स्वच्छता सर्वेक्षण में देश के सबसे स्वच्छ शहरों में बनारस 30वें नंबर पर 

 

वाराणसी। केंद्र सरकार ने स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग जारी कर दी है। वाराणसी को इस सूची में 30वां स्थान मिला है। खास बात यह है कि प्रदेश का कोई भी शहर टॉप टेन में शामिल नहीं हो सका है। देश की रैंकिंग में राजधानी लखनऊ 12वें स्थान पर और कानपुर 21वें स्थान पर है।

हालांकि प्रदेश की रैंकिंग में लखनऊ पहले नंबर पर और वाराणसी सातवें नंबर पर है।

घर-घर से कूड़ा उठान की व्यवस्था प्रदेश के कई शहरों में लागू नहीं है। यही कारण है कि यूपी के सभी शहर देश में स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ रहे हैं। यूपी के 17 निकाय क्षेत्रों में कानपुर, लखनऊ और गाजियाबाद का प्रदर्शन देश में कुछ ठीक रहा।

टॉप शहरों में 50 परसेंट तक डोर-टू-डोर वेस्ट कलेक्शन नहीं हो पा रहा है।देश में नंबर एक इंदौर ने अपने ट्रेंचिंग ग्राउंड पर गोल्फ कोर्स बना दिया है। सूरत में गंदे पानी को ट्रीट करके सालाना 120 करोड़ रुपए की आय हो रही है। इन शहरों में सफाई के लिए बीते 10 सालों से काम चल रहा है।


स्वच्छ गंगा नगर श्रेणी में वाराणसी शीर्ष स्थान पर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस को देश में गंगा किनारे बसा सबसे स्वच्छ शहर का खिताब मिला है। यह लगातार दूसरी बार सबसे स्वच्छ शहर चुना गया है। इससे पहले भी केंद्र सरकार के वार्षिक सर्वेक्षण 2020 के अनुसार गंगा किनारे बसे सबसे स्वच्छ शहरों में सबसे शीर्ष स्थान पर था। प्राचीन, पवित्र शहर वाराणसी को गंगा नदी किनारे सबसे साफ शहर बनाने में प्रधानमंत्री का सबसे बड़ा योगदान है।