Varanasi News: काशीवासियों को अगले महीने मिलेगी सैकड़ों करोड़ो की सौगात, प्रधानमंत्री कर सकते हैं लोकार्पण

Varanasi News: Kashi residents will get gifts worth hundreds of crores next month, PM can inaugurate
 
देखें बनारस की 10 मशहूर पुरानी गलियां...

 

 

वाराणसी। बनारस वासियों को अगले महीने मिलेगी करोड़ो की सौगात। काशी को जून महीने में 1500 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात मिल सकती है। इसका खाका जिला प्रशासन द्वारा तैयार किया जा रहा है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो इन परियोजनाओं का लोकार्पण अगले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

 

आपको बता दें कि जिले की निर्माणाधीन परियोजनाओं का काम तेजी से चल रहा है। वहीं फुलवरिया फोरलेन का काम 96 फीसदी से ज्यादा हो चुका है। यह फोरलेन शहरवासियों को जाम की समस्या से निजात दिलाने में कारगर साबित हो सकती है।

फुलवरिया फोरलेन को गाजीपुर, जौनपुर और आजमगढ़ फोरलेन को जोड़ा जा रहा है।

 

लहरतारा से सेंट्रल जेल तक की फोरलेन से शहर के अलग-अलग इलाकों को जोड़ा गया है। इसी तरह कैंट रेलवे स्टेशन पर यार्ड रिमॉडलिंग का काम लगभग पूरा हो गया है।

दो प्लेटफार्म बनाए गए हैं। स्टेशन पर यात्रियों की सुविधाएं भी बढ़ी हैं। ट्रेनों की तेज गति के लिए रेलवे ट्रैक का दोहरीकरण भी हुआ है।

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जिले की 96 परियोजनाओं को दिसंबर तक पूरी करने की तैयारी है। मतगणना के बाद विकास कार्य और तेजी से कराए जाएंगे। वहीं मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि मई और जून में पूरी होने वाली परियोजनाओं का प्रधानमंत्री के हाथों लोकार्पण कराए जाने की तैयारी है। इसका खाका तैयार किया जा रहा है।


जाने काशी की बड़ी विकास परियोजनाएं


66.3 करोड़ - लहरतारा- फुलवरिया फोरलेन ओवरब्रिज संपार संख्या 5सी विशेष का निर्माण।

568 करोड़- रेलवे के यार्ड का पुनर्निर्माण।

93.15 करोड़- लहरतारा-फुलवरिया फोरलेन ओवरब्रिज संपार संख्या 4 विशेष का निर्माण।


806 करोड़- सुल्तानपुर से वाराणसी तक नेशनल हाईवे संख्या 56 का निर्माण।


60 करोड़- नमो घाट का पुनरुद्धार फेज दो।


40.1 करोड़- करसड़ा में सिपेट इंस्टीट्यूट का निर्माण ।


10.02 करोड़- भुल्लनपुर पीएसी परिसर में 200 व्यक्तियों के लिए बैरक का निर्माण।

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दशाश्वमेध गली, काशी विश्वनाथ गली, और गड़ीयां गली वाराणसी की प्रमुख और प्रसिद्ध गलियां हैं, जो वाराणसी की पारंपरिकता, संस्कृति और सभ्यता को प्रतिष्ठित करती हैं। ये गलियां शहर के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्वपूर्ण स्थलों के आसपास स्थित हैं और परंपरागत वस्त्र, पूजा सामग्री, हस्तशिल्प उत्पादों और अन्य सामग्री की दुकानें प्रदान करती हैं।

ये गलियां आकर्षक और व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र हैं, जहां आप विभिन्न रंग-बिरंगे सामग्री खरीद सकते हैं और इसके साथ ही आपको स्थानीय संस्कृति और वाराणसी के पारंपरिक विरासत का अनुभव भी मिलता है।

बनारस की गलियां भारतीय संस्कृति, वाराणसी की पारंपरिकता और सभ्यता का प्रतीक हैं। यहां कुछ प्रमुख और प्रसिद्ध गलियां हैं।  यहां कुछ प्रमुख और प्रसिद्ध गलियां निम्नलिखित हैं:

काशी विश्वनाथ गली (Kashi Vishwanath Gali): यह गली काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास स्थित है और बनारस की प्रमुख धार्मिक और आध्यात्मिक गलियों में से एक है। यहां पूजा सामग्री, प्रसाद और अन्य धार्मिक सामग्री की व्यापारिक गतिविधियां होती हैं।

दशाश्वमेध गली (Dashashwamedh Gali): यह गली दशाश्वमेध घाट के पास स्थित है और बहुत भीड़ और गतिविधि का केंद्र है। यहां परंपरागत वस्त्र, पूजा सामग्री, ज्योतिष उपकरण और अन्य सामग्री बिक्री होती है।

सप्तसागर गली( Saptsagar Gali): यह गली टाउनहाल मैदान के गेट के ठीक सामने से शुरू होती है। इस गली में पूर्वांचल की सबसे बड़ी दवा मंडी है। इस गली में दवाई लेने के लिए काफी लोग हर रोज आते हैं।

गढ़वासी टोला गली (Garhwasi Tola Street): इस गली का घाट फेमस है। इसी घाट पर मगध के राजा ने भगवन शिवजी और दुर्गा माता का मंदिर बनवाया था। इस वजह से यहां दूर-दूर से लोग दर्शन करने आते हैं। इस घाट को प्रसिद्ध घाट इसलिए भी माना जाता है क्योंकि यहां चिता की आग कभी भी ठंडी नही होती है।

कचौरी गली (Kachori Gali): यह गली बनारस की प्रसिद्धतम खाद्य स्थलों में से एक है। यहां आपको विभिन्न प्रकार की स्वादिष्ट कचौरी और अन्य नाश्ता विकल्प मिलेंगे।

गोदौलिया बाजार (Godaulia Bazaar): यह एक प्रसिद्ध वाणिज्यिक बाजार है जहां आपको विभिन्न प्रकार के वस्त्र, गहने, हाथी-घोड़ा वस्त्र, सुविधाजनक सामग्री, उपहार आदि मिलेगा।

दुर्गा कुंड गली (Durga Kund Gali): यह गली बनारस के लोकप्रिय बाजारों में से एक है और यहां आपको कपड़े, गहने, जूते, हैंडीक्राफ्टेड आइटम्स और सौंदर्य प्रोडक्ट्स मिलेंगे।

ठठेरी गली (Thateri Gali): यह गली बनारस के पुराने शहरी क्षेत्र में स्थित है और कारीगरों की धार्मिक सामग्री और लोहारी उत्पादों की बिक्री के लिए प्रसिद्ध है।

मीर घाट (Mir Ghat): यह एक प्रमुख घाट है और मीर बाबा की मजार के पास स्थित है। यहां आपको धार्मिक सामग्री, संगीत उपकरण और अन्य कलाकृति सामग्री की बिक्री मिलेगी।

गोला दीनानाथ गली (Gola Dinanath Gali): ये गली कबीरचौरा क्षेत्र में है। यहां भगवान दीनानाथ का मन्दिर होने से इसका नाम गोला दीनानाथ पड़ा है। इस मंडी में आने वाली सभी गलियों को गोला दीनानाथ की गली के नाम से जाना जाता है। इस मण्डी के चारों तरफ गलियां हैं।

कालभैरव गली (Kalbhairav ​​Gali): यह गली विश्वेश्वरगंज में है। यह भैरोनाथ चौराहा से शुरू होकर कालभैरव मंदिर तक जाती है। कालभैरव जी काशी के कोतवाल हैं जो भगवान शंकर के प्रधान सेनापति हैं।

ऐसी मान्यता है कि काशी में कोई व्यक्ति तभी निवास कर सकता है जब कालभैरव जी की अनुमति मिलती है। कालभैरव जी के नाम पर इस गली का नाम कालभैरव गली पड़ा।यहां के मोहल्ले का नाम भैरवनाथ है।