सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर ऐतिहासिक आयोजन, भाव जनहित संकल्प यात्रा और सरदार सम्मान रथ ने जगाई एकता की अलख
चंदौली। भारत की एकता और अखंडता के शिल्पकार, लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर एक ऐतिहासिक उत्सव का आयोजन हुआ। पूरा जिला राष्ट्रप्रेम, समरसता और एकता के रंग में रंगा नजर आया
सरदार पटेल के अद्वितीय योगदान और राष्ट्रनिर्माण में उनके दृढ़ नेतृत्व को नमन करते हुए ‘भाव जनहित संकल्प यात्रा’ और ‘सरदार सम्मान रथ’ का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सरदार पटेल द्वारा 565 रियासतों को एकसूत्र में बांधकर आधुनिक भारत की नींव रखने की उनकी अदम्य दूरदृष्टि और साहस को जनमानस तक पहुंचाने का प्रयास रहा।
‘भाव जनहित संकल्प यात्रा’ से गूंजा एकता का संदेश
यह यात्रा जिले के विभिन्न हिस्सों से होकर गुजरी और अंत में मुगलसराय विधानसभा क्षेत्र पहुंची। पूरे मार्ग में देशभक्ति के नारों और सरदार पटेल के विचारों से वातावरण गुंजायमान रहा। यात्रा का उद्देश्य जनमानस को यह संदेश देना था कि - एकता ही भारत की सबसे बड़ी शक्ति है।
‘सरदार सम्मान रथ’ बना आकर्षण का केंद्र
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण ‘सरदार सम्मान रथ’ रहा, जिसमें सरदार पटेल के प्रेरणादायक जीवन प्रसंगों, राष्ट्रनिर्माण के कार्यों और उनके अमर संदेशों को आकर्षक रूप में प्रदर्शित किया गया। यह रथ जिलेभर में भ्रमण कर लोगों में एकता, सद्भाव और राष्ट्रप्रेम की अलख जगाएगा।
जनता और जनप्रतिनिधियों की भावपूर्ण सहभागिता
आयोजन समिति ने बताया कि यह कार्यक्रम केवल एक स्मृति दिवस नहीं, बल्कि सरदार पटेल के आदर्शों—राष्ट्रभक्ति, संकल्पशक्ति और जनसेवा—को जन-जन तक पहुंचाने का अभियान है। इस अवसर पर जिले के नागरिकों, शिक्षण संस्थानों, समाजसेवियों और जनप्रतिनिधियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
प्रमुख अतिथि एवं पदाधिकारियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में मुख्य रूप से अविनाश काकडे, डॉ. आर. एस. पटेल, ई. अभिषेक पटेल, दिनेश पटेल, जयप्रकाश पटेल (अध्यक्ष, जिला चंदौली), दिनेश पटेल (प्रदेश सचिव), अभिषेक पटेल (प्रदेश सचिव), दीपक पाल (युवा जिला अध्यक्ष, चंदौली), आनंद पटेल (प्रदेश सचिव) तथा डॉ. अरविंद पटेल (राष्ट्रीय सचिव एवं जिला चंदौली प्रभारी) उपस्थित रहे।
यह आयोजन न केवल सरदार पटेल के योगदान को याद करने का अवसर बना, बल्कि उनके विचारों को आत्मसात करने का भी संकल्प दिलाया। चंदौली में आज का दिन इस बात का साक्षी बना कि भारत की एकता और अखंडता के लिए सरदार पटेल की प्रेरणा आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी स्वतंत्रता के समय थी।