×

मदिरा प्रेमियों के लिए बुरी खबर! अब नहीं मिलेगा ब्रांडेड शराब, दुकानों पर मिल रहे लोकल ब्रांड

chhattisgarh sharab news

शराब दुकानों में बदलते हालात: ब्रांडेड शराब की आपूर्ति बंद, अस्वीकृति के चलते लाइसेंस रिन्यूअल बाधित

 

बिलासपुर, छत्तीसगढ़।  शराब के शौकीनों के लिए बुरी खबर है, क्योंकि पिछले महीने दुकानों में ब्रांडेड शराब की आपूर्ति बंद हो गई है। इसका कारण है कि नए वित्तीय वर्ष में लाइसेंस रिन्यूअल नहीं करवाए जा सके हैं। बिलासपुर स्थित डिपो में भी बड़े ब्रांडों की शराब की कमी देखी जा रही है। आबकारी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, यह विषय प्रदेश भर में प्रभाव दिखा रहा है।

 

पिछले कुछ महीनों में रायगढ़ शहर में प्रीमियम दुकानें खोली गईं थीं, जहां गिनती के ब्रांड की शराब का स्टॉक उपलब्ध था। लेकिन अब यहां भी बड़े ब्रांड की शराब की कमी दिखाई दे रही है। दुकानों में ब्रांडेड शराब की आपूर्ति बंद होने की वजह से आबकारी विभाग के ये दुकानें इस तरह की स्थिति में पहली बार आए हैं। कुछ महीने पहले तो सभी दुकानें शराब की कमी के कारण समस्याग्रस्त हो गई थीं।

सूत्रों के मुताबिक, एफएल-10 लाइसेंस के नवीनीकरण का कार्य नहीं किया जा सका है। जिन दुकानों के पास ये लाइसेंस हैं, उन्हें अब ईडी की जांच के घेरे में रहना पड़ रहा है और वे अपना लाइसेंस रिन्यूअल नहीं करवा रहे हैं। इसके अलावा दूसरे दुकानदार भी नए लाइसेंस लेने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं।

शराब दुकानों में पॉपुलर ब्रांडों जैसे आईबी, नंबर वन, आरएस, ब्लेंडर्स प्राइड, रेड लेबल, 100 पाइपर आदि की शराब नहीं मिल रही है। प्रीमियम दुकानों में कुछ ब्रांड की बोतलें उपलब्ध हैं, लेकिन यहां भी उनकी स्टॉक जल्दी समाप्त हो जाएगी।

अन्य दुकानों में रॉयल प्राइड, एसी ब्लैक, एसी नीट, फ्रंटलाइन जैसी स्थानीय ब्रांड की शराब मिल रही है। इन ब्रांड की कीमतों पर भी कुछ संदेह है।

रायपुर और बिलासपुर डिपो में भी बड़ा ब्रांड की शराब उपलब्ध नहीं है। इसकी वजह से आबकारी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, ईडी जांच के चलते यही स्थिति बनी रह सकती है। यह समस्या खासकर कोचिए को नुकसान पहुंचा रही है,

क्योंकि ओडिशा की सीमा के पास स्थित दुकानों से ब्रांडेड शराब आयात की जा रही है और यहां बेची जा रही है। इसके अलावा बड़े होटलों में भी ओडिशा की शराब सर्विस की जा रही है।

यह अपडेट शराब के प्रेमी लोगों के लिए निराशाजनक साबित हो रहा है, जबकि आबकारी दुकानदार और आबकारी विभाग के अधिकारी इस समस्या को हल करने के लिए कठिनाईयों का सामना कर रहे हैं।

Share this story