इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट के छात्रों का नया कारनामा, बना डाला जंगली भेड़ियों व तेन्दुओं को ट्रैक कर पकड़ने वाला उपकरण
गोरखपुर। इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट गीडा के छात्रों ने एक ऐसा उपकरण बनाया हैं जो जंगली भेड़ियों, तेन्दुओं को ट्रैक कर पकड़ने में मदद कर सकता हैं। आईटीएम के दो छात्र अंशित श्रीवास्तव और श्याम ने रेडियो इंटरनेट सेंसर गन बनाया है। जो जंगलो में तेंदुआ, भेड़ियां समेत आदमखोर जानवरों को ट्रैक कर पकड़ने में मदद कर सकता हैं साथ ही ये उपकरण जंगली जानवरों सें किसानों के खेतों में लगे फसल की सुरक्षा भी करेगा। छात्र अंशित ने बताया उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश समेत कई जगहों पर आदमखोर तेंदुआ,भेड़ियों का आतंक देखने को मिलता हैं।
आदमखोर जानवरों के हमले सें उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश में अब तक कई लोगों कि जान जा चुकी हैं और बहुत से लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए है। ऐसे जानवरों सें लोंगो की सुरक्षा के लिए इन्हें पकड़ने के लिये शासन - प्रशासन वन विभाग के अधिकारी भी सम्पूर्ण प्रयास करते है। ऐसे में हमारा उपकरण ऐसे जानवरों को पकड़नें में उनको भगाने में मदद कर सकता है। अंशित श्रीवास्तव, नें उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में (युथ आइकॉन नेशनल अवार्ड सेर्मनी) में अपने प्रोजेक्ट का प्रदर्शन किया चीफ गेस्ट उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट वन, एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री, सुबोध उनियाल के द्वारा इस प्रोजेक्ट को सराहा भी गया। छात्रों के द्वारा बनाया गया ये सेंसर कैमरा गन जो भेड़ियो को दूर सें डिटेक्ट कर जंगलों में, खेतोँ में देखते हीं उन पर लकड़ी सें बनी गोलियाँ फायर कर उनको घायल कर देगा और वन विभाग के अधिकारियों को भी उनके नंबर पर सूचना दे देगा जिससे वन विभाग के अधिकारी जंगल के अंदर घूमने वाले आदमखोर भेड़ियों पर अपने मोबाइल सें हीं निशाना साध कर उन्हें बेहोश कर पकड़ सकेंगे।
इस उपकरण को बनाने में 5 महीने का समय लगा है और लगभग 80 हजार रूपये का खर्च आया है। इसे बनाने में, रेडियो सिग्नल, इंटरनेट चिप, गियर मोटर, सोलर गन सिस्टम किट, ऑर्डिनो, कैमरा, ऑनलइन कैमरे, इत्यादि उपकरणों का प्रयोग किया गया हैं। संस्थान के निदेशक डॉ एनके सिंह ने बताया कि हमारे कॉलेज के छात्र अपने आईडिया को नवाचार प्रयोगशाला के माध्यम से देश एवं समाज हित के लिए ऐसे उपकरण बनाते रहते हैं जो आज की नई तकनीकी पर आधारित हैं। इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्याम बिहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया, संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल सहित संस्थान के सभी शिक्षकों ने छात्रों की इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बधाई दिया।