जागो ग्राहक जागो! बिना हॉलमार्क के नकली सोना बेच रहे स्वर्ण व्यवसाई

 

गोरखपुर। जिले के सहजनवा तहसील क्षेत्र के नगर पंचायत घघसरा बाजार, व नगर पंचायत सहजनवा में दर्जनों से अधिक संख्या में बिना हॉल मार्क के आम नागरिकों के साथ किया जाता है भारी ठगी वही वीना लाइसेंस का दर्जनों अधिक सोने चांदी के आभूषणों की दुकानों को खोलकर लगातार आम नागरिकों को अच्छा खासा चूना लगाया जाता है।

 

शादी विवाह के मौसम आते ही सोने चांदी की बिक्री तेजी से शुरू हो जाती सोने के आभूषण खरीदने के लिए लोगों का दुकानों पर भीड़ जमा हो जाता। लेकिन होता कुछ ऐसे है दुकानदार बड़े आसानी से नकली सोना बेचने में सक्षम दिखाई देते है क्योंकि सोने की असली नकली की पहचान दुकानदार के सिवा आम जनता कर नहीं पाती नतीजा इसी का फायदा स्वर्ण व्यावसायिक द्वारा तेजी से उठाया जाता है। हालांकि अधिकतर स्वर्ण व्यवसाईयों के द्वारा कस्टमरों से यह कहा जाता है शुद्ध प्योरिटी वाला सोना है।

 

जबकि 18 और 22 कैरेट के सोने ही मार्केट में सही रूप से उपलब्ध हो पता वही  देखा जाए हर रोज़ सैकड़ो लोग सोने की खरीदारी करते है। लेकिन उनके साथ भी मिलावटी धातु की सोने शुद्ध प्रवृत्ति  के नाम बताकर माला पहना दिया जाता हैं इतना ही नहीं सोने का काला बाजारी का सच, सोने का काला बाजारी, या अवैध सोने का व्यापार, एक वास्तविक समस्या है जो कई शहरों में मौजूद है। यह  हैं, जो सोने को , सूत्रों की जानकारी के अनुसार 
नकली सोना, या कम कैरेट का सोना, असली सोने के रूप में बेचा जाता है, जिससे खरीदार को नुकसान होता है.
नकली सोना अक्सर असली सोने की तुलना में बहुत कम शुद्ध होता है, और इसमें अन्य धातुएं शामिल हो सकती हैं सोने की शुद्धता के बारे में एक ऑनलाइन स्रोत के अनुसार।


नकली सोने की पहचान करना मुश्किल हो सकता है, खासकर जब यह अच्छी तरह से बनाया गया हो। सोने की कीमतों में हेरफेर में सोने की कीमतों को कृत्रिम रूप से बढ़ाना या घटाना शामिल है।


यह आमतौर पर बड़े पैमाने पर खरीदारों या विक्रेताओं द्वारा किया जाता है, जो बाजार में सोने की आपूर्ति या मांग को प्रभावित करते हैं। कीमतों में हेरफेर से निवेशकों को नुकसान हो सकता है और बाजार में अस्थिरता पैदा हो सकती है।


काला बाजारी के खतरे

काला बाजारी से न केवल खरीदारों और विक्रेताओं को नुकसान होता है, बल्कि यह अर्थव्यवस्था और कानून व्यवस्था के लिए भी हानिकारक हो सकता है।
काला बाजारी से सरकार को करों और शुल्कों का नुकसान होता है। यह संगठित अपराध और भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा दे सकता है। सोने की काला बाजारी को रोकने के उपाय जिम्मेदारों को तत्काल करनी चाहिए और इस तरह से कालाबाजारी करने वाले स्वर्ण व्यवसाईयों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।


सोने की तस्करी और नकली सोने की बिक्री को रोकने के लिए सीमा शुल्क और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को मजबूत करना आवश्यक है कुछ ऑनलाइन स्रोतों के अनुसार। सोने की शुद्धता की जांच के लिए हॉलमार्किंग जैसी प्रणालियों को लागू करना महत्वपूर्ण है।

 


सोने के बाजार में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए उपाय करना आवश्यक है। सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना भी महत्वपूर्ण है ताकि लोग सोने की खरीददारी करते समय सतर्क रहें और नकली या कम गुणवत्ता वाले सोने से बचें। अब देखना यह है फर्जी स्वर्ण व्यवसाईयों के खिलाफ जिम्मेदार कोई ठोस कदम उठाते हैं या फिर इनके हौसले दिन प्रतिदिन ऐसे ही बुलंद रहेंगे और  यह बाजार में नकली सोने धड़ल्ले से भेजने में सफ़ल रहेंगे।