बड़ी बहन ने छोटी बहन पर लगाए पिता को बहकाने व प्रशासन को गुमराह करने का आरोप, पुलिस से मांगी सुरक्षा
वाराणसी। ममता मिश्रा पं छन्नू लाल मिश्रा जी की तीसरी बेटी है। पिता जी मिर्जापुर में छोटी बहन नम्रता के साथ रहते हैं। पिछले 2.5 साल में नम्रता ने कई अवैधानिक कार्य किए । जिसके परिणाम स्वरूप न्यायालय ने धारा 420, 323 व 468 के तहत सम्मन जारी किया है । जिसे समाप्त करने हेतु नम्रता हाईकोर्ट में गई । हाईकोर्ट ने केस मध्यस्थता केन्द्र में भेजा। पर मध्यस्थता फेल होने पर सुनवाई विचाराधीन है।
इसी दौरान बहन नम्रता ने मेरे खिलाफ र्मिजापुर के सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में आरोप पिता जी के नाम से दाखिल किया जिसमें मेरे उपर गम्भीर आरोप लगाया कि मैं ( ममता मिश्रा) जब पिताजी से मिलने दि०. 2/3/25 को मिर्जापुर गई तो मैने लड़ाई झगडा किया पिता जी को जान से मारने की धमकी दी । इसके अलावा और भी कई आरोप लगाए।
मेरा पिता जी से कोई भी विवाद या झगड़ा नही है । मेरे निवेदन पर माननीय हाईकोट के आदेश पर नम्रता ने मुझे अपने घर पिता जी से मिलने को बुलाया । मैं गई २ मार्च को, मुझसे मिल के पिता जी काफी भावुक हुए आपस मे बात हुई लगभग आधे घंटे मैं वहाँ थी पर वहां ऐसी कोई बात नहीं हुई पर नम्रता ने एक महीने बाद न जाने किसके बहकावे में निराधार आरोप दाखिल किया जबकि मेरे व मेरे पति के खिलाफ किया गया उसका झूठा मुकदमा जनवरी 2025 में खारिज हो चुका है।
नम्रता चाहती है कि मैं पिता जी से आगे दुबारा न मिल सकूं और पिता जी को सच्चाई न बता सकूं। यदि नम्रता की बातों मे सच्चाई हो तो उसको सबूत के साथ सच साबित कर के दिखाए हमे । र्मिजापुर या बनारस के रोहनिया आवास में पिता जी से वही मिल सकता है जिसे नम्रता मिलने की अनुमति देती है । वही ममता मिश्रा ने बहन नम्रता मिश्रा पर यह भी आरोप लगाया कि
नम्रता पिता जी पर इतना दबाव डाले रहती है कि जो नम्रता कहती हैं, पिता जी भी वही बात कहते हैं। मेरे पिता जी अशक्त है उसी (नम्रता ) के समझाने पर मेरे खिलाफ कई बार अनाप शनाप बयान दे रहे हैं।
जब कि सच ये है कि मेरे पिता जी इतने सीधे है कि हमारी बहन की कोई भी चाल समझ नही समझ पा रहे हैं । अगर नम्रता के आरोपों में जरा सी भी सच्चाई है तो पिताजी मेरे बड़े भईया व घर के अन्य सभी सदस्यो के समक्ष बताये कि मैंने किस दिन कब और क्या धमकी दी । नम्रता बिना किसी साक्ष्य के मुझ पर अब कोई आरोप नही लगा सकती। असली खतरा तो नम्रता से मुझे व मेरे पति को है । क्यो की मैं सामान्य घरेलू महिला हूं , नम्रता मेरी जान के पीछे हाथ धोकर पड़ी है , मेरी छवि को खराब करने का दुस्साहस कर रही है । तो मेरा भी हाथ जोड़कर निवेदन है कि, मेरे बारे में सोचा जाए।
नम्रता व उनके सहयोगी मित्र मुझे व मेरे पति को कभी भी किसी समय जान माल का नुकसान पहुंचा सकते हैं । पुलिस प्रशासन से मेरी गुहार है कि मुझे सुरक्षा प्रदान की जाए व पिता जी से मिलने की सुरक्षित व्यवस्था कराई जाए, ताकि मैं अपने पिता जी से मिल सकू और उनका हाल चाल लेने के साथ ही उनके दुख दर्द में शामिल हो सकू।