खुशखबरी! आम से बनेगी वाइन,कैंसर व कई अन्य बीमारियों से लड़ने में करेगा मदद
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उत्तर प्रदेश सरकार की आम से भी शराब बनाने की तैयारी के बीच अच्छी खबर है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के वैज्ञानिकों ने लंबे शोध के बाद लंगड़ा और दशहरी आम से वाइन तैयार करने में काफी हद तक सफलता पा ली है।
इसे विश्वविद्यालय की एथिकल कमिटी को मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। वहां से मंजूरी मिलते ही कुछ और परीक्षण के दौर होंगे। इसके बाद इसका उत्पादन शुरू किया जा सकता है। आम से बनी वाइन की खासियत है कि इसमें प्रचुर मात्रा में मौजूद एंटी ऑक्सिडेंट और पॉलिफिनॉल इसे हार्ट, कैंसर और स्किन की बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनाते हैं।
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अगर आम से शराब बननी शुरू हो जाती है तो इसका काफी फायदा किसानों को मिलेगा। किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी।
बीएचयू के सेंटर ऑफ फूड साइंस एंड टेक्नॉलजी डिपार्टमेंट के वैज्ञानिक तमाम तरह के खाद्य पदार्थों को लेकर शोध में जुटे हैं। उत्तर प्रदेश में आम की बंपर फसल पर शोध के दौरान यह तथ्य सामने आया है कि हर साल 30 से 40 फीसदी आम खराब हो जाते हैं।
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ऐसे में संरक्षण के लिए आम के प्रॉडक्ट तैयार करने के दौरान आम के जूस में अंगूर की तरह अल्कोहल के अलावा हेल्थ टॉनिक के गुण मौजूद मिले। शोध आगे बढ़ने पर पता चला कि दशहरी और लंगड़ा किस्म से बनी वाइन में 9 से 12 फीसदी तक अल्कोहल रहेगा।
यह बाजार में उपलब्ध सामान्य बीयर से अधिक है लेकिन अंगूर से बनी वाइन से थोड़ा कम होगा।
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आम से वाइन बनाने वाले शोध की अगुवाई करने वाले सेंटर ऑफ फूड साइंस ऐंड टेक्नॉलजी डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर अभिषेक दत्त त्रिपाठी ने इस पर शोध किया। उन्होंने बताया कि आम की 6 किस्मों पर कई साल से शोध चल रहा है।
बंगनपल्ली, नीलम, तोतापरी, दशहरी और लंगड़ा से प्रॉडक्ट तैयार करने के दौरान पता चला कि लंगड़ा और दशहरी में वाइन और हेल्थ टॉनिक की सभी खूबियां सबसे ज्यादा हैं। शुरुआती शोध से साफ है कि आम से बनी वाइन पीने वालों की सेहत भी अच्छी रहेगी, क्योंकि इसमें पर्याप्त मात्रा में एंटी ऑक्सिडेंट और पॉलिफिनॉल मौजूद होगा।
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प्रो. त्रिपाठी का कहना है कि आम से बनी वाइन को बाजार में उतारने के लिए कंपनियां संपर्क कर रही है, लेकिन इसे अभी कई मापदंड पर खरा साबित करने को और परीक्षण की जरूरत है। यह विश्वविद्यालय की एथिकल कमिटी की मंजूरी मिलने पर ही संभव हो पाएगा।
जहां तक इसको तैयार करने पर आने वाले खर्च का सवाल है तो यह ज्यादा नहीं होगा। कमर्शल प्रॉडक्शन होने पर आम से बनी 650 एमएल की वाइन की बोतल की बाजार में कीमत दो सौ रुपये के आसपास होने का अनुमान है।
प्रदेश सरकार ने की पहल
उत्तर प्रदेश सरकार ने आम, लीची और जामुन से शराब बनाने की दिशा में पहल की है। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की ओर से 9 जुलाई को लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में शराब कंपनियों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है। सरकार का प्रयास है कि आम व अन्य फलों से शराब बनाने का तरीका निकल आए तो किसानों की आय काफी बढ़ जाएगी।