चंदौली में जूनियर रेजिडेंट के सहारे संचालित हो रहा जिला अस्पताल, इलाज की जगह रेफर करने में है ज्यादा विश्वास

 

चंदौली। जिला अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था राम भरोसे चल रही है।बाबा कीनाराम मेडिकल कालेज से संबद्ध होने के बाद से यहां व्यवस्था चरमरा गयी है। शासन स्तर से यहां चिकित्सा कर्मियों के वेतन पर करोडों खर्च किए जाने के बावजूद मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। कागजों मे भले ही यहां सौ से ज्यादा प्रोफेसर,सीनियर जुनियर रेजिडेंट की तैनाती है लेकिन यहां जे आर यानि जूनियर रेजिडेंट के सहारे ही अस्पताल की व्यवस्था संचालित हो रही है।आलम यह है कि जूनियर रेजिडेंट इलाज करने की जगह मरीजों को बी एच यू वाराणसी रेफर करने मे ज्यादा विश्वास कर रहें हैं।


जबकि रेजिडेंसी का मतलब होता है जिम्मेदारी से काम करना। लेकिन यहां जिम्मेदारी से कार्य करने वालों के गैर जिम्मेदार रवैए से मरीज उनके स्वजन परेशान हैं।रेजिडेंट डॉक्टर, एमबीबीएस करने के बाद अस्पताल के विभागों जैसे कि आपातकालीन  विभाग, गहन देखभाल इकाइयों, सामान्य रोगी  वार्डों और ऑपरेटिंग रूम में काम करते हैं।


वे मरीज़ों से सीधे संपर्क मे रहते हैं और उनकी परेशानी को जानने के बाद पूरी ब्रीफ़ हिस्ट्री तैयार करते हैं।लेकिन यहां बाबा कीनाराम  मेडिकल कालेज संबद्ध जिला चिकित्सालय मे जूनियर रेजिडेंट ही प्रोफेसर विषय विशेषज्ञ,वरिष्ठ चिकित्सक बन बैठे हैं।वार्ड मे भर्ती मरीजों को बिना सीनियर रेजिडेंट, प्रोफेसर को बताए स्व विवेक से अन्यत्र रेफर कर दे रहें हैं। यहां यह स्थिति प्रतिदिन बनी हुयी है। अस्पताल की व्यवस्था मे मरीजों उनके परिजनों में खिन्नता है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाक्टर सत्यप्रकाश कहते हैं कि मामलेे की जांच कर व्यवस्था मे सुधार किया जाएगा।