मौला अली शेरे खुदा ने तीन बार तीन चीजों का दिया है तलाक़- सिकंदर अली सूफी संत

 

कुरान शरीफ़ में सुरए तलाक़ पारा नंबर 28 आयत नंबर 8 और 9 नंबर आयत में लिखा है की जिसमे मौला अली शेरे खुदा ने तीन बार तीन चीज़ो का तलाक दिया है जिसमे जमीन दौलत औरत तीन चीज़ो को तलाक दिया है तीन तीन बार 3×3=9 असली तलाक़ यही है कि गैर कि संपत्ति और बीबी का तलाक़ हो अपनी सम्पप्ति बीबी की नहीं जो कि हज़रत बेलाल ने अज़ान देकर बताया है कि असली इबादत तीन चीज की है जो की सूरज नहीं निकला था अज़ान देने वाला पहले पाक हो ले तीन चीजों से तब वो अज़ान दे सकता है नमाज़ पढ़ने वालो को भी यही हिदायत है।

नमाज़ पढ़ने वाला भी सबसे पहले पाक हो ले यही बात रसूले खुदा ने सारी दुनिया को सख्ती से हिदायत दिया है। जो कि हज़रत बेलाल ने रसूले खुदा के पास पहुँचकर कहा कि मैं जनाबे सय्यदा के देवड़ी पर जा रहा हूँ। और वहा जाकर वो सो गए जिससे की फजर की अज़ान के बाद भी सूरज नहीं निकला कलमा गोह ने तलाश जारी किया की सूरज क्यों नहीं निकला जो कि अरब के बड़े हाफिज़े कुरान हिफ्ज़ थे वो लोग रसूले खुदा के पास पहुँचे पहुंचकर सवाल किया कि या रसूल्लाह आज सूरज क्यों नहीं निकला तो रसूले खुदा ने जवाब दिया कि आप का जवाब मै नहीं दे सकता मेरे पास नहीं है।

जनाबे सय्यदा की देवड़ी पर चले जाओ इसका जवाब जनाबे सय्यदा देंगी अरब के बड़े लोग हिफ्ज़ हाफिजे कुरान वहां पर पहुँचे हज़रत बेलाल से कहने लगे की आप चल कर अज़ान दो हज़रत बेलाल ने जवाब दिया कि मैं क्यों तुम्हारे हुक्म से चलू तुम कौन होते हो तब उन लोगों ने झूठ बोल कर कहा कि रसूल्लाह ने भेजा है हज़रत बेलाल ने कहा कि रसूले खुदा के हुक्म से मैं नहीं जाता ज़ब तक कि जनाबे सय्यदा हुक्म नहीं देंगी तब सभी लोगो ने जनाबे सय्यदा से दुआ कि फरियाद किया तब जनाबे सय्यदा ने हुक्म दिया कि जाएये अज़ान दीजिये तब हज़रत बेलाल रसूल्लाह के पास पहुँचे तब रसूल्लाह ने इज़ाज़त दिया कि जाइये अज़ान दीजिये अज़ान में 18 बनीहाशिम नाम का जिक्र आता है जो लोग भी नाम को निकालते है अज़ान से वही लोग मुनाफिक है हज़रत बेलाल के पेट पर पत्थर मारा और उनकी लाद ओझड़ी बाहर आ गयी यही अरब के हाफिजे कुरान और बड़े लोगो ने किया कि आगे ये अज़ान ना दे सके।

अज़ान और नमाज की नियत मैं नमाज पढ़ता हूँ या पढ़ती हूँ आने वाले वक्त के इमाम इमामे ज़माना के पीछे चेहरा मेरा क़िबला कि तरफ बिस्मिल्लाह अल्लाह रब्बे सय्यदा अल्लाहु  अकबर उर्दू की नियत का अर्थ तर्जुमा अनुवाद सनातन धर्म संत कृत में ये नियत है कल्कि औतार कमल के फूल के देवता के पीछे स्वास्तिक शुभ दुर्गा बिस्मिल्लाह अल्लाह रब्बे सय्यदा अल्लाहूं अकबर सलामुन अलैकुम हर हर महादेव लब्बैक या हुसैन।

स्वास्तिक फरम खुदा की मोहर ट्रस्ट पता जे. 15/26 के-ए-1 दोषी पुरा काशी वाराणसी के अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष सिकंदर अली सूफ़ी संत फ़क़ीर मोबाइल नम्बर 9935719846,9473643972