जब स्कूल में पहुंचते ही अचानक बेहोश होकर गिरने लगीं छात्राएं, टीचर्स के उड़े होश, आखिर क्या था पूरा मामला
When the girls suddenly started falling unconscious as soon as they reached the school, the teachers lost their senses, what was the whole matter
बागेश्वर। विकासखंड के एक स्कूल में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब यहां पढ़ने वाली लड़कियां अचानक चिल्लाने और रो-रोकर सिर पटनकने लगीं। हैरानी की बात ये है कि इसके बाद छात्राएं बेहोश हो गईं।
इस घटना के बाद स्कूल प्रशासन ने एक पुजारी को बुलाकर स्थिति को नियंत्रण में किया था। ये घटना सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है.स्थानीय लोग इसे भूत बाधा से जोड़कर देख रहे हैं।
हालांकि मनोरोग विशेषज्ञों का कहना है कि छात्राओं ने जो किया है ये एक बहुत की सामान्य मानसिक बीमारी है. इसको हिस्टीरिया या कहा जाता है.
मिली जानकारी के अनुसार जानकारी के मुताबिक पहले भी इस तरह की घटनाएं पड़ोसी जिलों अल्मोड़ा,पिथौरागढ़, चमोली के सरकारी स्कूलों से सामने आ चुकी हैं।
इस घटना के बाद प्रशासन समेत डॉक्टर्स की टीम आज जूनियर हाईस्कूल पहुंची और छात्राओं की काउंसिलिंग की इस घटना के बाद से स्कूल में डर का माहौल बना हुआ है।
इस बात से हर कोई हैरान है कि छात्राओं ने आखिर रोते-चिल्लाते हुए असामान्य व्यवहार कैसे किया। शिक्षा विभाग इस घटना से कसते में आ गया है। घटना की जानकारी मिने के बाद डॉक्टर्स की टीम भी बागेश्वर के स्कूल पहुंची।
स्कूल की प्रिंसिपल के मुताबिक मंगलवार को सबसे पहले बच्चों के बीच इस तरह की आसामान्य गतिविधि देखने को मिली थी। लड़कियां और लड़के समेत कुछ छात्र इस तरह का आसामान्य व्यवहार कर रहे थे, उन्होंने बताया कि स्टूडेंट्स रो रहे थे और चिल्ला रहे थे। वह कांप भी रहे थे।
डॉक्टर पोखरिया कहते हैं कि मास-हिस्टीरिया (Mass Hysteria) की शुरुआत उसी छात्रा से हुई। उसे देखकर क्लास में पढ़ने वाले 2 लड़के और 6 लड़कियां भी भी वैसी ही हरकत करने लगे।
स्कूल के पास में मेडिकल स्टोर चलाने वाले एक व्यक्ति के मुताबिक लीडर छात्रा की एक बुजुर्ग रिश्तेदार ने कुछ दिन पहले फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
उसका घर छात्रा के घर के पास ही था। छात्रा ने उस बुजुर्ग महिला की लाश पेड़ से लटकते हुए देख ली थी। शायद उसे इस बात का सदमा लगा था। इसलिए वह अजीब हरकतें कर रही थी।
उत्तराखंड के राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के मेंबर डॉक्टर पवन शर्मा भी इस बात से सहमति जताते हैं। वे कहते हैं कि दूसरों से प्रभावित होकर हमारा दिमाग अपने आप तरंगे छोड़ता है और फिर शरीर भी वैसा ही एक्शन शुरू कर देता है।
जैसे किसी शोक के माहौल में अगर कोई एक व्यक्ति रोना (Mass Hysteria) शुरू कर देता है तो उसे देखकर बाकी भी रोने लगते हैं।
बागेश्वर के मुख्य शिक्षा अधिकारी गजेंद्र सौन कहते हैं कि उत्तराखंड में इस तरह की घटनाएं सामान्य हैं। इससे पहले भी चमोली, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ समेत कई जगह ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
करीब 2-3 दिन तक ऐसा चलता है और उसके बाद सब सामान्य हो जाता है।
बताते चलें कि बागेश्वर जिले के रैखोली गांव में राजकीय जूनियर हाईस्कूल है। वहां पर कुल 55 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। छठी से आठवीं तक के इस स्कूल में 3 शिक्षकों की तैनाती है।
इस स्कूल में 26 जुलाई को अचानक 8वीं कक्षा की छात्राएं रोने और चीखने (Mass Hysteria) लगीं। उस दिन संयोग से एक शिक्षक ही ड्यूटी पर मौजूद थी।
बच्चियों के रोने की आवाज सुनकर ग्रामीण भी स्कूल में पहुंच गए। कई लोगों ने छात्राओं को इस तरह चिल्लाते देख उसे भूत-प्रेत की घटना बताया। वहीं कई उन्हें शांत करने की कोशिश करते देखे गए।
उन्हीं ग्रामीणों में से एक ने वीडियो बना लिया, जो बाद में वायरल हो गया।