Varanasi News: हनीट्रैप के जरिए अपहरण फिर हत्या! गंगा में फेंका था शव...
varanasi news: साड़ी कारोबारी महमूद आलम (50) की गला दबाकर हत्या कर दी गई, फिर शव को मिर्जापुर के चुनार ले जाकर पुल से गंगा में फेंक दिया गया। इस खुलासे के 24 घंटे बाद भी शव अब तक बरामद नहीं हो सका है।
varanasi news: शादीशुदा महिला के झांसे में कारोबारी ऐसा फंसा कि उसकी जान चली गई। बीमा एजेंट बनकर महिला ने कारोबारी से संपर्क साधा। इसके बाद मिलने-जुलने का सिलसिला शुरू हुआ और उसे अपने जाल में फंसा लिया। मिलने के बहाने महमूद आलम को बीएचयू स्थित विश्वनाथ मंदिर बुलाया और एसयूवी कार में बैठाकर अगवा कर लिया।
varanasi news: फिरौती के लिए अगवा भेलूपुर के साड़ी कारोबारी महमूद आलम (50) की गला दबाकर हत्या कर दी गई, फिर शव को मिर्जापुर के चुनार ले जाकर पुल से गंगा में फेंक दिया गया। इस खुलासे के 24 घंटे बाद भी शव अब तक बरामद नहीं हो सका है।
कमिश्नरेट पुलिस अब गोताखोरों की मदद से कारोबारी का शव तलाशने में जुटी है। मिर्जापुर चुनार पुल से बनारस तक तलाशी हो रही है। इस पूरे वारदात को हनीट्रैप के जरिए अंजाम दिया गया। 13 जनवरी को लापता साड़ी कारोबारी महमूद आलम के मामले में बुधवार को कमिश्नरेट पुलिस के खुलासे के बाद लोगों के होश उड़ गए।
शादीशुदा महिला के झांसे में कारोबारी ऐसा फंसा कि उसकी जान चली गई। बीमा एजेंट बनकर महिला ने कारोबारी से संपर्क साधा। इसके बाद मिलने-जुलने का सिलसिला शुरू हुआ और उसे अपने जाल में फंसा लिया। मिलने के बहाने महमूद आलम को बीएचयू स्थित विश्वनाथ मंदिर बुलाया और एसयूवी कार में बैठाकर अगवा कर लिया।
पुलिस ने तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार
इसके बाद उसे लेकर शहर में घूमते रहे। इस दौरान उसके एटीएम से दो लाख रुपये भी निकलवा लिए थे। फिर 20 लाख फिरौती मांगी। पकड़े जाने के डर से महिला ने पति और अन्य साथियों के साथ मिर्जापुर के चुनार में उसकी हत्या कर दी। शव को पुल से गंगा में फेंक दिया। पुलिस ने बुधवार को निजी बैंक की महिला बीमा एजेंट, उसके पति सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया।
अपर पुलिस आयुक्त अपराध व मुख्यालय संतोष कुमार सिंह ने बताया कि घटना की साजिश चौक स्थित साड़ी कारोबारी के यहां काम करने वाले प्रवीण चौहान उर्फ प्रेम ने रची थी। प्रेम ने ही सारी जानकारी अपने मित्र अनिरूद्ध पांडेय को दी थी। इसके बाद आईसीआईसीआई बैंक में जीवन बीमा करने वाली दिव्या सिंह उर्फ अंजली पांडेय ने महमूद को अपने जाल में फंसाया।
हत्या के आरोप में गिरफ्तार महिला बीमा एंजेट दिव्या ने खुद को अविवाहित बताकर महमूद को अपने जाल में फंसाया था। जब भी महमूद से मिलती थी तो यह एहसास नहीं होने देती थी कि वह शादीशुदा है। यहां तक कि वो मांग का सिंदूर तक मिटा लेती थी। इस प्रकरण में एक तरह से भरोसे का कत्ल किया गया। साड़ी कारोबारी महिला बीमा एजेंट पर आंख बंद कर भरोसा करने लगा था।
समय-समय पर पैसे भी देते था। अगवा होने से एक दिन पहले ही महमूद ने उसे तीन सूट खरीद कर दिया था। वारदात को अंजाम देने से पहले दिव्या ने पति अनिरुद्ध और प्रेम के साथ भेलूपुर थाने के सामने एक रेस्टोरेंट में बैठक कर पूरी योजना बनाई थी। पुलिस ने रेस्टोरेंट से सीसी कैमरे का फुटेज भी कब्जे में लिया है।
बाग बरियार सिंह मोहल्ले के रहने वाले अनिरुद्ध पांडेय व अंजली के दो बच्चे हैं। दोनों के जेल जाने के बाद परिजनों ने बच्चों के देखभाल करना शुरू कर दिया है। अनिरुद्ध के पिता धर्मनाथ पांडेय पूजा पाठ कराते हैं। वह बेटे के हरकतों से खुश नहीं थे। बुधवार को कारोबारी की हत्या की सूचना मिलते ही पत्नी जमीला बानो अचेत हो गईं। चारों बेटियां और चारों बेटे भी गमगीन हो गए। बेटियां फलक, नाजिया, फरा, सानिया रोते हुए यही कह रही थीं कि मुझे मेरे अब्बू चाहिए।
डीसीपी काशी के अनुसार, आरोपियों से भी पूछताछ की गई। बताया कि महमूद आलम की हत्या की योजना नहीं थी। बस पैसे के लिए उठाया गया था। जब बेटे फैजान से कारोबारी ने फोन पर बात की थी, तब फैजान ने कहा था कि अब्बू परेशान न हों, जो लोग उठाए हैं। वे सब चिन्हित कर लिए जाएंगे। किसी को नहीं छोड़ा जाएगा। इसके बाद आरोपी डर गए और पकड़े जाने के भय से कारोबारी का मोबाइल स्विच ऑफ करा दिया।
धोखे से पिलाई शराब फिर दुपट्टे से कसा गला
इस बीच कारोबारी से डेबिट कार्ड का पिन पूछकर बाबतपुर में एक एटीएम बूथ से 90 हजार रुपये निकाले। जौनपुर, केराकत होते हुए चंदवक गए और गोमती पुल से मोबाइल को नदी में फेंक दिया। इसी तरह गाजीपुर रोड से वापस हरहुआ, मोहनसराय होते हुए चुनार पहुंचे। इससे पहले कोल्ड ड्रिंक में शराब मिलाकर कारोबारी को जबरन पिलाया गया। जब कारोबारी नशे में हो गया, तब दिव्या के दुपट्टे और अन्य आरोपियों ने डाटा केबल से गला कसकर हत्या कर दी।
हत्या से पहले कछवा और भैंसा घाट चौकी के दो बार चक्कर लगाए गए। इसके बाद चुनार पुल से महमूद के शव को गंगा में फेंक दिया गया। चुनार से आरोपी रामनगर पीएसी गए और महमूद के डेबिट कार्ड से 90 हजार रुपये और निकाले। इसके बाद पड़ाव होते हुए पांडेयपुर वाराणसी आए। प्रेम ने अनिरूद्ध और दिव्या को घर पर उतारा, फिर मऊ निकल गया। मऊ जाते समय महमूद के डेबिट कार्ड से प्रेम ने फिर दस हजार रुपये निकाले और डेबिट कार्ड को तोड़कर फेंक दिया।
बीमा एजेंट बनकर आए थे आरोपी
वाराणसी के एडिशनल पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने कहा कि एक आरोपी प्रवीण पहले शाइन सिटी से जुड़ा था। मगर, कंपनी के भागने के बाद चौक में साड़ी का काम करने लगा। पुलिस ने बताया कि 4 आरोपी एक ही परिवार के हैं। वहीं प्रवीण और अनिरुद्ध दोस्त हैं। प्रवीण जब नौकरी छोड़ कर चौक पर एक साड़ी की दुकान में काम करने लगा, तो महमूद आलम से उसकी दोस्ती हो गई।
उसने अमीर समझकर महमूद की किडनैपिंग का प्लान बनाया। उसने अनिरुद्ध को अपने साथ मिलाया। इसके बाद अनिरुद्ध की पत्नी अंजलि, पिता और छोटा भाई भी साथ आ गए। योजना के तहत अंजलि ने बीमा एजेंट बनकर पहले महमूद से नजदीकियां बढ़ाई।
पहले 20 लाख फिर 8 लाख रुपए मांगी फिरौती
इसके बाद अंजलि और महमूद के बीच फोन कॉल और वॉट्सऐप कॉल भी होने लगे। इसके बाद अंजलि ने 13 जनवरी को दालमंडी मार्केट से नया फोन खरीदा। 14 जनवरी को अंजलि, प्रवीण और अनिरुद्ध कैंट रोडवेज बस स्टैंड पर मिले। इन लोगों ने वहां से एक नया सिम खरीदा। इसके बाद अंजलि ने उसी नए नंबर से महमूद को फोन लगाया। बात होने पर महमूद ने अपने BHU में होने की बात कही।
इस पर अंजलि ने महमूद को कैंपस के विश्वनाथ मंदिर के बाहर मिलने को कहा। थोड़ी देर बाद महमूद स्कूटी से मंदिर पहुंच गए। इसके बाद अंजलि ने उन्हें अपनी XUV कार में बैठा लिया। थोड़ी देर में बाकी आरोपी भी कार में सवार हो गए और महमूद को किडनैप कर लिया गया। फिर कार जौनपुर रोड पर दौड़ने लगी।
इसी बीच रास्ते में इन लोगों ने 20 लाख फिरौती मांगी गई। जब महमूद ने इतना पैसा न होने की बात कही, तो 8 लाख रुपए मांगे गए। इसी बीच कारोबारी महमूद के बैंक अकाउंट से 2 लाख रुपए निकाले गए। ये पैसे बाबतपुर और रामनगर के ATM से निकाले गए। मगर, बाद में डर के मारे आरोपियों ने महमूद की गला घोंटकर हत्या कर दी।
पुलिस ने खंगाली BHU की CCTV फुटेज
पुलिस ने BHU के CCTV कैमरों को खंगाला, तो महमूद और महिला समेत पांचों आरोपियों की पहचान हुई। इसके बाद पुलिस ने पहले दो आरोपियों को पकड़ा। फिर अंजलि को भी हिरासत में ले लिया। इसके बाद बाकी बचे दोनों आरोपियों को भी पकड़ लिया। भेलूपुर इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे का कहना है कि कारोबारी महमूद का शव अभी नहीं मिला है।
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी।
भेलूपुर पुलिस को लिखाए गए मुकदमे में महमूद के बेटे फैजान कहा था, ''मेरे अब्बू रविवार को दोपहर 2.45 बजे सफेद एक्टिवा स्कूटी से निकले थे। शाम को 6 बजकर 17 मिनट पर उन्होंने अपने मोबाइल से मेरे नंबर पर फोन करके कहाकि मैं बहुत मुसीबत में फंस गया हूं। तुम लोग 8 लाख रुपए का जल्दी से इंतजाम कर दो। जल्दी करो, मैं कुछ देर बाद फिर से फोन करूंगा।''
कॉल डिटेल में मिला था एक महिला का नंबर
भेलूपुर पुलिस ने महमूद आलम की कॉल डिटेल खंगाली, तो पता चला कि उसने रविवार को 2-3 लोगों से बात की है। जिन लोगों से बात हुई, उन सबसे पुलिस ने पूछताछ की। इसमें एक महिला का भी फोन नंबर था। उस महिला से भी पुलिस ने पूछताछ की। वाराणसी के एडिशनल पुलिस कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) संतोष कुमार सिंह ने भी इस घटना में महिला की मिलीभगत की बात स्वीकार की थी।
सोमवार को उन्होंने कहा था कि महमूद आलम कल किसी के कहने पर BHU कैंपस में आए थे। इसके बाद रहस्यमयी तरीके से गायब हो गए। इस किडनैपिंग के तार लड़की से भी जुड़े हैं।
इसके बाद BHU मेन गेट से लेकर विश्वनाथ मंदिर की CCTV फुटेज निकाली गई। इस दौरान पुलिस को एक फुटेज भी मिला, जिसमें दिख रहा है कि महमूद आलम गेट से अंदर प्रवेश कर रहे हैं। वहीं, पुलिस कारोबार और रुपए के लेनदेन समेत अन्य पहलुओं पर तफ्तीश की थी।वाराणसी के गौरीगंज के कपड़ा व्यापारी महमूद आलम BHU कैंपस के विश्वनाथ मंदिर के बाहर से गायब हो गए थे।
शाम को आखिरी बार उनके मोबाइल से बेटे के पास फोन आया था। इस मामले में अपहरणकर्ता ने फिरौती के लिए डायरेक्ट परिजनों से संपर्क नहीं किया था। वाराणसी की भेलूपुर पुलिस ने 16 जनवरी को अपहरण का केस दर्ज करके कारोबारी की खोजबीन में जुटी थी।