Varanasi News: आईआईटी बीएचयू गैंगरेप पर रोष, रेत पर सैंड आर्ट से जताया विरोध

छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी सपा भी इस मुद्दे पर जमीन पर उतरने के जगह एसी कमरों में बैठी हुई है।

 

Varanasi News: आईआईटी बीएचयू गैंगरेप पर रोष, रेत पर सैंड आर्ट से जताया विरोध

आईआईटी बीएचयू में हुए गैंगरेप के मामले में मुख्य अभियुक्त कुणाल, सक्षम और अभिषेक जेल जा चुके हैं। इन तीनों के भाजपा से संबंध उजागर होने के बाद विपक्ष लगातार हमलावर है। इसी बीच NSUI बीएचयू की पहल पर बीएचयू के दृश्य कला विभाग के छात्रों ने सैंड आर्ट से काशी की निर्भया के लिए इंसाफ मांगा और रोष जताया।

वाराणसी में आईआईटी बीएचयू गैंगरेप पर रोष, रेत पर सैंड आर्ट से जताया विरोध वाराणसी। आईआईटी बीएचयू गैंगरेप मामले में अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद से ही सियासी भूचाल मचा हुआ है।

पकड़े गए तीनों आरोपी भाजपा आईटी सेल के सक्रिय सदस्य हैं। ऐसे में विपक्ष लगातर इसका विरोध कर रहा है कि इन्हे गिरफ्तार करने में आखिर 60 दिन क्यों लगे क्या कोई राजनीतिक दबाव था।

इसी बीच रविवार एनएसयूआई बीएचयू के पहल पर दृश्य कला के छात्रों ने अस्सी घाट के पार रेत पर सैंड आर्ट के माध्यम से आईआईटी बीएचयू में छात्रा से गैंगरेप के आरोपियों की गिरफ्तारी में देरी और भाजपा सरकार द्वारा उनको संरक्षण देने के विषय पर अपना रोष व्यक्त किया।

60 दिन क्यों


आईआईटी बीएचयू मामले में पुलिस ने 60 दिन बाद तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उन जेल का रास्ता दिखाया है पर अब इसपर सवाल उठ रहे हैं। रविवार को बीएचयू के दृश्य कला संकाय के छात्रों ने गंगा तट पर अस्सी घाट के सामने रेती पर सैंड आर्ट से काशी की बेटी को न्याय की गुहार लगाईं साथ ही प्रश्न भी पूछा की आखिर दोषियों को पकड़ने के लिए 60 दिन क्यों लगे? जब आरोपियों की पहचान घटना के 7 दिन बाद ही हो गई थी तो गिरफ्तारी में 60 दिन का समय क्यों लगा?


भाजपा नेताओं से संबंध तो नहीं बना कारण


एनएसयूआई के उपाध्यक्ष छात्र शंभू ने कहा कि भाजपा सरकार ने आरोपियों को बचाने की पूरी कोशिश की और दो महीने तक उन्हें संरक्षण देते रहे। भाजपा के बड़े नेताओं से उनके संबंध होने के कारण पुलिस ने कार्रवाई में देरी की। छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी सपा भी इस मुद्दे पर जमीन पर उतरने के जगह एसी कमरों में बैठी हुई है।


क्या सत्ताधारी दल का था पुलिस पर दबाव


शंभू ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश की पुलिस आखिर किन बड़े भाजपा आरएसएस के नेताओं और मंत्रियों के दबाव में अपराधी को पकड़ने के बजाए संरक्षण देकर मध्य प्रदेश में भाजपा के लिए प्रचार करवा रहे थे, पुलिस की कार्रवाई जो अन्य घटना के वक्त जिस प्रकार से एनकाउंटर और बुल्डोजर के साथ चलती हैं, वो पुलिस प्रेस ब्रीफ करने से भी क्यों कतरा रही हैं?