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राज्य सरकार ने बढ़ाई विधायक व मंत्रियों की सैलरी, जानिए कितनी है मुख्यमंत्री सहित विधायक व मंत्रियों की सैलरी

Kejriwal government: राज्य सरकार ने बढ़ाई मंत्री-विधायकों का वेतन, अब मिनिस्टर्स को 136 तो MLA को 66 प्रतिशत ज्यादा सैलेरी

Kejriwal government: जुलाई, 2022 में दिल्ली विधानसभा ने विधायकों और मंत्रियों की सैलरी में बढ़ोतरी का प्रस्ताव पास किया था। इस प्रस्ताव को राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद दिल्ली सरकार के लॉ डिपार्टमेंट ने वेतन बढ़ोतरी का नोटिफिकेशन जारी किया है।

 

Kejriwal government: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली सरकार के उस प्रस्ताव को हरी झंडी दें दी हैं जिसमे राज्य के मंत्रियों और विधायकों का वेतन बढ़ाने मांग की गई थी।

 

 

 

इस प्रस्ताव के पास होने के बाद दिल्ली के केजरीवाल सरकार के मंत्रियों के सैलेरी में 136 प्रतिशत तो वही विधायकों के वेतन में 66 फ़ीसदी का इजाफा हो गया हैं।

 

 

 

इस बढ़ोत्तरी के तहत अब विधायकों को हर महीने 90 हजार रुपये मिलेंगे। जबकि मंत्रियों और मुख्यमंत्री का वेतन अब 1 लाख 70 हजार रुपए प्रति महीने हो गया है।

 

 

 

जुलाई, 2022 में दिल्ली विधानसभा ने विधायकों और मंत्रियों की सैलरी में बढ़ोतरी का प्रस्ताव पास किया था।

इस प्रस्ताव को राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद दिल्ली सरकार के लॉ डिपार्टमेंट ने वेतन बढ़ोतरी का नोटिफिकेशन जारी किया है।

12 साल बाद बढ़ी सैलरी

दिल्ली में 12 साल बाद विधायकों की सैलरी बढ़ी है। 14 फरवरी 2023 से विधायकों को 90 हजार रुपए सैलरी मिलेगी। जबकि, मुख्यमंत्री, मंत्री, स्पीकर और विपक्ष के नेता को 1.72 लाख रुपए मिलेंगे।

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इनमें से 70 हजार रुपए उन्हें पहले ही मिल जाएंगे। 4 जुलाई 2022 को विधायकों, मंत्रियों और मुख्यमंत्री की सैलरी बढ़ाने को लेकर 5 प्रस्ताव पास किए गए थे। 

अभी तक विधायकों को बेसिक सैलरी के तौर पर 12000 रुपए मिलते थे। अब यह बढ़ाकर 30 हजार रुपए कर दिया गया। इसके अलावा डीए को 1000 रुपए से बढ़ाकर 1500 रुपए कर दिया गया।

नए प्रस्ताव के मुताबिक, अब विधायकों को भत्तों समेत 90 हजार रुपये हर महीने मिलेंगे। 

तेलंगाना में सबसे ज्यादा मिलती है सैलरी

भारत में विधायकों को सबसे ज्यादा सैलरी तेलंगाना में मिलती है।  यहां सभी भत्तों को मिलाकर एक विधायक को हर महीने 2.5 लाख रुपये मिलते हैं। दिल्ली की AAP सरकार ने दिसंबर 2015 में विधायकों की सैलरी बढ़ाने का प्रस्ताव पास किया था।

  इसमें विधायकों की सैलरी 54 हजार से बढ़ाकर 2.10 लाख महीना करने का प्रस्ताव था, लेकिन इस बिल को केंद्र ने रद्द कर दिया था। 

इस मामले में भाजपा का कहना था कि 2015 का प्रस्ताव नियमों का उल्लंघन करके पास किया गया था। इस वजह से उसे मंजूरी नहीं मिली इतना ही नहीं केंद्र ने AAP सरकार से प्रस्ताव में कुछ परिवर्तन करने की सलाह भी दी थी। 

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