बिहार: गिद्धौर पंचमंदिर परिसर में सैंकड़ों वर्ष पुराने वटवृक्ष की शाखा टूटी
Hundreds of years old banyan tree branch broken in Giddhaur Panchmandir complex
गिद्धौर/जमुई । गिद्धौर के पंचमंदिर परिसर स्थित विशाल वट वृक्ष का आधा हिस्सा बिना आंधी-तूफान के ही अचानक से टूटकर धराशायी हो गया। घटना बीते शनिवार की देर शाम साढ़े पांच बजे की है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पंचमंदिर परिसर के भीतर का विशाल बरगद का पेड़ अचानक से ही टूटकर तेज आवाज के साथ उत्तर दिशा में गिर गया।
पेड़ की छोटी डाली और पत्ते गायत्री मंदिर के छत पर गिरे, वहीं बड़ा हिस्सा गायत्री मंदिर के आगे के छतदार चबूतरे के छत पर गिरा। हालांकि अभी भी पेड़ का बड़ा हिस्सा यथावत है।
इस घटना में किसी प्रकार की जान-माल की कोई क्षति नहीं हुई है। स्थानीय निवासी राजेश कुमार पाजो ने बताया कि यह बरगद का पेड़ सैंकड़ों वर्ष पुराना है।
हमने अपना बचपन इस पेड़ के नीचे खेल कर बिताया है। वहीं राजेन्द्र पंडित ने कहा कि यह पेड़ सैंकड़ों जीव-जंतुओं का घर है। यह कब से है, इसकी जानकारी नहीं है। लेकिन जबसे है ऐसा ही है।
स्थानीय शिक्षक राजवंश केशरी ने कहा कि पंचमंदिर के इस बरगद के पेड़ से व्यक्तिगत भावनाएं जुड़ी हुई हैं। शाखाओं से लटकते जड़ों में बहुत झूला झूले हैं। कई पीढियां बीत गई, लेकिन यह पेड़ इसी तरह खड़ा है।
https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-2953008738960898" crossorigin="anonymous">इसका कुछ हिस्सा इस तरह गिर जाने से पेड़ की मजबूती कम हो गई है। ऐसे में हवा के तेज झोंके को बची डालियां कब तक झेल पाएंगी यह देखना होगा।
बता दें कि पंचमंदिर के इसी पेड़ के नीचे सुहागन महिलाएं प्रतिवर्ष वट सावित्री पूजा के अवसर पर पूजा करने आती हैं।
टूटे शाखा से मुहल्ले के बच्चे पत्ते तोड़कर गाय-बकरियों के लिए ले गए। मंदिर का स्वामित्व गिद्धौर राज परिवार के पास है।
गिद्धौर के गायत्री मंदिर में गोष्ठी आयोजित कर, प्रशिक्षण दिया गया
गिद्धौर स्थित गायत्री ज्ञान मंदिर परिसर में गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें गायत्री ज्ञान मंदिर कौआकोल से सुरेश सिंह मुख्य रूप से मौजूद रहे।
उन्होंने गोष्ठी में गायत्री परिवार और गुरुदेव के आदर्शों को जन जन तक पहुंचने का प्रशिक्षण दिया। साथ ही गायत्री परिवार के सदस्यों के साथ क्वेश्चन-अंसार राउंड भी चला।
जिसमें उन्होंने सभी से सीधी बातचीत की और उनके सवालों और शंकाओं का जवाब दिया। जवाब पाकर सदस्यगण संतुष्ट नजर आए।
वहीं गोष्ठी में सुरेश सिंह ने आध्यात्म का दैनिक जीवन से जुड़ाव पर विशेष प्रकाश डालते हुए कई गूढ़ बातें बताईं और मन को काबू में रखने की बात कही।
इस मौके पर महेश लाल बरनवाल, अरुण प्रसाद बरनवाल, जयकिशोर प्रसाद बरनवाल, नवीन जयसवाल, भगवान दास केशरी, शिवनाथ यादव, रेणु देवी, सोनी देवी सहित गायत्री परिवार के अन्य सदस्य मौजूद रहे।