चंदौली की बेटी सारिका दुबे को देश की राजधानी दिल्ली में मिला इंस्पायरिंग इंडियन सम्मान

 

संवाददाता - मनीष द्विवेदी

चंदौली। खुशी की उड़ान संस्था की संस्थापिका चंदौली की बेटी छोटे से जिले से निकल कर सारिका के जीवन संघर्ष और सफलता तथा उनके समाज में उत्कृष्ट कार्य को देखते हुए उनकी कहानी को अब इंस्पायरिंग इंडियन किताब में शामिल किया गया है।

 

 


यह किताब हाल ही मे देश के राजधानी दिल्ली के भारतीय विद्यापीठ विश्वविद्यालय में आयोजित एक सम्मान समारोह में लांच की गई। जिसमे देश के सम्मानित व्यक्तियों ने अपनी कहानियों को साझा किया। सारिका दुबे के जीवन की यात्रा को वरिष्ठ पत्रकार और समाज सेविका नीलिमा ठाकुर जी ने बड़े सुंदर तरीके से अपनी लेखनी में प्रस्तुत किया। एआरके स्टूडियो व विशाल एजुकेशन ट्रस्ट के तत्वावधान में कृष्णा वेलफेयर सोसाइटी के सहयोग से इंस्पायरिंग इंडियन कॉफी टेबल बुक का भव्य विमोचन हुआ।

 

कार्यक्रम में डायमंड चीफ गेस्ट के रूप में राव आईएएस के डायरेक्टर श्री अजीत प्रकाश श्रीवास्तव, मुख्य अतिथियों में एलायंस इंडिया के डायरेक्टर सुभाष डावर,भारतीय विद्यापीठ के डायरेक्टर एमएन हुड्डा जी रहे। यह अंक विशेष रुप से प्रकृति व पर्यावरण को समर्पित है और इसके सूत्रधार SDM बिजनौर मांगेराम चौहान है।

 

सारिका दुबे की कहानी आज युवा वर्ग के लिए एक प्रेरणा है की कैसे उन्होंने छोटे से गांव से निकलकर जीवन की तमाम उतार-चढ़ाव और समस्याओं से जूझते हुए कभी हार ना मान के अपने जीवन में नित्य अग्रसर ही नहीं हुई बल्कि समाज के लिए,महिलाओं के लिए उदाहरण बनकर सामने आई। पिछले 8 वर्षो से सारिका समाज सेवा कर रही है जहां सैकड़ों दिव्यांगों के ट्राइसाइकिल पर छतरी लगवा कर उन्हें कृत्रिम अंग दिलवाकर उनको सामान्य जीवन यापन में सहयोग कर रही है वहीं सैकड़ों पीड़ित महिलाओं को प्रशासनिक सुविधा उपलब्ध करवा चुकी है तथा पीड़ित और निरीह महिलाओं का मुफ्त में केस देखती है।


सारिका दुबे कहती है कि यह सम्मान नहीं बल्कि जिम्मेदारी है जो मुझे प्रेरणा और प्रोत्साहन से ओत प्रोत करता है तथा मुझे जीवन में और तीव्र गति से आगे बढ़ने के लिए और समाज के उत्थान में योगदान करने के लिए उर्जा भरता है। उन्होंने इस सम्मान का श्रेय अपने माता पिता,परिवार तथा महादेव का आशीर्वाद कहा।