Kashi Vishwanath Dham: रक्षासूत्र से बांधा गया श्री काशी विश्वनाथ धाम, जानिए क्या है वास्तुदोष पूजन?

Kashi Vishwanath dham: गुरुवार की शाम को काशी विश्वनाथ धाम का पांच दिवसीय वास्तु पूजन का समापन हुआ। पूजन के बाद 21 ब्राह्मणों ने पूरे धाम को रक्षासूत्र में बांधा। Kashi Vishwanath Dham: Shri Kashi Vishwanath Dham tied with Rakshasutra, know what is Vastudosh worship?

 

Kashi Vishwanath dham: ब्राह्मणों के मंत्रोच्चार के साथ पहला कलश बाबा के शिखर पर अर्पित किया गया। इसके बाद हर-हर महादेव के जयघोष के बीच शिखर का स्वर्णशिखर का अभिमंत्रित दुग्ध मिश्रित जल से अभिषेक आरंभ हुआ।

 

Kashi Vishwanath dham: काशी विश्वनाथ धाम का पांच दिवसीय वास्तु पूजन गुरुवार को संपन्न हुआ। पूजन के बाद धाम क्षेत्र को रक्षासूत्र से बांधा गया और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के शिखर का 81 कलशों से अभिषेक हुआ।

 

 

ब्राह्मण और आचार्यों के द्वारा सस्वर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ ही संपूर्ण अनुष्ठान को पूर्ण किया गया। पिछले दिनों श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने धाम के वास्तु पूजन का निर्णय लिया था।

 

 


गुरुवार की शाम को काशी विश्वनाथ धाम का पांच दिवसीय वास्तु पूजन का समापन हुआ।

 

 

पूजन के बाद 21 ब्राह्मणों ने पूरे धाम को रक्षासूत्र में बांधा।शाम को ब्राह्मणों के मंत्रोच्चार के साथ पहला कलश बाबा के शिखर पर अर्पित किया गया। इसके बाद हर-हर महादेव के जयघोष के बीच शिखर का स्वर्णशिखर का अभिमंत्रित दुग्ध मिश्रित जल से अभिषेक आरंभ हुआ।

 

 

एक-एक करके 81 कलश के जरिए संपूर्ण स्वर्ण शिखर का अभिषेक पूर्ण हुआ। पूजन के व्यवस्थापक माधव रटाटे ने बताया कि सोलह पूजन में शिखर पूजन सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है। वास्तु पूजन के तहत स्थापना पूजन के बाद रक्षा पूजन हुआ फिर हवन संपन्न हुआ।

 

 

पूरे विश्वनाथ धाम को रक्षा सूत्र में बांधकर हवन पूर्ण हुआ। इसके बाद अघोर हवन और वास्तुपूजन चलता रहा। इसके बाद जल और दूध की धारा पूरे धाम में अर्पित हुई। मंदिर न्यास के सदस्य वेंकटरमण घनपाठी ने बताया कि विश्वनाथ धाम बनने के बाद यह पूजन होना था।

 

 

इस दौरान मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा, अपर मुख्य कार्यपालक निखिलेश कुमार, न्यास सदस्य पं. दीपक मालवीय, श्रीनिवास, गणेश्वर शास्त्री द्राविड़, विश्वेश्वर द्राविड़ मौजूद रहे।