Republic Day: गंगा किनारे फहराया तिरंगा, बही देश प्रेम की गंगा

"गंगा तट पर जय हिंद के नारे संग गणतंत्र की गमक" 

 

Republic Day: गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा पूरी आन - बान -  शान के साथ गंगा किनारे लहराया । सिंधिया घाट पर जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती बसेरा', 'मर्यादा है इस देश की पहचान है गंगा' आदि गीतों पर लोग झूम उठे।

भारत माता की जय, जय हिंद , वंदे मातरम व आजादी के तराने गूंजे । नमामि गंगे और महर्षि योगी विद्याश्रम के वेदपाठी बटुकों की ओर से राष्ट्रीय ध्वज और मां गंगा की आरती उतारी गई । राष्ट्रगान के पश्चात नागरिकों के साथ भारतवर्ष को तरक्की की ओर ले जाने का संकल्प लिया । मां भारती के जयकारों के  बीच हाथों में तिरंगा लहराते बटुकों ने ' भारत मेरी जान है, भारत मेरी शान है , भारत मेरा अभिमान है' व हिंदुस्तान हमारा है.. हम सब ने ठाना है, आजादी को अमर बनाना है ' आदि नारे बुलंद किए। इस दौरान बलिदानियों के व्यक्तित्व और कृतित्व का स्मरण किया गया।

नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि स्वाधीनता संग्राम के भूले-बिसरे वीरों की गाथा जन - जन तक पहुंचाने के संकल्प के साथ ही इस समयावधि में भारत को विश्व ने ठोस रूप से आगे बढ़ते देखा।

श्री अन्न हो या संयुक्त राष्ट्र में योग दिवस, स्टार्टअप अर्थव्यवस्था हो या अंतरिक्ष अभियान, राम मंदिर हो या नई संसद, अविस्मरणीय रही यह अवधि। आयोजन में प्रमुख रूप से नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला, महर्षि योगी विद्याश्रम के प्रभारी सुनील श्रीवास्तव, प्रबंधक सीमंत केसरी स्वाइं, महर्षि योगी विद्याश्रम के वेदपाठी बटुक शामिल रहे।