Varanasi News: न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दी अनुमति, बीएचयू छात्रों पर दर्ज मुकदमे होंगे वापस
Varanasi News: वाराणसी छात्र आंदोलनों के दौरान बीएचयू छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे। इसको लेकर राज्यपाल की अनुमति के बाद विशेष सचिव, उत्तर प्रदेश शासन ने जिला मजिस्ट्रेट, वाराणसी को 10 मई, 2023 को पत्र के माध्यम से सभी आरोपी छात्रों के विरुद्ध जनहित में वाद वापसी के निर्णय को प्रेषित किया था। इसके बाद अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अनुमदि दे दी है।
Varanasi News: न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दी अनुमति, बीएचयू छात्रों पर दर्ज मुकदमे होंगे वापस
Varanasi News: वाराणसी छात्र आंदोलनों के दौरान बीएचयू छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे। इसको लेकर राज्यपाल की अनुमति के बाद विशेष सचिव, उत्तर प्रदेश शासन ने जिला मजिस्ट्रेट, वाराणसी को 10 मई, 2023 को पत्र के माध्यम से सभी आरोपी छात्रों के विरुद्ध जनहित में वाद वापसी के निर्णय को प्रेषित किया था। इसके बाद अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अनुमदि दे दी है।
2014 के छात्र संघ आंदोलन के दौरान अभियोजन कि तरफ से दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 कि धारा 321 के तहत न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था। छात्रों पर बीएचयू परिसर में उपद्रव और शांति भंग का आरोप लगा था। 23 मई 2023 को लोक अभियोजक की ओर से मृत्युंजय तिवारी, वैभव तिवारी, शशांक सिंह व सौरभ सहित कुल नौ छात्रों के विरुद्ध अभियोजन वापसी के लिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था। सभी नौ छात्रों के विरुद्ध अपराध संख्या 492/14 के तहत लंका थाना में भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 147,148,149,307,332,353,435,336,504,506 एवं 120बी,342,427 के तहत एवं लोक संपत्ति क्षतिग्रस्त निवारण अधिनियम, 1984 की धारा 3 व 4 तथा सीएलए एक्ट की धारा 7 के तहत दर्ज किया था। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पवन कुमार सिंह की अदालत नें अपने आदेश में कहा कि अभियोजन के प्रार्थना पत्र को स्वीकार किए जाने के पर्याप्त आधार हैं।
पूर्व में जुड़े मामले में लंका थाना में भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 147,149,336,186,353,435,323 व 427 के तहत दर्ज अपराध संख्या 494/14 में अभियोजन की तरफ से वाद वापसी के लिए प्रस्तुत प्रार्थना पत्र को न्यायिक मजिस्ट्रेट कि अदालत ने 21 अगस्त 2023 को स्वीकार कर लिया था, इसमें बीएचयू छात्र मृत्युंजय तिवारी, मृत्युंजय सिंह, वैभव तिवारी,राकेश उपाध्याय, शशि शशांक शेखर, अमन सिंह, शशांक सिंह व सौरभ कुमार अभियुक्त थे। उच्च न्यायालय अधिवक्ता सह पूर्व छात्र बीएचयू सौरभ तिवारी नें हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि छात्र अपराधी नहीं होते हैं। कानून का मकसद अपराधी बनाना नहीं, बल्कि उन्हें सही राह दिखाना है।
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