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कोरोना के नए वैरिएंट 'आईएचयू' के प्रसार पर आई नई स्टडी, जानें कितना खतरनाक

कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रोन

फ्रांस में मिले कोरोना के नए वैरिएंट 'आईएचयू' पर अध्ययन करने के बाद राहत देने वाली खबर सामने आई है। दरअसल, इस अध्ययन में पता चला है कि 'आईएचयू' वैरिएंट का प्रसार बेहद कम है और इससे घबराने की जरूरत नहीं है। इस वैरिएंट से संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या बहुत कम है। शोधकर्ताओं ने कहा कि अभी आईएचयू (IHU) वेरिएंट पर अटकलें लगाना जल्दबाजी होगी क्योंकि अब तक कम संख्या में लोग इसकी चपेट में आए हैं । हालांकि नए वैरिएंट के व्यवहार की जांच अभी बहुत प्रारंभिक चरण में है। इस सप्ताह की शुरुआत में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी कहा था कि 'आईएचयू' वैरिएंट अब तक ज्यादा खतरा नहीं बना है।

 

जानें यह वैरिएंट पहली बार कब मिला था

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक कोरोना का नया वैरिएंट आईएचयू  अभी तक सिर्फ फ्रांस में मिला है और यह किसी दूसरे देश में नहीं पाया गया है। डब्ल्यूएचओ  की एक रिपोर्ट के अनुसार, आईएचयू वेरिएंट के पहले मामले के बारे में नवंबर 2021 के मध्य में ही पता चल गया था। यह ओमिक्रॉन की आधिकारिक खोज यानी 24 नवंबर 2021 से पहले का है।


कैसे पड़ा आईएचयू नाम?

वेरिएंट बी.1.640 का एक उप-जाति है और इस नए वेरिएंट की खोज की घोषणा वैज्ञानिक डिडिएर राउल की अगुवाई में फ्रांस के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल इंस्टीट्यूट्स (आईएचयू) के मेडिटेरेनी इंफेक्शन इन मार्सिले के शोधकर्ताओं ने की है, इसलिए इसका नाम आईएचयू रखा गया। इसे बी.1.640.2 के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

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