नंद बाबा दुग्ध मिशन के तहत तीन विकास योजनाएं शुरू, गो पालन कर आर्थिक विकास के बने भागीदार

 

चंदौली। मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डा० महेश चन्द्र ने बताया कि गोवंश के संरक्षण व संवर्धन के साथ ही गौ पालकों को मदद मुहैया कराने के इरादे से नंद बाबा दुग्ध मिशन के तहत तीन विकास योजनाएं शुरू की गयी है। गोपालन को प्रोत्साहन के साथ गोपालन कर पशुपालकों का आर्थिक विकास होगा। वहीं प्रदेश इकोनामी में भी यह योजनाएं अहम सावित होगी।

 

 

प्रथम स्वदेशी गौ संवर्धन योजना है, जिसमें कुल 24 इकाई स्थापित करने का लक्ष्य शासन द्वारा दिया गया है। जिसमें आधा अर्थात 12 इकाई स्थापित करने अर्थात 50 प्रतिशत लक्ष्य महिलाओं द्वारा पूर्ण किया जायेगा। इस योजना की कुल अनुमानित लागत 2 लाख रूपये हे। जिसमें साहिवाल, हरियाणा, थारपारकर अथवा गिर नस्ल की 02 गायों का क्रय, ट्रांजिट बीमा, तीन वर्षों का पशु बीमा, चारा काटने की मशीन आदि के व्यय के रूप में 40 प्रतिशत अर्थात 80 हजार रूपये का अनुदान दिया जायेगा।


गायों को प्रदेश से बाहर से क्रय करना होगा और निर्धारित नस्ल और मानक के अनुसार दुग्ध उत्पादक का होना अनिवार्य है। गायों को तीन वर्षों तक पालन करने का शपथ पत्र देना होगा। आवेदन तिथि 30 नवम्बर 2024 तक है। आवेदन किसी भी पशुचिकित्साधिकारी/उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी/मुख्य पशुचिकित्साधिकारी के कार्यालय में जमा किया जा सकता है। प्राप्त आवेदनों में से जनपद स्तरीय समिति से चयन उपरान्त लाभार्थियों को सूचित किया जायेगा। जबकि दूसरी नंदनी कृषक समृद्धि मिनी योजना जिसमें 10 स्वदेशी उन्नत नस्ल की गायों का कय प्रदेश के बाहर से किया जायेगा। जनपद में 04 इकाई स्थापित करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है।

इस योजना की अनुमानित कुल लागत 23 लाख 60 हजार रूपये है, जिसमें 02 किस्तों में 11 लाख 80 हजार का अनुदान दिया जायेगा। वहीं पशुबाड़ा निर्माण हेतु 0.2 एकड़ एवं चारा उत्पादन हेतु 0.8 एकड़ भूमि का होना अनिवार्य है। तीन वर्षों के लिए पशु बीमा कराना अनिवार्य है। योजना का 15 प्रतिशत अर्थात 3.54 लाख रूपये लाभार्थी द्वारा 35 प्रतिशत अर्थात 8.26 लाख रूपये बैक ऋण के रूप में एवं 50 प्रतिशत अर्थात 11 लाख 80 हजार रूपये अनुदान से प्राप्त होगा। गायों की नस्ल साहीवाल, गिर अथवा थारपारकर एवं उन नस्लों के मानक के अनुरूप दुग्ध उत्पादक होना अनिवार्य है।

तीसरी योजना मुख्यमंत्री पशुपालक प्रोत्साहन योजना अन्तर्गत हरियाणा, थारपारकर, साहिवाल, गिर एवं गंगातीरी नस्लों की उच्च उत्पादक गायों को 10000 एवं 15000 रूपये की प्रोत्साहन धनराशि डीबीटी के माध्यम से दी जायेगी। अधिक जानकारी के लिए नोडल डा० जे०के० चौहान उप मुख्य पशुचिकित्साधिकारी सदर चन्दौली से सम्पर्क कर पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते है।