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Petrol-Diesel Price today: पेट्रोल-डीजल के दाम में भारी गिरावट?, जानिए क्या हैं आपके शहर में तेल का कीमत...

Petrol-Diesel Price today: पेट्रोल-डीजल के दाम में भारी गिरावट?, जानिए क्या हैं आपके शहर में तेल का कीमत... 

Petrol Diesel Latest Price: ग्‍लोबल मार्केट में कच्‍चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है। फिलहाल आज कच्चे तेल की कीमतों में किसी तरह के बदलाव नहीं हुए हैं। इस बीच आज सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के नए कीमत सुबह 6 बजे जारी कर दिए।

 

शुक्रवार सुबह जारी हुए नए कीमत में पेट्रोल-डीजल के भाव में कुछ एक जगहों में पेट्रोल-डीजल महंगा हुआ तो वहीं कहीं-कहीं दाम में बदलाव देखे गए हैं। हालांकि, आज भी दिल्‍ली-मुंबई सहित देश के चारों महानगरों में तेल के दाम नहीं बदले हैं। इधर मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ में भी कीमतों में किसी तरह के बदलाव नहीं हुए है।

 

सरकारी कंपनियों द्वारा जारी की गई नई कीमतों के मुताबिक, देश की राजधानी दिल्ली में आज पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपये और डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर है। वहीं, मंबई में पेट्रोल की कीमत 106.31 रुपये और डीजल की कीमत 94.27 रुपये प्रति लीटर बनी हुई है।

इसके अलावा कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 106.03 रुपये है जबकि डीजल की कीमत 92.76 रुपये प्रति लीटर है। चेन्नई में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 102.63 रुपये और डीजल की कीमत 94.24 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर है।

SMS से चेक करें अपने शहर में पेट्रोल-डीजल का भाव

 राज्य स्तर पर लगने वाले टैक्स के कारण विभिन्न राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अलग-अलग होती हैं। आप एक SMS के जरिए रोज अपने शहर में पेट्रोल-डीजल की कीमत जान सकते हैं। इसके लिए इंडियन ऑयल (IOCL) के ग्राहकों को RSP कोड लिखकर 9224992249 नंबर पर भेजना होगा। अपने शहर का RSP कोड जानने के लिए यहां क्लिक करें।

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पेट्रोल-डीजल के रेट जल्द हो जाएंगे 150 रुपए प्रति लीटर के पार? ये है बड़ी वजह

Petrol-Diesel Latest Update: भारत में यदि पेट्रोल-डीजल की कीमतों की बात की जाए तो अभी रेट 100 रुपए प्रति लीटर के आस-पास है। अभी कुछ महीनों से तेल के रेट में किसी भी प्रकार कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि इसका कारण देश के अलग-अलग राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव को भी बताया जा रहा है।

इसी बीच बहुत ही महत्वपूर्ण खबर सामने आ रही है। दरअसल रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों से अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए रूस ने सस्ते दामों पर कच्चा तेल बेचने का तरीका निकाला। इसका फायदा भारत और चीन जैसे क्रूड ऑइल के बड़े उपभोक्ता देशों को हुआ, लेकिन अब जल्द ही इस व्यवस्था पर संकट आ सकता है।

वजह पश्चिमी देश रूस से आने वाले कच्चे तेल की कीमतों पर कैपिंग करने पर विचार कर रहे हैं। अब देखना ये है कि क्या इसका असर भारत पर भी पड़ेगा, और हिंदुस्तान में पेट्रोल के दाम बढ़ेंगे?

 

मिंट की एक खबर के मुताबिक यूरोपीय यूनियन के देशों ने रूसी कच्चे तेल की कीमत 65 से 70 डॉलर प्रति बैरल फिक्स करने का मन बनाया है। ये रूस में कच्चे तेल के उत्पादन की लागत से काफी ज्यादा है। इससे इतनी ऊंची प्राइस कैप लगाने से रूस के कच्चे तेल के व्यापार को नुकसान होने की संभावना तो है, लेकिन रूस अभी भारी डिस्काउंट पर कच्चे तेल की बिक्री कर रहा है, तो संभव है कि इस कदम का असर उतना न पड़े।

G7 देश कर सकते हैं दाम तय

 खबर के मुताबिक सबसे पहले रूसी कच्चे तेल के लिए 65-70 डॉलर प्रति बैरल की प्राइस कैप G7 देश कर सकते हैं। जबकि ईयू के कई देशों का मानना है कि ये कीमत रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने से पहले की औसत कीमत के बराबर है। ये मौजूद परिस्थितियों के हिसाब से काफी ज्यादा है। इस संबंध मे यूरोपीय यूनियन के राजदूतों की एक बैठक बुधवार को हुई।

 सोचने वाली बात ये है कि रूसी तेल पर इस कैपिंग की जरूरत क्या है? दरअसल पशिमि देश दुनिया में तेल की कीमतें न बढ़ने देने के साथ-साथ रूस की आय को सीमित रखना चाहते हैं, ताकि रूस-यूक्रेन युद्ध में उसकी ताकत को कम किया जा सके। लेकिन भारत और चीन जैसे बड़े उपभोक्ता देशों की खरीद के चलते रूस इस बात से बहुत ज्यादा चिंतित नजर नहीं आ रहा, क्योंकि वो पहले से सस्ते दामों पर इन्हें तेल की बिक्री कर रहा है।

हालांकि प्राइस कैप लागू हो जाने के बाद अगर कंपनियां इससे काम कीमत पर कच्चा तेल खरीदती हैं, तो उन्हें शिपिंग, बीमा और वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी। इसी के साथ कई और सुविधाओं के वंचित कर दिया जाएगा और कच्चे तेल के व्यापार का जोखिम बढ़ जाएगा।

भारत में महंगा होगा पेट्रोल?

 यूक्रेन युद्ध के बाद से ही भारत बड़ी मात्रा में रूस से तेल खरीद रहा है। उसे ये तेल भारी छूट पर मिल रहा है. तभी तो पश्चिमी देशों के कड़े मिजाज के बावजूद दोनों देशों के बीच तेल का व्यापार जारी है। ऐसे में माना जा रहा है कि रूसी तेल पर प्राइस कैप का असर भारत पर भी पड़ेगा।

हालांकि अगर प्राइस कैप 65 से 70 डॉलर के बीच रहता है तो भारत के लिए यह वर्तमान जैसी ही स्थिति होगी क्योंकि भारत को रूस से कच्चा तेल अभी इसी कीमत के आस-पास मिल रहा है। हाल ही में पेट्रोलियम और गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने प्राइस कैप से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि भारत सरकार पर जी-7 और यूरोपीय यूनियन के प्राइस कैप को लेकर कोई दबाव नहीं है।

 

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