today gold price 22 november 2022: शादी के सीजन में आराम से बनवाए गहने, सोने चाँदी के दाम में भारी गिरावट...जानिए आज का ताज़ा भाव...
Gold-Silver Price Today, 22th November: शादियों का सीजन शुरू हो चुका है। ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही थी कि सोने और चांदी के दाम चढ़ेंगे, लेकिन खुशखबरी ये है कि शादी के लग्न के पहले दिन यानी 21 November 2022 को सोना और चांदी के दाम में बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी। पिछले कारोबारी हफ्ते के अंतिम दिन जितने दाम चढ़े थे, उतनी ही तेजी से दाम इस कारोबारी हफ्ते के पहले दिन दाम गिर गए।
शादी सीजन में सोना- चांदी कीमतों में गिरावट
वहीं आज यानी मंगलवार 22 November 2022 को सोना की कीमते 547 रुपये प्रति 10 ग्राम तो चांदी 878 रुपये प्रति किलो की दर से सस्ती हुई। इसके बाद सोने की कीमत गिरकर करीब 51,400 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 60,400 रुपये प्रति किलो का भाव रहा। बात अगर दाम की करें तो बीते सोमवार को
24 कैरेट वाला सोना 547 रुपये सस्ता होकर 52,406 रुपये,
23 कैरेट वाला सोना 545 रुपया सस्ता होकर 52,196 रुपये,
22 कैरेट वाला सोना 501 रुपया सस्ता होकर 48,004 रुपये,
18 कैरेट वाला सोना 410 रुपया सस्ता होकर 39,305 रुपये और 14 कैरेट वाला सोना 320 रुपये सस्ता होकर 30,658 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुआ।
https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-2953008738960898" crossorigin="anonymous">इस तरह कारोबारी हफ्ते के पहले दिन यानी सोमवार को सोना 547 रुपये प्रति 10 ग्राम की दर से सस्ता होकर 52,406 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुआ। जबकि पिछले कारोबारी दिन शुक्रवार को सोना 59 रुपये प्रति 10 ग्राम की दर महंगा होकर 52,953 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुआ था।
वहीं चांदी 878 रुपये की गिरावट के साथ 60,442 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई। जबकि शुक्रवार को चांदी 67 रुपये प्रति किलो की दर से उछल कर 61,320 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई थी।
कैसे करें 22 और 24 कैरेट सोने में अंतर
24 कैरेट गोल्ड 99.9 प्रतिशत शुद्ध होता है और 22 कैरेट लगभग 91 प्रतिशत शुद्ध होता है। 22 कैरेट गोल्ड में 9% अन्य धातु जैसे तांबा, चांदी, जिंक मिलाकर जेवर तैयार किया जाता है। जबकि 24 कैरेट सोना सबसे शुद्ध होता है, बता दें कि 24 कैरेट सोने के आभूषण नहीं बनाए जा सकते। इसलिए ज्यादात्तर दुकानदार 22 कैरेट में सोना बेचते हैं।
किस कैरेट का सोना कितना होता है शुद्ध
- 24 कैरेट का सोना 99.9 फीसदी।
- 23 कैरेट का सोना 95.8 फीसदी।
- 22 कैरेट का सोना 91.6 फीसदी।
- 21 कैरेट का सोना 87.5 फीसदी।
- 18 कैरेट का सोना 75 फीसदी।
- 17 कैरेट का सोना 70.8 फीसदी।
- 14 कैरेट का सोना 58.5 फीसदी।
- 9 कैरेट का सोना 37.5 फीसदी।
कैसे पहचाने सोने की शुद्धता (How to Check Gold Purity) (International Organization for Standardization) अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन द्वारा सोने की शुद्धता पहचानने के लिए हॉल मार्क दिए जाते हैं। 24 कैरेट सोने के आभूषण पर 999, 23 कैरेट पर 958, 22 कैरेट पर 916, 21 कैरेट पर 875 और 18 कैरेट पर 750 लिखा होता है। ज्यादातार सोना 22 कैरेट में बिकता है, वहीं कुछ लोग 18 कैरेट का इस्तेमाल भी करते हैं।
कैरेट 24 से ज्यादा नहीं होता, और जितना ज्यादा कैरेट होगा, सोना उतना ही शुद्ध होगा.सोना ऐसी धातु है जिसकी खरीदारी शादी-ब्याह, सगाई और गिफ्ट देने से लेकर छोटे और बड़े मौके के लिए लोग अपने सामार्थ्य के अनुसार खरीदते हैं। सोना खरीदने की इच्छा हर किसी के मन में होती है। खासकर महिलाएं किसी भी मौके पर सोना खरीदने के लिए तैयार रहती हैं। क्योंकि स्पेशल मौके से लेकर आम दिनों में भी महिलाएं सोना पहनती हैं।
हिंदू धर्म में भी सोने का खास महत्व होता है क्योंकि सोना-चांदी जैसे धातु को कुबेर का भंडार कहा जाता है। बीआईएस मार्क-हर ज्वैलरी पर भारतीय मानक ब्यूरो का ट्रेडमार्क का लोगो होगा। कैरेट में प्योरिटी-हर ज्वैलरी की कैरेट या फाइनेंस में प्योरिटी होगी।
916 लिखा है तो इसका मतलब यह है कि ज्वैलरी 22 कैरेट के गोल्ड (91.6 फीसदी शुद्धता) की है।अगर 750 लिखा है तो इसका मतलब यह है कि ज्वैलरी 18 कैरेट (75 फीसदी शुद्ध) गोल्ड का है। अगर 585 लिखा है तो इसका मतलब कि ज्वैलरी 14 कैरेट गोल्ड (58.5 फीसदी) का है।
हर ज्वैलरी पर एक विजिबल आइडेंटिफिकेशन मार्क होगा जो हॉलमार्क सेंटर का नंबर होगा। ज्वैलरी पर एक विजिबल आइडेंटिफिकेशन मार्क होगा ज्वैलर कोड के रूप में, यानी यह किस ज्वैलर के यहां बना है, उसकी पहचान होगी। वैसे तो हर दुकानदार अपने बेचे गए गहने को मार्केट में चल रहे रेट के अनुसार वापस लेने का दावा करता है।
लेकिन अगर आप उसके पास जाएंगे तो जरूरी नहीं कि दावे के अनुरूप ही मुनाफा मिले और सोना वाकई उतना शुद्ध हो जितना कि उसने दावा किया था। ऐसे में सोने के लिए हॉलमार्क को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शुद्धता का पैमाना माना जाता है जिसमें यह गारंटी होती है कि सोना शुद्ध है।
सोना खरीदने का शुभ दिन
सोने की खरीदारी करने का सबसे शुभ दिन अक्षय तृतीया और धनतेरस होता है। इस दिन सोना खरीदने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, और ऐसा कहा जाता है इस दिन खरीदी गई चीजों पर कई गुणा वृद्धि होती है। इसके अलावा आप अन्य समय में सोना खरीदना चाहते हैं तो आप सप्ताह के रविवार और गुरुवार के दिन सोना खरीद सकते हैं। ज्योतिष में ये दोनों ही दिन सोना खरीदने के लिए शुभ बताए गए हैं।
सप्ताह के इन दिनों में सोना खरदीने पर मां लक्ष्मी के साथ भगवान सूर्य की भी कृपा प्राप्त होती है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। सोना खरीदते समय इन चार बातों को रखें ध्यान, वरना होगा भारी नुकसान लोग सोना खरीदते हैं,लेकिन खरीदारी से पहले कई बार कुछ बातों का ध्यान नहीं देते, जिसकी वजह से उन्हें परेशानी होती है। ऐसे में अगर आप सोने के गहनों की खरीदारी का मन बना ही चुके हैं, तो इन पांच बातों पर जरूर ध्यान दें।
हॉलमार्क
भारतीय मानक ब्यूरो यानी बीआईएस का हॉलमार्क सोने की शुद्धता सुनिश्चित करता है। यही वजह है कि हॉलमार्क वाले आभूषण खरीदारी के लिहाज से सबसे सुरक्षित मान जाते हैं। कई बार हॉलमार्क के गहनों की कीमत भी अलग-अलग दुकानों पर अलग-अलग हो सकती है। इसलिए कई जगहों पर जानकारी लेकर उपयुक्त जगह से ही हॉलमार्क सोना खरीदें।
सोना 18 कैरेट और उससे कम, 22 कैरेट और 24 कैरेट जैसे शुद्धता के विभिन्न वेरिएंट में आता है। हॉलमार्क वाली ज्वैलरी खरीदना बेहतर है ताकि आप शुद्धता को लेकर सुनिश्चित रहें। साथ ही जब भी सोना खरीदें तो उसका वजन चेक जरूर करें। सोना किराने के सामान जैसा नहीं है। यह बहुत महंगा हो गया है और इसकी लागत बहुत अधिक है। सोना खरीदने से पहले पर्याप्त रिसर्च कर लें।
मेकिंग चार्जेस पर मोलभाव
मेकिंग चार्ज अलग-अलग गहनों के मुताबिक अलग-अलग होता है जिसे ज्वेलर्स सोने के गहने बनाने के मेहनताने के रूप में लेते है।ऐसे में ज्वेलरी खरीदते वक्त अलग-अलग जगहों के मेकिंग चार्ज की जानकारी जरूर ले। जिससे आपके गहने की कीमत में कम से कम मेकिंग चार्ज हो और सोना या मेटल अधिक हो।
जब भी आप गहने बेचेंगे, मेकिंग चार्ज की कीमत का नुकसान तो होगा ही क्योंकि बेचते वक्त तो आपको सोने की कीमत ही मिलेगी।
ऐसे में कम से कम मेकिंग चार्ज वाली खरीदारी ही फायदे का सौदा है। सोने की ज्वेलरी खरीदते वक्त मेकिंग चार्जेज जानना बेहद जरूरी है। सौदेबाजी करना और मेकिंग चार्ज को कम करना और भी जरूरी है।ज्वेलरी के मेकिंग चार्जेस पर आपको मोलभाव करना चाहिए। याद रखें ये शुल्क गहनों की लागत का 30 प्रतिशत तक हो सकते हैं। आप इन्हें कम करने के लिए मोलभाव जरूर करें।
बिल लेना न भूलें
सोना जब भी खरीदें तो उसका बिल जरूर लें। आप अगर कुछ वर्षों के बाद उसी सोने को लाभ पर बेचते हैं, तो आपको कैपिटल गैन टैक्स की गणना के लिए खरीदारी का मूल्य पता होना चाहिए।
इसके लिए बिल प्रूफ का काम करेगा। ज्वेलर की तरफ दिए जाने वाले बिल में आपके खरीदे गए सोने या चांदी के जेवर की शुद्धता के अलावा उसका रेट और वजन का विवरण होता है।आपके पास आभूषणों का बिल नहीं होगा तो सुनार आपसे मनमाने भाव पर सोना खरीदने की कोशिश करेगा। इससे आपको नुकसान होगा।