बनारस-चंदौली की लापरवाह व्यवस्था से रिंग रोड पर जा रही लोगों की जान
वाराणसी। वाराणसी-चंदौली का रिंग रोड इन दिनों एक्सीडेंटल जोन बनता जा रहा है। आए दिन सड़क हादसों में लोगों की जान जा रही है, लेकिन जिम्मेदार विभाग और अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति में लगे हैं।
गंगा ब्रिज से धड़ल्ले से गुजर रहे ओवरलोड ट्रक
प्रतिबंध के बावजूद देर रात बड़े और ओवरलोड ट्रकों को गंगा ब्रिज से पास किया जा रहा है। निर्माणाधीन पुल पर चौबीसों घंटे भारी वाहनों की आवाजाही जारी है। हाल ही में दो ट्रकों की आमने-सामने भीषण भिड़ंत हुई, जिसके बाद दोनों चालक मौके से फरार हो गए।
हादसों पर जिम्मेदारी टाल रही पुलिस
ऐसे मामलों में वाराणसी और चंदौली पुलिस सीमा विवाद में उलझ जाती है। दुर्घटना के बाद यह तय करने में ही वक्त निकल जाता है कि केस कौन देखेगा। एक माह पूर्व इसी पुल के पास सड़क दुर्घटना में चंदौली पुलिस का एक जवान भी अपनी जान गंवा चुका है।
बैरिकेडिंग बन रही मौत का जाल
गंगा ब्रिज के आसपास अव्यवस्थित बैरिकेडिंग हादसों की बड़ी वजह बन गई है। चौकसी के नाम पर लगाया गया यह सिस्टम लोगों के लिए खतरा साबित हो रहा है।
खानापूर्ति में लगे विभाग
एआरटीओ, यातायात पुलिस और सड़क निर्माण कंपनियों के कर्मचारी सिर्फ औपचारिक कार्यवाही कर रहे हैं। वास्तविक सुधार की दिशा में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
दो माह में आधा दर्जन मौतें
पिछले दो महीने में रिंग रोड पर करीब आधा दर्जन लोगों की जान जा चुकी है। इसके बावजूद हादसों को रोकने के लिए न तो ट्रकों की आवाजाही नियंत्रित की गई है और न ही ब्रिज पर सुरक्षा इंतजाम पुख्ता किए गए हैं।