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“जन्मदिवस विशेष : साहित्यकार अमरकांत”

“जन्मदिवस विशेष : साहित्यकार अमरकांत”

प्रख्यात साहित्यकार अमरकांत नहीं करते कपोल कल्पनाएँ।

मध्यमवर्गीय सच पर बल देती उनकी रचनाएँ॥ 

सुंदर है उनका शिल्प संबन्धित वैचारिक संयोजन।

यथार्थ को मुखरित करना है उनका प्रयोजन॥

रचना के प्रति ईमानदारी है उनकी विशेषता।

अमरकांत के साहित्य में है सहजता और सरलता॥

साहित्य संसार में कल्पना को मूर्तिमान करता उनका लेखन।

जीवन के कटु सत्य पर है उनका उत्कृष्ट लेखन।।

रचना जगत में है उनका योगदान अतुलनीय।

मसिजीवी साहित्यकार के रूप में हुए सदैव प्रशंसनीय॥

स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद की स्थितियों को समाज के समक्ष लाते।

इसीलिए वे मुंशी प्रेमचंद के उत्तराधिकारी भी कहलाते॥

उनमें है प्रासंगिकता व वैशिष्ट्य का अद्भुत समागम।

मध्यमवर्गीय लेखन ने दिए उन्हें साहित्य में नवीन आयाम॥

स्वआत्मअनुशासन देता उन्हें विलक्षण पहचान।

आजीवन स्थितियों से संघर्ष का उन्होंने किया निर्भीक आह्वान॥

अमरकांत की वैचारिक प्रतिबद्धता उन्हें अजातशत्रु बनाती।

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मध्यमवर्ग की विपन्नता, विडम्बना पाठक को सोचने पर मजबूर कर जाती॥

पहले वो श्रीराम और अमरनाथ नाम से जाने जाते।

डॉ. रीना कहती श्रेष्ठ रचनाधर्मिता के कारण साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर कहलाते॥

डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका)

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