इमरान खान मामले में नया खुलासा, इमरान खान से पहले किस करीबी पत्रकार की केन्या में हुई थी हत्या

पत्रकार अरशद शरीफ(Arshad Sharif) अगस्त में पाकिस्तान से पहले दुबई और फिर केन्या चले गए थे। उनकी मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। केन्या पुलिस ने जहां इसे गलत पहचान का मामला बताया है वहीं पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने आरोप लगाया है कि शरीफ की हत्या की गई।

 

 

गृह मंत्री राणा सनाउल्ला ने कहा कि शुरुआती जांच में पता चला है कि पत्रकार अरशद शरीफ की केन्या में हत्या हुई थी, अरशद के के खिलाफ देशद्रोह और राजद्रोह के आरोप में मामला दर्ज किया था। 23 अक्टूबर को नैरोबी के पास पुलिस चौकी के निकट उन्हें गोली मार दी गई थी।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्ला ने मंगलवार को कहा कि शुरुआती जांच में पता चला है कि पत्रकार अरशद शरीफ की केन्या में “हत्या की गई” और यह गलत पहचान का मामला नहीं है।

जैसा कि स्थानीय पुलिस ने दावा किया है। शरीफ (49) ‘एआरवाई’ टीवी के एक पूर्व रिपोर्टर और टीवी एंकर थे और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ निकटता के लिए जाने जाते थे।

पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों ने इस साल की शुरुआत में उनके खिलाफ देशद्रोह और राजद्रोह के आरोप में मामला दर्ज किया था जिसके बाद वह केन्या भाग गए थे।

23 अक्टूबर को नैरोबी के पास पुलिस चौकी के निकट उन्हें गोली मार दी गई थी, जिससे देश में कोहराम मच गया था। केन्याई पुलिस ने बाद में कहा था कि यह गलत पहचान का मामला है।सनाउल्ला ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा नैरोबी भेजा गया दो सदस्यीय दल वापस आ गया है और उन्हें प्रारंभिक जांच के बारे में जानकारी दी है।

 मामले की जांच के लिए गठित टीम में संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के निदेशक अतहर वाहिद और आईबी के उमर शाहिद हामिद शामिल थे।

सनाउल्ला ने घटना के बारे में केन्याई पुलिस के दावे को खारिज करते हुए कहा, “प्रथम दृष्टया अरशद शरीफ की हत्या की गई. यह एक लक्षित हत्या थी और गलत पहचान का मामला नहीं था।”

उन्होंने कहा, “अगर यह हत्या है, जैसा कि प्रथम दृष्टया लगता है, तो केन्या में रह रहे दो भाई वकार अहमद और खुर्रम अहमद इस बारे में जानते होंगे।”

शरीफ केन्या में रहने वाले पाकिस्तानी मूल के दो भाइयों वकार और खुर्रम के यहां ठहरे हुए थे। मंत्री ने यह भी कहा कि जांच अभी भी अधूरी है और दल आगे की जांच के सिलसिले में दुबई भी जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस बीच, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल को एक पत्र लिखकर अरशद शरीफ की हत्या की निष्पक्ष और विश्वसनीय जांच कराने के लिए एक न्यायिक आयोग के गठन की मांग की।

उन्होंने शीर्ष न्यायाधीश से अदालत के सभी उपलब्ध न्यायाधीशों को शामिल करते हुए एक आयोग बनाने की अपील की है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कानून के शासन और सरकारी संस्थानों में जनता के विश्वास को बहाल करने के लिए एक आयोग का गठन महत्वपूर्ण है। शहबाज शरीफ ने न्यायाधीश को यह आश्वासन भी दिया कि उनकी सरकार आयोग को पूरा समर्थन देगी।

पत्रकार अरशद शरीफ अगस्त में पाकिस्तान से पहले दुबई और फिर केन्या चले गए थे, उनकी मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

केन्या पुलिस ने जहां इसे गलत पहचान का मामला बताया है वहीं पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने आरोप लगाया है कि शरीफ की हत्या की गई।