वाराणसी में मां गंगा निषाद राज सेवा समिति के तत्वाधान में मांझी समाज द्वारा एक विशाल बैठक का आयोजन

 

वाराणसी। धर्म की नगरी काशी में आने वाले महापर्व सावन माह को देखते हुए कांवरियों तीर्थ यात्रियों को गंगा स्नान घाटों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए बनारस के मांझी समाज की एक विशाल बैठक डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद घाट पर 10:00 बजे सुबह से 2:00 बजे तक मां गंगा निषाद राज सेवा समिति के तत्वाधान में आयोजित की गई है। बैठक की शुरुआत बाबा विश्वनाथ की फोटो पर फूल-माला अर्पित कर मां गंगा में दूध चढ़ाकर किया गया। समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद कुमार निषाद गुरु ने बनारस के समस्त माझी समाज के आए हुए 84 घाटों के मुखिया सहित घाट के नौका चालकों को शपथ दिलाते हुए कड़ा निर्देश दिया कि धर्म की नगरी काशी के सांसद एवं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क्षेत्र में बनारस का पूरा माझी समाज अपनी अपनी घाटों पर कोई भी कांवरिया अथवा काशी में स्नान करने वाले तीर्थ यात्रियों अगर गंगा जी के गहरे जल में फिसल कर डूब रहा होगा तो उसे बनारस के 84 घाट के नौका धारक समाज अपनी जान जोखिम में डालकर भी बचाने का कार्य करेगा और वाराणसी के सभी घाटों पर समिति की ओर से निः शुल्क गोताखोर भी तैनात रहेंगे।

समिति के महानगर अध्यक्ष जितेंद्र साहनी एवं महानगर सचिव प्रकाश साहनी ने बताया की सभी नौका धारक कांवरियों तथा तीर्थ यात्रियों को अपनी नौका पर बिना लाइव जैकेट के नहीं बैठाएंगे,यदि कोई भी बिना सुरक्षा उपकरण के यात्री बैठायेगा तो समिति उस नौका चालक पर कठोर कार्यवाही करेंगी। समिति के वरिष्ठ नेता गोपाल प्रसाद निषाद ने बताया कि अगर जिला प्रशासन,जल पुलिस एन डी आर एफ के जवानों की भी गंगा किनारे डूबते हुए लोगों को जो बचाने का कार्य करते है,हमारे माझी समाज की ओर से कोटि- कोटि धन्यवाद है।

समिति के युवा नेता मोनू साहनी अस्सी घाट ने सभी नाविकों को कड़े रुप में समझाया कि मां गंगा में बाढ़ का पानी आना शुरू हो गया है मां गंगा की आरती जब समाप्त हो जाती है तो सभी नौका धारक सभी लोग अपनी नौका एक साथ खोलकर चलने लगते हैं जिससे कभी भी कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है। लेकिन मांझी समाज ने अपनी कमर कर चुकी है,अगर गंगा आरती में कोई भी नाविक गलती करते हुए पाया जाता है,उसको 6 माह नौका संचालन नहीं करने दिया जाएगा और उसके खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई कराई जाएगी। समिति का संचालन कर रहे राष्ट्रीय सचिव हरिश्चंद्र केवट ने बताया कि हम नौका धारक समाज अनादि काल से कांवरियों व तीर्थ यात्रियों की सेवा भाव से करते चले आ रहे हैं,यह कार्य आगे भी जारी रहेगा यदि शासन प्रशासन हमारी परंपरा और व्यवस्था में दखल देगा तो हम समस्त समाज के लोग मिलकर विरोध भी करने का काम करेंगे।