Shri Kashi Vishwanath: श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का मुख्य गेट हुआ बंद, केवल वीवीआईपी करेंगे इस गेट से दर्शन पूजन

 

वाराणसी स्थित श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का मुख्य द्वार कहलाने वाला गेट नंबर-4 (गोदौलिया-मैदागिन मार्ग पर स्थित) श्रद्धालुओं की आवाजाही के लिए अचानक बंद कर दिया गया है। इस बारे में मंदिर प्रशासन की ओर से बाबा विश्वनाथ के भक्तों के लिए कोई सूचना भी सार्वजनिक नहीं की गई है।

 

 

वहीं, इस संबंध में पूछे जाने पर मंदिर प्रशासन के अधिकारी कुछ कहने को तैयार भी नहीं है। मंदिर प्रशासन से जुड़े कर्मचारियों को कुरेदने पर सिर्फ यही बात सामने आई कि अब गेट नंबर-4 से सिर्फ वीआईपी एंट्री होगी और उसका इस्तेमाल इमरजेंसी सर्विस के लिए होगा।

श्रद्धालु मंदिर चौक तक मोबाइल लेकर अंदर जा सकें, इसका ट्रॉयल भी चल रहा है। आम श्रद्धालु गेट नंबर-4 की बगल की गली से जाएंगे। गेट नंबर-4 आम श्रद्धालुओं के लिए बंद ही रहेगा। वहीं, कमिश्नरेट की पुलिस का कहना है कि हमें इस संबंध में कुछ नहीं पता है।

एडीसीपी सिक्योरिटी डीजीपी ऑफिस से संबद्ध हुए

बाबा विश्वनाथ के मंदिर से जुड़े लोगों ने दबी जुबान कहा कि पुलिस और प्रशासन के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। तीन-चार दिन पहले दिल्ली से कोई श्रद्धालु आए थे। उन्हें किसी तीर्थ पुरोहित ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन कराया और 5000 रुपए ऐंठ लिया।

वह श्रद्धालु दर्शन-पूजन के बाद दिल्ली वापस लौटे तो उन्होंने ट्वीट कर दिया। उनके ट्वीट पर दिल्ली से लखनऊ तक हंगामा हुआ।

मंदिर प्रशासन के अफसर और पुलिस आमने-सामने आ गए। हंगामे के बीच ही एडीसीपी सिक्योरिटी अजय कुमार सिंह डीजीपी ऑफिस से संबद्ध कर दिए गए।

प्रोटोकॉल का अधिकार मंदिर प्रशासन के पास

विश्वनाथ मंदिर में प्रोटोकॉल का मामला भी पुलिस की बजाय अब मंदिर प्रशासन के पास है। इसे लेकर पुलिस अफसरों का दबी जुबान कहना है कि मंदिर प्रशासन प्राइवेट सिक्योरिटी को यहां हावी करना चाह रहा है।

वहीं, मंदिर प्रशासन के कर्मचारियों का कहना है कि प्रोटोकॉल की आड़ में पुलिस मनमानी कुछ ज्यादा ही करती थी। अब सब कुछ मंदिर प्रशासन की मंशा अनुरूप ही चलेगा।

मंदिर प्रशासन की ओर से बताया गया कि गेट नंबर-4 के बगल की गली के साथ ही गेट नंबर-2 सरस्वती द्वार, गेट नंबर-1 ढुंढिराज द्वार, नंदू फारिया गली और ललिता घाट यानी गंगा द्वार से श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के धाम से आ सकते हैं। गेट नंबर-3 नीलकंठ गली मंदिर से बाहर निकलने के साथ ही इमरजेंसी सर्विस के लिए है।

बाबा दरबार का मुख्य द्वार बंद रहना ठीक नहीं

बाबा विश्वनाथ के धाम का मुख्य द्वार यानी गेट नंबर-4 का बंद रहना श्रद्धालुओं को भी रास नहीं आ रहा है। रविवार की सुबह बाबा दरबार में मत्था टेकने पहुंचे श्रद्धालुओं ने कहा कि इतना बड़ा गेट बंद रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नहीं बनवाया था।

देखने में भी यह अच्छा नहीं लग रहा है कि मंदिर का विशालकाय गेट बंद है। बात ऊपर तक पहुंचाई जाएगी और अनुरोध किया जाएगा कि दिव्य-भव्य बाबा विश्वनाथ के धाम का मुख्य द्वार पहले जैसे ही खुला रखा जाए।

कथित शिवलिंग की कॉर्बन डेटिंग पर वादिनी महिलाओं में मतभेद 

मां श्रृंगार गौरी केस की वादिनी चार महिलाओं की ओर से वाराणसी के जिला जज की कोर्ट से मांग की गई है कि ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराई जाए।

कार्बन डेटिंग से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के विशेषज्ञ  यह पता लगा सकेंगे कि शिवलिंग कितना पुराना है। कोर्ट ने इस पर सुनवाई के लिए 29 सितंबर की डेट फिक्स की है।

इसे लेकर मां श्रृंगार गौरी की एक अन्य वादिनी राखी सिंह के पैरोकार और विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने गहरी आपत्ति जताई है।

उन्होंने दो टूक कहा है कि मैं  किसी भी कीमत पर आदि विशेश्वर ज्योतिर्लिंग की कार्बन डेटिंग नहीं होने दूंगा।

कार्बन डेटिंग उचित नहीं है


  
जितेंद्र सिंह विसेन ने कहा कि ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग करवाना गलत है। इसका मतलब शिवलिंग के अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न लगाना है। यह कतई उचित नहीं है। जिस भगवान शिव की उत्पत्ति का भेद आज तक संसार नहीं जान सका सका,

उनके ज्योतिर्लिंग की तिथि निर्धारित करना भला कहां से उचित है। मीडिया में छाए रहने के लिए यह कृत्य निंदनीय है। मैं इस कृत्य की घोर निंदा करता हूं।

मैं न्यायालय में भी शिवलिंग के कार्बन डेटिंग की मांग का विरोध करूंगा। मैं आदि विशेश्वर के शिवलिंग की कार्बन डेटिंग नहीं होने दूंगा।

वैज्ञानिक पद्धति से सब स्पष्ट हो जाएगा

मां श्रृंगार गौरी केस की वादिनी सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा शर्मा और लक्ष्मी देवी के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन का कहना है कि हम यह जानना चाहते हैं कि ज्ञानवापी में मिला शिवलिंग कितना पुराना है। इसके लिए किसी भी तरह की वैज्ञानिक पद्धति अपनाई जा सकती है।

वैज्ञानिक जांच की मांग के लिए हमारी ओर से कोर्ट को कार्बन डेटिंग का सुझाव संबंधी आवेदन दिया गया है। अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी का कहना है कि वह शिवलिंग नहीं पुराना खराब पड़ा फव्वारा है।

ज्ञानवापी परिसर में हुई कमीशन की कार्रवाई के दौरान स्पष्ट हो चुका है कि वह आदि विश्वेश्वर का पुराना स्थान है। ऐसे में जब वैज्ञानिक पद्धति से जांच होगी तो सब कुछ अपने आप ही स्पष्ट हो जाएगा।