कैमूर के सिरबिट गांव में पहुंचे दर्जनों बड़ी हस्तियां, भोजपुरी कलाकार से लेकर मंत्री सांसद व विधायक उपस्थित

बिहार। कैमूर जिले के सिरबिट गांव निवासी भाजपा के प्रदेश मंत्री वेदव्यास चौबे के द्वारा दो बेटियों के अन्नप्राशन के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें केंद्र और राज्य सरकार के दर्जनों मंत्री सांसद और विधायकों ने भाग लिया।
वही मनोरंजन को लेकर रितेश पाण्डेय, कल्लू, राकेश मिश्रा, काजल राघवानी, डीम्पल सिंह , अनुपमा यादव सहित दर्जनों भोजपुरी कलाकारों ने पूरी रात समा बांधी वही सभी अतिथियों के लिए नास्ता और भोजन की भी व्यवस्था की गई थी। इस संबंध मे परिजनों एवं रिश्तेदारों ने बताया कि बेटियां भी बेटों से कम नहीं है। बेटियां मुश्किल समय मे बेटों से ज्यादा सहयोग करती है।
अभी हाल में ही देश पर जब मुसीबत पड़ी तो बेटियों ने सबसे पहले राफेल जैसे फाइटर जेट से पाकिस्तान में घुसकर बदला लिया। इसलिए बेटी और बेटा में कोई फर्क नही करना चाहिए। वही क्षेत्र मे इस बात को लेकर चर्चा चल रही है की बेटा पैदा होने पर जश्न और कार्यक्रम किया गया था लेकिन वेदव्यास चौबे ने बेटी के अन्नप्राशन में इतने बड़े कार्यक्रम का आयोजन करके एक मीशाल कायम किया है।
भोजपुरी कलाकार रितेश पाण्डेय, कल्लू, राकेश मिश्रा,काजल राघवानी, डीम्पल सिंह, अनुपमा यादव सहित दर्जनों भोजपुरी कलाकारों ने पूरी रात समा बांधी। वही काफी संख्या मे लोगो ने इस कार्यक्रम में शिरकत किया।मंच से भारत माता की जयघोष करते हुए कलाकारों ने देश के वीर सपूतों को नमन किया। वही जब मनोज तिवारी ने दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए देश भक्ति गीत रितेश पाण्डेय, कल्लू और राकेश मिश्रा के साथ गाया तो पूरी महफिल मे उपस्थित सभी लोगों ने एक सूर से इस गीत को गाकर वीर सपूतों को नमन किया। वही मनोज तिवारी ने कहा कि मोदी जी का जो अभियान है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ उस अभियान को जन जन तक इस कार्यक्रम के माध्यम से वेदव्यास चौबे ने पहुंचाने का काम किया है।
वेदव्यास चौबे ने बिटिया के अन्नप्राशन मे इतने बड़े कार्यक्रम का आयोजन कर के वैसे लोगों के गाल पर तमाचा मारने का काम किया है जो बेटियों को गर्भ मे ही मारने का काम करते हैं। इस कार्यक्रम में पहुंचे जल शक्ति मंत्री भारत सरकार एवं बिहार के कई मंत्री और सांसद विधायकों ने वेदव्यास चौबे के द्वारा कराए गए कार्यक्रम का सराहना किया और कहा कि हमारे समाज में आज बेटियों को जो सम्मान मिलना चाहिए उसे देने का वेदव्यास चौबे ने भरपूर प्रयास किया है।