Varanasi News: अभाविप की दो-दिवसीय केंद्रीय कार्यसमिति बैठक की पुडुचेरी में हुई शुरुआत

 

Varanasi News: अभाविप की दो-दिवसीय केंद्रीय कार्यसमिति बैठक की पुडुचेरी में हुई शुरुआत


पेपरलीक की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण, कड़े कदम उठाए सरकार: याज्ञवल्क्य शुक्ल।


अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) की 27-28 फरवरी के मध्य आयोजित हो रही दो- दिवसीयकेंद्रीय कार्यसमिति बैठक का शुभारंभ आज मंगलवार को पुडुचेरी में अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजशरण शाही राष्ट्रीय महामंत्री  याज्ञवल्क्य शुक्ल तथा राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान ने मां सरस्वती तथा स्वामी विवेकानंद के चित्र के सामने दीप प्रज्ज्वलन कर किया।

इस बैठक में देशभर के सभी राज्यों से प्रमुख अभाविप कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं। बैठक में विद्यार्थी परिषद द्वारा देशभर में बीते महीनों में किये गये विभिन्न क्रियाकलापों का वृत्त रखा गया।

उल्लेखनीय है कि अभाविप की दो-दिवसीय केंद्रीय कार्यसमिति बैठक में संगठनात्मक गतिविधियों पर संवाद के साथ शिक्षा क्षेत्र में हो रहे बदलावों, युवाओं को प्रभावित करने वाले मुद्दों, देश के वर्तमान राष्ट्रीय परिदृश्य तथा सामाजिक स्थिति पर चर्चा कर अभाविप के नेतृत्व में देशभर के युवाओं के साथ सकारात्मक दिशा की ओर बढ़ने की योजना मूर्त रूप लेगी।

अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही ने कहा कि पुडुचेरी की पावन भूमि अरविंद के क्रांतिकारी से योगी के रूप परिवर्तन की साक्षी है। प्रभु श्रीराम समरसता की गारंटी तथा सुशासन के प्रतीक है, मर्यादा पुरुषोत्तम राम की जन्मभूमि पर विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा से एक नई ऊर्जा का संचार पूरे देश में हुआ है।

भारत को नकारने वाली शक्तियां वर्तमान में अप्रासंगिक हो गई हैं। शिक्षण संस्थानों की कक्षाओं में विद्यार्थियों की कम उपस्थिति चिंताजनक है, कक्षाओं का अव्यवस्थित होना भारत के भविष्य के लिए चिंताजनक है। विद्यार्थी परिषद 'परिसर चलो अभियान' के माध्यम से छात्रा-छात्रों को जागरूक कर रही है, विद्यार्थियों की कक्षाओं में उपस्थिति बढ़े, इसलिए शीघ्रता से प्रयास होने चाहिए।

अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री  याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा क्षेत्र की आवश्यकताओं को रेखांकित करने वाली है। आज शिक्षा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर शीघ्रता से कार्य करने की आवश्यकता है जिससे शीघ्रता से आ रही चुनौतियों से निपटा जा सके। हाल ही में उड़ीसा उत्तर प्रदेश तथा झारखंड सहित कई राज्यों में हुई पेपर लीक की घटनाओं ने युवाशक्ति के मन को बुरी तरह से प्रभावित किया है। पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।