नया प्रयास किया जा रहा है जिसके तहत अब यदि छात्रों का क्लास में प्रदर्शन ख़राब हुआ तो इसका जिम्मेदार शिक्षक को माना जायेगा और इसके लिए उसे विशेष ट्रेनिंग दी जायेगी।

 

 

यदि स्कूलों में पढ़ने वाला कोई भी बच्चा किसी भी विषय में कमजोर है और उस विषय को वो ठीक से समझ नहीं पा रहा तो  अब इसके लिए सिर्फ बच्चे को ही नहीं बल्कि उस विषय को पढ़ाने वाला टीचर को भी इसका जिम्मेदार माना जायेगा।

 

 

ऐसे कमजोर बच्चों के लिए स्कूलों में विशेष कक्षाओं का आयोजन किया जायेगा साथ ही जिस क्लास में आधे से अधिक बच्चों के सीखने की क्षमता यानी लर्निंग आउटकम तय मानकों के नीचे होगी तो उस क्लास में विषय विशेष को पढ़ाने वाले टीचर को पढ़ाने का विशेष प्रशिक्षण दिया जायेगा।

 

बनेगा नया मॉनीटेरिंग सेंटर 

 

शिक्षा मंत्रालय स्कूली शिक्षा को सुधारने के लगातार प्रयास कर रहा है और इसके लिए वो मॉनीटेरिंग सेंटर भी बना रहा है। शिक्षा मंत्रालय देश भर के सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डाइट) में विद्या समीक्षा केंद्र ( वीएसए) के नाम से एक नया मॉनीटरिंग सेंटर भी स्थापित करने जा रहा है।

 

 

इस मॉनीटरिंग सेंटर के मॉडल को NCERT द्वारा विकसित किया गया है। मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों से अपने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में ऐसा ही मॉनीटरिंग सेंटर विकसित करने का सुझाव दिया है।

 

मंत्रालय ने आगे बताया है कि ये एक ऐसा सेंटर होगा जिससे जिले के हर सरकारी स्कूल पर नजर रखी जा सकेगी। ये स्कूली शिक्षा के लिए अलग-अलग लेवल पर बनाये गए लर्निंग आउटकम के मानकों के आधार पर स्कूलों की गुणवत्ता की जाँच करेगा और उन्हें जरूरत के अनुसार, विषयों के प्रशिक्षण की सुविधा मुहैया करवाएगा। इसके लिए डाइट के बजट और वर्क फ़ोर्स पर काम चल रहा है।

शिक्षा मंत्री के निर्देश के बाद उठाये जा रहे हैं कठोर कदम 

शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने डाइट को सशक्त बनाने के लिए कई कठोर कदम उठाने का निर्देश दिया है जिसके बाद लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इसके अंतर्गत खाली पड़े पदों को भी जल्द से जल्द भरा जायेगा।

मंत्री के अनुसार, मंत्रालय लेवल पर हर सरकारी स्कूल को नहीं सुधारा जा सकता है सरकारी स्कूल को बेहतर बनाने के लिए डायट को सशक्त बनाया जायेगा और ये कार्य उस सौंपा जायेगा। वर्तमान में देश में करीब 15 लाख स्कूल हैं जिनमें से करीब 10 लाख सरकारी स्कूल हैं।

उल्लेखनीय है कि शिक्षा मंत्रालय ने निपुण भारत के अंतर्गत स्कूली शिक्षा के लर्निंग आउटकम के लिए नए मानकों को तैयार किया है अभी ये मानक केवल तीसरी कक्षा के लिए स्कूलों में पढ़ायें जाने वाली 20 भाषाओँ में तैयार किये गयें हैं।     

     

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