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COVID-19: चुनावी सीजन आते ही भारत में कोरोना ने दी फिर दस्तक 614 नए कोरोना मरीज मिले, राष्ट्रीय रिकवरी दर 98.81 फीसदी; केरल में तीन की मौत

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COVID-19: भारत में एक बार फिर कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ने लगा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में केरल में 292 कोविड-19 के नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें तीन की मौत हो चुकी है। भारत में 614 नए कोरोनावायरस के मामले दर्ज किए गए हैं। यह 21 मई के बाद से सबसे अधिक है। इसी के साथ सक्रिय मामले बढ़कर 2,311 हो चुके हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी डेटा में बताया गया कि देश में कोविड-19 मामलों की संख्या बढ़कर अब 4.50 करोड़ हो चुकी है।कोरोनावायरस से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर अब 4,44,70,346 हो गई है। वहीं राष्ट्रीय रिकवरी दर 98.81 फीसदी हो चुकी है। मृत्यु दर फिलहाल 1.19 प्रतिशत है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश भर में 220.67 कोविड टीकों की खुराक दी जा चुकी है। 


फिर बढ़ने लगा कोरोनावायरस का संक्रमण


केरल में कोरोनावायरस के 292 मामले दर्ज किए गए हैं। इसी के साथ केरल में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 2041 हो गया है। तीन मौत के साथ केरल में तीन साल से कोरोनावायरस के कारण होने वाले मौतों के आंकड़ों की संख्या अब बढ़कर 72,056 हो चुकी है। पिछले 24 घंटों में 224 मरीज या तो ठीक हो चुके हैं या फिर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। अबतक कोविड का मामला बढ़कर 68,37,203 हो चुका है।

मंगलवार को राज्य स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि केरल में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि राज्य इस संक्रमण से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 मरीजों के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान करने और अस्पतालों में आइसोलेशन वॉर्ड, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

केंद्र स्वास्थ्य मंत्री ने की उच्च स्तरीय बैठक 


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को कोरोना के बढ़ते मामलों और सांस लेने संबंधी बीमार लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्यों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों, अधिकारी समेत कई लोग शामिल हुए। इस दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं और तैयारियों के साथ ही संक्रमण की रोकथाम के उपायों पर चर्चा की गई। आईसीएमआर के निदेशक डॉ. राजीव बहल, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल और आईसीएमआर की पूर्व महानिदेशक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने भी इस बैठक में भाग लिए।

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