वाराणसी कबीरचौरा के महिला अस्पताल में दलालों का गैंग सक्रिय, मरीजों व उनके परिजनों को गुमराह कर वसूल रहे पैसे

 

वाराणसी। कबीरचौरा मण्डली अस्पताल स्थित महिला अस्पताल व नई बिल्डिंग में दलालों का गैंग सक्रिय हो गया है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि छोटी रिहाना नामक महिला और उसके साथियों द्वारा सुबह 8 बजे से रात 2 बजे तक खुलेआम दलाली किया जा रहा है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इन लोगों को किसी का डर नहीं है और वे खुलेआम अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। जिससे अस्पताल प्रशासन और उच्च अधिकारियों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।


आपको बता दें कि मिली जानकारी के अनुसार छोटी रिहाना बड़ी बाजार की निवासिनी बताई जा रही है जो अपने साथियों के साथ मिलकर सुबह 8 बजे से लेकर रात 2 बजे तक अस्पताल परिसर में खुलेआम दलाली करती हुई देखी जा सकती है। यह चौंकाने वाली बात है कि इन लोगों में कानून का कोई डर नजर नहीं आता और वे सार्वजनिक रूप से यह कहते सुने जाते हैं कि उन्हें किसी का भी भय नहीं है। वहीं सूत्रों ने जानकारी मिली है कि दलालों की गैंग में दीपक, मोहमद फैजान, सीमा, रेहाना, कविता और विभा दिक्षित हैं। इसमें कुछ लोग मरीजों के परिजनों को गुमराह कर बाहर भेजते हैं और कुछ लोग अस्पताल के अंदर बाहर से ब्लड सैम्पल लेने आते हैं।


इस स्थिति ने एक बड़ा प्रश्न खड़ा कर दिया है कि आखिर किसके संरक्षण के चलते यह अवैध कार्य इतने निर्बाध रूप से चल रहा है? अस्पताल के उच्च अधिकारी इस मामले पर कब तक चुप्पी साधे रहेंगे, यह एक ऐसा सवाल है जो आम जनता और अस्पताल कर्मचारियों के बीच घूम रहा है। इन दलालों का हौसला इतना बुलंद है कि वे किसी के नियंत्रण में नहीं आ रहे हैं, जिससे अस्पताल की कार्यप्रणाली और मरीजों की सुरक्षा पर गंभीर चिंताएं उत्पन्न हो गई हैं।


इस गंभीर मुद्दे पर जब अस्पताल के डॉक्टरों से बातचीत की गई, तो उन्होंने भी अपनी व्यथा व्यक्त की। डॉक्टरों ने बताया कि वे भी इन दलालों की गतिविधियों से अत्यंत पीड़ित हैं, क्योंकि ये लोग मरीजों और उनके परिजनों को अनावश्यक रूप से परेशान करते हैं और उनसे अनुचित लाभ उठाने की कोशिश करते हैं।


अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन ऐसे तत्वों पर कब कार्रवाई करता है या फिर यह अवैध कारोबार इसी तरह से फलता-फूलता रहेगा और अस्पताल की गरिमा को तार-तार करता रहेगा। स्थानीय लोग और पीड़ित परिवार इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।

रिपोर्ट - अश्विनी सेठ