संस्कार एवं संस्कृति के बीच सेतु है संस्कृत - शिवम शुक्ल

 

प्रयागराज। संस्कृतभारती पूर्वी उत्तरप्रदेश एवं केन्द्रीयसंस्कृतविश्वविद्यालय गङ्गानाथ झा परिसर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित संस्कृत सम्भाषण शिविर के समापन समारोह कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में संस्कृत भारती काशी क्षेत्र के कार्यकर्ता शिवम शुक्ल रहे। सम्पूर्ति सत्र की अध्यक्षता श्रीराम पाण्डेय (अधिवक्ता, उच्च न्यायालय प्रयागराज) एवं संचालन माण्डवी त्रिपाठी ने किया।

 


कार्यक्रम में उपस्थित संस्कृतानुरागी के प्रति मुख्य अतिथि शिवम शुक्ल ने बताया कि समाज में व्याप्त विभिन्न समस्याओं के निवारणार्थ प्राचीन भारतीय ज्ञान परम्परा, संस्कृति एवं संस्कार का बोध कराने के लिए उपयोगी है संस्कृत। अन्य भाषाओं के साथ संस्कृत की कोई प्रतिस्पर्धा नहीं, संस्कृत स्वयं में ही विशिष्ट एवं वैज्ञानिकी भाषा है, जो हमारे जीवन में संस्कृति एवं संस्कार के मध्य सेतु का निर्माण करती है।

 

यह शिविर संस्कृत विश्वविद्यालय जीएन झा परिसर के निदेशक प्रो.ललित कुमार त्रिपाठी एवं संस्कृत भारती के क्षेत्र सङ्गठनमंत्री प्रमोद पण्डित के निर्देशन में सम्पन्न हुआ। जिसमें वर्ग शिक्षण प्रमुख डॉ. मनीष जुगरान एवं शिक्षकों के रूप में डाॅ. शालिग्राम त्रिपाठी, डॉ. अमरचन्द्र ठाकुर, ओम शुक्ल, राजन पाण्डेय, निधि झा आदि मौजूद रहे।