वाराणसी में संपूर्णानंद विश्वविद्यालय के खेल मैदान को बना दिया खेत, बागेश्वर बाबा के कथा की व्यवस्था की शिकायत राजभवन तक पहुंची

In Varanasi, the playground of Sampurnanand University was turned into a field, the complaint about the arrangement of the story of Bageshwar Baba reached the Raj Bhavan.

 

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के खेल मैदान को खेल से अलग आयोजन के लिए आवंटन पर विवाद खड़ा हो गया है। अध्यापक परिषद ने इस मामले की शिकायत राजभवन से की है। शिकायत में कहा गया है कि खेल मैदान अब पूरी तरह से खेत में तब्दील हो चुका है। स्थिति ऐसी है कि खिलाड़ी तो छोड़िए नियमित रूप से टहलने वाले भी खेल मैदान में जाने से पहले सौ बार सोचेंगे।

 


राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को लिखे गए पत्र में अध्यापक परिषद ने लिखा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अधिनियम परिनियम की अवहेलना करते हुए व्यक्तिगत लाभ की भावना से भ्रष्टाचार एवं आर्थिक कदाचार में लिप्त होकर कार्यों को संचालित किया जा रहा है।

 

 

नियमानुसार स्टेडियम के आवंटन में 22 लाख रुपये की आय होनी चाहिए थी, लेकिन जीएसटी सहित मात्र छह लाख रुपये में मैदान को आवंटित कर दिया गया है। आवंटन 11 सितंबर से 17 सितंबर है जबकि एक सितंबर से ही क्रीड़ा प्रांगण में पंडाल निर्माण का काम चल रहा है।

परिषद का कहना है कि खेल मैदान में चल रही भागवत कथा के कारण पूरे विश्वविद्यालय परिसर की हालत खराब हो चुकी है। भारी-भारी वाहनों का स्टेडियम में प्रवेश होने से क्रिकेट पिच के साथ ही वॉलीबाल कोर्ट भी खराब हो चुका है। इसके साथ ही रनिंग ट्रैक भी पूरी तरह से नदारद हो गया है। मैदान में जगह-जगह कीचड़ होने के कारण अब यह खेल मैदान कम खेत ज्यादा नजर आ रहा है।

ये है नियम


विश्वविद्यालय का खेल मैदान का किराया रोजाना डेढ़ लाख रुपये है तथा कार्यक्रम की तैयारी के लिए 50 हजार प्रतिदिन व कार्यक्रम अवधि में पार्किंग शुल्क के रूप में 25 हजार प्रतिदिन जीएसटी के साथ होता है। 

स्टेडियम को ठीन कराने में खर्च होंगे 25 लाख

शारीरिक शिक्षा एवं क्रीड़ा विभाग के विभागाध्यक्ष लालजी मिश्र ने बताया कि 29 हजार वर्ग मीटर के स्टेडियम की हालत खराब हो चुकी है। आयोजकों ने भारी-भारी वाहनों से स्टेडियम की पिच व मैदान को क्षतिग्रस्त कर दिया है। इसको दोबारा अपने पुराने स्वरूप में लाने के लिए 25 लाख रुपये से अधिक खर्च होने की संभावना है।

खेल मैदान के आवंटन में नियमों का पालन नहीं किया गया है। यह विश्वविद्यालय के हित में नहीं है। विद्या परिषद और कार्य परिषद के नियमों के अनुसार खेल मैदान का आवंटन नहीं किया गया है।

प्रो. रामपूजन पांडेय, अध्यक्ष, अध्यापक परिषद

खेल से इतर आयोजन के लिए मैदान का आवंटन किया गया था और जहां तक गंदगी की बात है उसकी सफाई हो जाएगी। आवंटन में नियमों का किसी तरह से उल्लंघन नहीं किया गया है।

- प्रो. हरेराम त्रिपाठी, कुलपति, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी