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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- राज्य में किसी भी कोरोना संक्रमित की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- राज्य में किसी भी कोरोना संक्रमित की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्र के तारांकित प्रश्न के उत्तर में कहा कि बिहार में किसी भी कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु ऑक्सीजन एवं उपकरणों के अभाव में नहीं हुई। इस पर प्रेमचंद मिश्र ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 30 फीसदी से अधिक मौते आईसीयू में इंफेक्शन की वजह से हुई। ये बातें एम्स पटना के वरीय डॉक्टरों ने कहीं, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री व तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भी मौजूद थे। 

इस पर, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों के प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को विषय-वस्तु की महत्ता की जानकारी देने के क्रम में आईसीयू में इंफेक्शन की बात कही गयी, मैं स्वयं उस कार्यक्रम में मौजूद था। मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा राज्य में विद्यमान चिकित्‍सा सुविधाओं को सुदृढ किया जा रहा है।

सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लिक्विड मेडिकल स्टोरेज टैंक की स्थापना की जा रही है। सभी मेडिकल कॉलेज, अनुमंडलीय अस्पताल व कुछ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मेडिकल गैस पाइपलाइन लगाया जा रहा है। बीएमएसआइसीएल के माध्यम से सभी जिला अस्पतालों को 10,924 बी.टाईप ऑक्सीजन सिलेंडर, 3696 डी. टाईप ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर उपलब्ध कराए गए है। वहीं, डी. टाइप 5000 की खरीद प्रक्रिया शुरू की गयी है। 

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मंगल पांडेय ने आगे बताया कि कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 30 व सदर अस्पतालों में 10-10 पेड्रियाटिक आईसीयू की स्थापना प्रक्रियाधीन है। मेडिकल कॉलेजों के पीकू वार्ड में ऑक्सीजन पाइप लगाया जा रहा है। राज्य के सरकारी अस्पतालों में 28,594 बेड तैयार स्थिति में हैं, जिनमें 16,986 बेड ऑक्सीजन आपूर्ति युक्त है एवं 2584 आईसीयू बेड है। वहीं, विभिन्न सरकारी अस्पतालों को 1150 वेंटिलेटर भी इमरजेंसी से निपटने के लिए उपलब्ध कराए गए हैं। 

विधान परिषद में प्रेमचंद मिश्र के एक अन्य प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि विधान पार्षद अपने कोटे से एंबुलेंस देने के पहले डीएम एवं डीडीसी से संपर्क करें। उन्होंने कहा कि एंबुलेंस संचालित करने के पूर्व उसके लिए ड्राइवर, ड्राइवर के वेतन, पेट्रोल के खर्च, उपकरणों के संचालन इत्यादि से जुड़े कार्यो व होने वाले खर्च की व्यवस्था की जा सके।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में सांसद, विधायक द्वारा ऐच्छिक कोष से अनुशंसित 54 एंबुलेंस का संचालन 102 के तहत किया जा रहा है। इन एंबुलेंसों के परिचालन राशि की उपलब्धता राज्य स्वास्थ्य समिति के माध्यम से की जाती है। इसके लिए पहले से बजट निर्धारित होता है, अचानक सभी सदस्य एंबुलेंस दे देंगे तो उसका संचालन मुश्किल हो जाएगा। मंत्री ने ललन कुमार सर्राफ के प्रश्न के उत्तर में कहा कि मधेपुरा स्थित जननायक कर्पूरी ठाकुर चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल को तीन माह के अंदर सभी संशाधनों से युक्त एंबुलेंस उपलब्ध करा दिया जाएगा।

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