varanasi new dm: दक्षिण भारत की पृष्‍ठभूमि के एस. राजलिंगम बने काशी के नए जिलाधिकारी, शहर को संवारने की जिम्‍मेदारी

 

वाराणसी। उत्तर प्रदेश शासन द्वारा शुक्रवार को 6 IAS अधिकरियों का तबादला कर दिया। इस तबादले में पिछले कई दिनों से रिक्त चल रहे वाराणसी जिलाधिकारी के पद पर आईएस एस राजलिंगम की नवीन तैनाती की गई है।

 

 

उन्हें यहां जिलाधिकारी के पद पर नियुक्त किया गया है। उसके पहले IAS एस राजलिंगम कुशीनगर में जिलाधिकारी के पद पर तैनात थे

बता दें कि वाराणसी के पूर्व जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा को शासन की तरफ से वाराणसी मंडल का मंडलायुक्त नियुक्त किया गया था, जिसके बाद वाराणसी के जिलाधिकारी का पद रिक्त था और इसका अतरिक्त कार्यभार कमिश्नर कौशलराज शर्मा के पास था।

2009 बैच के आइएएस अधिकारी एस. राजलिंगम मूल रूप से तमिलनाडु के तेनकाशी जिले के निवासी है। एनआईटी त्रिचरापल्ली से सिविल सर्विस में आने के बाद उनकी प्रथम नियुक्ति बांदा जनपद में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद पर हुई थी।

उसके बाद मुख्य विकास अधिकारी के रूप में देवरिया और डीएम के रूप में जनपद औरैया, सुल्तानपुर, एवं सोनभद्र में तैनात रहे हैं। शासन में दुग्ध विकास विभाग, वाणिज्य कर विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग, नगर विकास तथा आयुक्त नगर निगम अयोध्या के पदों पर तैनात रहे हैं। इसके बाद वाराणसी में डीएम के पद पर उनकी पहली तैनाती है।

काशी के विकास मॉडल को देखेंगे दक्षिण भारत के लोग, तमिलनाडु के 38 जिलों के 3000 डेलीगेट्स लेंगे भाग

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक महीने तक होने वाले काशी तमिल संगमम में काशी का विकास मॉडल दक्षिण भारत में चमकेगा। पुरातन और आधुनिकता के तालमेल से तराशी गयी काशी में तमिलनाडु के अलग-अलग विषयों के विशेषज्ञ मंथन करेंगे।

इसमें तमिलनाडु के 38 जिलों के करीब 3000 डेलीगेट्स भाग लेंगे। 17 नवंबर 2022 से शुरू होकर 18 दिसंबर 2022 तक चलने वाले इस तमिल समागम में दक्षिण भारत के डेलीगेट्स वाराणसी में विकास के मॉडल को भी देखेंगे। इसके साथ ही सभी प्रतिनिधि श्रीराम की नगरी अयोध्या और संगम नगरी प्रयाग का भी दौरा करेंगे। 


धर्म, शिक्षा और संस्कृतिक की नगरी काशी में तमिल कार्तिक माह में काशी तमिल समागम होने वाला है, जहां हर क्षेत्र के विशेषज्ञ सीखने और सीखाने के लिए एकत्रित होंगे। 12 अलग अलग ग्रुप जिसमे छात्र, हस्तशिल्पी, साहित्यकार, आध्यात्मिक, व्यवसायी, शिक्षक, हेरिटेज, नव उद्यमी, प्रोफेशनल, मंदिरों से संबंधित, ग्रामीण-कृषक, संस्कृति से सम्बंधित लोग शामिल होंगे। 250-250 लोगों के 12 ग्रुप एक के बाद एक हर 2-3 दिन में ट्रेन से काशी पहुंचेगा।

 

मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि 12 ग्रुप में लगभग 3000 लोग तमिलनाडु के 38 जिलों से 18 नवंबर को वाराणसी आएंगे। एक ग्रुप की यात्रा 8 दिनों की होगी, जिसमे 4 दिनों की यात्रा तमिलनाडु से वाराणसी आने जाने की होगी।

ये लोग दो दिन वाराणसी में रहेंगे तथा हनुमान घाट पर गंगा स्नान, श्री सुब्रमण्यम स्वामी जी के आवास, काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन, सारनाथ आर्कियोलॉजिकल साइट एंड म्यूजियम, गंगा आरती और 84 घाटों का नाव से अवलोकन करेंगे और शाम को रविदास घाट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल होंगे। वाराणसी के बाद ये लोग दो दिन प्रयागराज और अयोध्या की यात्रा पर रहेंगे।

3 ट्रेन एक दो दिन के अंतराल पर प्रति सप्ताह आएगी। कार्यक्रम का नोडल मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय है। आईआईटी चेन्नई तथा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय इस कार्यक्रम के नोडल इंस्टिट्यूट है।


एक महीने के इस तमिल समागम में करीब 500 कलाकार एग्जिबीशन, प्रदर्शन व कार्यक्रम करेंगे। तमिलनाडु से संबंधित प्रदर्शनी, फ़ूड कोर्ट बीएचयू में एक महीने तक चलेगी तथा पूरे एक महीने सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इस दौरान अलग अलग दिन उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रीगण और तमिलनाडु के विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे।

भ्रमण के दूसरे दिन इन सब ग्रुप के 3 घंटे के विषय संबंधित कार्यक्रम होंगे, जिनमे से 7 कार्यक्रम बीएचयू में, 2 कार्यक्रम श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में और 3 कार्यक्रम ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर में होंगे।