आखिर शराब पीते वक्त क्यों कहते हैं 'चीयर्स'? सेलिब्रेशन में लोग क्यों उड़ाते हैं शैंपेन? जानिए कारण  

What's the reason for doing cheers while drinking?

Why do people cheers before drinking wine?

 

After all, why do you say 'cheers' while drinking alcohol? Why do people blow champagne in celebration? know the reason

अकसर हाई फ़ाई पार्टी में बिना शराब के शबाब के पूरी नहीं होती।  जाम से भरे कांच के गिलास आपस में टकराकर महफिल में चीयर्स बोलते हुए शराब के शौकीन लोग एन्जॉय करते हैं। 

 

लेकिन आखिर शराब पीने के बीच इस चीयर्स शब्द का भला क्या मतलब है। क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर क्यों शराब पीने से पहले लोग आपस में अपने गिलास टकराकर चीयर्स बोलते हैं।

 

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 'चीयर्स' बोलने का क्या कारण हैं...

 

 

 

 

शराब पीने से पहले 'चीयर्स' करने की प्रक्रिया के बारे में कॉकटेल्स इंडिया यूट्यूब चैनल के संस्थापक संजय घोष उर्फ दादा बारटेंडर बेहद दिलचस्प बात बताते हैं। उनके मुताबिक, इंसान की 5 ज्ञानेंद्रियां होती हैं- आंख, नाक, कान, जीभ और त्वचा. जब शराब पीने के लिए लोग गिलास हाथों में उठाते हैं तो वे उसे सबसे पहले स्पर्श करते हैं। 

 

 

 इस दौरान आंखों से उस ड्रिंक को देखते हैं।  पीते वक्त जीभ से उस ड्रिंक्स का स्वाद महसूस करते हैं। इस दौरान नाक से उस ड्रिंक के एरोमा या सुगंध का ऐहसास करते हैं।  घोष के मुताबिक, शराब पीने की इस पूरी प्रक्रिया में बस कान का इस्तेमाल नहीं होता। 

 

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 इसी कमी को पूरी करने के लिए ही हम 'चीयर्स' करते हैं और कानों के आनंद के लिए गिलासों के टकराते हैं। माना जाता है कि इस तरह शराब पीने में पांचों इंद्रियों का पूरा इस्तेमाल होता है और शराब पीने का ऐहसास और खुशनुमा हो जाता है। 

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ऐसे हुई चीयर्स शब्द की शुरुआत

जहां तक चीयर्स शब्द की उत्पत्ति का सवाल है तो इसकी शुरुआत एक पुराने फ्रांसीसी शब्द chiere से मानी गई है। इस शब्द के जानकारों के अनुसार पहले इसका इस्तेमाल अपनी खुशी के भावों को प्रकट करने के लिए किया जाता था। 

बाद में किसी प्रक्रिया के लिए आतुरता या एक्साइटमेंट दिखाने के लिए भी इस शब्द का प्रयोग होने लगा। इसी को जोड़कर देखते हुए कहा जाता है कि अपना एक्साइटमें और पार्टी  में व्यक्ति कितना इंगेज है इसे दर्शाने के लिए लोग चीयर्स का इस्तेमाल करने लगे। 

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सेलिब्रेशन का क्यूँ करते शैंपेन का प्रयोग 


 

हमने जश्न के मौकों पर फिल्मी सितारों से लेकर स्पोर्ट्स जगत की हस्तियों तक को बोतल से शैंपेन उड़ाते हुए देखा है। उच्चवर्गीय समाज में भी बर्थडे, सालगिरह और दूसरे खुशी के मौकों पर शैंपेन वाला सेलिब्रेशन आम हो चुका है। 

आखिर ऐसा कब से किया जा रहा है? शैंपेन की जगह बीयर या दूसरी कोई शराब क्यों नहीं इस्तेमाल की जाती? घोष बताते हैं कि फ्रेंच रिवॉल्यूशन के बाद पहली बार जश्न के मौके पर शैंपेन का सार्वजनिक तौर पर इस्तेमाल किया गया। 

उस वक्त शैंपेन एक स्टेटस सिंबल हुआ करता था और इसे खरीदना आम लोगों के बस की बात नहीं थी। हालांकि, अब यह काफी सस्ता हो चुका है और मध्यमवर्गीय लोग भी इसे आसानी से खरीद सकते हैं। जिनके लिए शैंपेन महंगी है, वे सेलिब्रेशन में सस्ते विकल्प के तौर पर 'स्पार्कलिंग वाइन' का इस्तेमाल कर लेते हैं। 

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कैसे बनती है शैंपेन?

अब जानते हैं कि आखिर शैंपेन या स्पार्कल वाइन बनती कैसे है।  सबसे पहले अलग अलग तरह के ग्रेप्स का ज्यूस निकाला जाता है और उसमें कुछ पदार्थ मिलाकर उसका फर्मन्टेशन किया जाता है। 

 इसके लिए पहले इसे टैंक में भरकर रखा जाता है और लंबे समय यानी कई महीनों यानी कई सालों तक फर्मन्टेशन प्रोसेस में रखा जाता है।  इसके बाद इन्हें बोतल में भरा जाता है और बोतलों को कई सालों तक उल्टा करके रखा जाता है और जबल फर्मन्टेशन होने दिया जाता है। 

इससे इसमें कार्बनडाइऑक्साइन और एल्कोहॉल जनरेट होते हैं। लंबे समय तक ऐसा करने के बाद एक बार फिर इसके ढक्कन की जगह कॉर्क लगाया जाता है और उस वक्त इसे पहले बर्फ में रखा जाता है और प्रेशर से बर्फ और गंदगी बाहर आ जाती है।  इसके बाद फिर से बोतल को उल्टा करके कई दिन तक रखा जाता है और इसके बाद ये स्पार्कलिंग वाइन तैयार होती है। 

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शैंपेन की कहानी

शैंपेन के नाम की कहानी से पहले आपको बताते हैं कि सभी शैंपेन स्पार्कलिंग वाइन होती है, लेकिन इस मतलब ये नहीं है कि सभी स्पार्कलिंग वाइन शैंपेन हो। समझते हैं आखिर कैसे है!  दरअसल, जो शैंपेन है, वो फ्रांस में एक क्षेत्र है, जिसका नाम है शैंपेन, उससे संबंधित है। 

 यानी वो स्पार्कलिंग वाइन, जो फ्रांस के शैंपेन क्षेत्र में बनती है, उसे ही शैंपेन कहा जाता है। बल्कि अन्य देशों में जो स्पार्कलिंग वाइन बनती है, उसे अलग नाम से जाना जाता है। इटनी को अलग तो स्पेन के स्पार्कलिंग वाइन को अलग नाम से जाना जाता है। अगर ये भारत में बनी है तो इसे सिर्फ स्पार्कलिंग वाइन ही कहा जाएगा। 

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कितना एल्कोहॉल होता हैं शैंपेन में?

अब बात करते हैं कि शैंपेन या स्पार्कलिंग वाइन में कितना फीसदी एल्कोहॉल होता है। अगर एल्कोहॉल प्रतिशत के आधार पर बात करें तो इसमें 11 फीसदी तक एल्कोहॉल की मात्रा होती है और यह एक तरह से वाइन का प्रकार है।