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कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में नकदी बरामदगी मामले में झारखंड के तीन विधायकों को निलंबित किया

Congress suspends three Jharkhand MLAs in cash seizure case in West Bengal

Congress suspends three Jharkhand MLAs in cash seizure case in West Bengal

नयी दिल्ली।  कांग्रेस ने झारखंड के उन तीन विधायकों को रविवार को निलंबित कर दिया जिनके पास से पश्चिम बंगाल के हावड़ा में कथित तौर पर भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी।

कांग्रेस ने शनिवार को तीन विधायकों के पकड़े जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर झारखंड में उसकी गठबंधन सरकार को गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।

यहां अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीनों विधायकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने शनिवार को एक एसयूवी को रोका था, जिसमें हावड़ा के रानीहाटी में कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल कोंगारी राष्ट्रीय राजमार्ग-16 पर यात्रा कर रहे थे और कथित तौर पर वाहन में भारी मात्रा में नकदी मिली।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार को ट्विटर पर लिखा, ‘‘झारखंड में भाजपा का ‘ऑपरेशन लोटस’ आज रात हावड़ा में बेनकाब हो गया। दिल्ली में ‘हम दो’ का ‘गेम प्लान’ झारखंड में भी वही करना है जो उन्होंने महाराष्ट्र में ई-डी जोड़ी लगाकर किया था।’’
 

 

 

 

 

राज्यसभा में हंगामा जारी, बैठक दिन भर के लिए स्थगित

राज्यसभा की बैठक शुक्रवार को अलग-अलग मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

हंगामे के कारण आज भी उच्च सदन में ना तो शून्यकाल और ना ही प्रश्नकाल चल सका।

पहली बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्य आसन के नजदीक आकर हंगामा करने लगे। वहीं सत्ता पक्ष के सदस्य भी अपने स्थानों पर खड़े होकर नारेबाजी कर रहे थे।

सत्ता पक्ष के सदस्यों ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता द्वारा राष्ट्रपति को ‘‘राष्ट्रपत्नी’’ कहे जाने के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष से माफी की मांग उठाई। वहीं विपक्षी सदस्य अपने कुछ साथियों का निलंबन रद्द करने, गुजरात में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत होने, महंगाई और अन्य मुद्दों पर तत्काल चर्चा की मांग कर रहे थे।

पीठासीन उपाध्यक्ष सस्मित पात्रा ने हंगामा कर रहे सदस्यों से बार-बार अनुरोध किया कि वे अपने स्थानों पर लौट जाएं और प्रश्नकाल चलने दें।

उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल में कई महतवपूर्ण प्रश्न हैं, जो जनता के लिए उपयोगी हैं। उन्होंने कई बार सदस्यों से कहा कि वे प्रश्नकाल को बाधित ना करें और अपने स्थानों पर लौट जाएं ताकि सदन में कामकाज हो सके।

कई अनुरोधों के बाद भी जब उनकी बात का हंगामा कर सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ तो उन्होंने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के भीतर ही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहल, सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।

बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने सदन को सूचित किया कि नियत कामकाज स्थगित कर कुछ विषयों पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस मिले हैं।

उन्होंने बताया कि कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा और रंजीत रंजन ने सेना में भर्ती की ‘‘अग्निपथ योजना’’ पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सदस्य के सी वेणुगोपाल और मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान, भाकपा सदस्य विनय विश्वम और माकपा के इलामारम करीम ने महंगाई के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिए हैं।

हरिवंश ने बताया कि सभापति एम वेंकैया नायडू ने इन्हें अस्वीकार कर दिया है। उन्होंने बताया कि सभापति के अनुसार, महंगाई के विषय पर अगले सप्ताह चर्चा होने जा रही है और पांच नोटिस महंगाई से संबंधित हैं।

उपसभापति हरिवंश ने कहा कि कल सभापति ने कहा था कि अन्य विषयों को उन्होंने शून्यकाल में उठाने के लिए मंजूरी दी थी लेकिन ये मुद्दे नहीं उठाए जा सके।

इसी बीच कांग्रेस सदस्य और सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कुछ कहना चाहा। उपसभापति ने उन्हें अपनी बात रखने के लिए कहा लेकिन इसी दौरान सदन में हंगामा शुरू हो गया। कुछ सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे।

उपसभापति ने सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया लेकिन सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने 11 बज कर करीब 10 मिनट पर ही बैठक को दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

गौरतलब है कि 18 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण उच्च सदन में लगातार गतिरोध बना हुआ है।
 

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