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बिहार में बिजली उपभोक्ताओं को लग सकता है महंगाई का झटका

बिहार में बिजली उपभोक्ताओं को लग सकता है महंगाई का झटका

पटना।  बिहार में बिजली उपभोक्ताओं को महंगाई का झटका लग सकता है. दरअसल बिहार में बिजली कंपनी ने नए वित्तीय वर्ष के लिए बिहार पावर रेगुलेटरी कमीशन के पास अपना नया ट्रैफिक पिटीशन फाइल कर दिया है. शुक्रवार को बिजली कंपनी के टैरिफ पिटिशन में बिजली की दर औसत 10% तक बढ़ाए जाने की बात कही गई है. बिजली कंपनी ने बिजली की खरीद और दूसरे मदों में खर्च बढ़ने की वजह से बढ़ोतरी की अनुशंसा की है. बिजली कंपनी के इस प्रस्ताव रेगुलेटरी कमीशन द्वारा अभी सुनवाई होनी है. सुनवाई के बाद ही यह तय होगा कि प्रस्ताव पर इस तरह का फैसला लिया जाए या नहीं.


नई दरें 1 अप्रैल 2022 से प्रभावी होनी है. बिजली कंपनियों द्वारा अपने ट्रैफिक टेरिफिकेशन में शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं के लिए 0 से 100 वाले स्लैब को खत्म किए जाने का प्रस्ताव दिया गया है. पिछले शहरी क्षेत्र में 0 के 100 यूनिट 101 से 200 यूनिट और 201 से अधिक तीन तरह के स्लैब थे. बिजली कंपनी की दलील है कि 0 से 100 यूनिट वाले स्लैब का शहरी क्षेत्र में अब कोई मतलब नहीं रह गया है. शहरी क्षेत्र के लगभग सभी घरों में टीवी, फ्रिज और वाशिंग मशीन समेत कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग किया जाता है, ऐसे में यह तय किया गया है कि शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं के लिए दो ही स्लैब रखे जाएं


पहला स्लैब 0 से 200 यूनिट का होगा और दूसरा स्लैब 201 यूनिट और उससे अधिक का होगा. बिजली कंपनी ने अपने टैरिफ प्रस्ताव में औद्योगिक उपभोक्ताओं की श्रेणी में एच टी आई एस के रूप में अधिसूचित किए जाने का भी निर्णय लिया है. मौजूदा समय में एचटी लाइन उपभोक्ताओं से यह पता नहीं कर पाता था चल पाता था कि उपभोक्ता औद्योगिक श्रेणी का है या फिर कोई कारोबारी अपना प्रतिष्ठान चला रहा है. स्मार्ट प्रीपेड मीटर के उवभोक्ताओ को भुगतान पर 3% तक लाभ देने का प्रस्ताव दिया गया है, हालांकि यह पहले से भी चल रहा है नए प्रस्ताव में इस में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. बिजली कंपनी के प्रस्ताव पर रेगुलेटरी कमीशन को अंतिम फैसला लेना है. रेगुलेटरी कमीशन फिलहाल इस मामले में सुनवाई करेगा और तब अपने फैसले पर पहुंचेगा.

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