प्रदूषित होता जा रहा सहजनवा, विषैले राख व धुएं से लोगों की जिंदगियों पर मंडरा रहा खतरा

 

गोरखपुर। सहजनवां तहसील क्षेत्र में करीब लाखो आबादी के बीचों बीच लगे उद्योगों से आम जनमानस को बढ़ता जा रहा है बड़ा खतरा वही जिम्मेदार पूरी तरह से मूकदर्शक बने हुए है वही आवादी के विचों विच लगे उधोगों से प्रकृति और इंसान दोनों पर छाया है काला बादल पूरी कहानी यूपी के गोरखपुर के गीडा में स्थित उधोगों से मानव जीवन पर बड़ा खतरा मंडराता दिख रहा है।

 

वही उत्तर प्रदेश के गोरखपुर गीडा औद्योगिक क्षेत्र से विकास प्राधिकरण के तहत सहजनवा में स्थापित उद्योगों से नहीं मिल पा रहा है। रोजगार। वही एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार लगातार सहजनवा  क्षेत्रवासियों के लिए विगत वर्षो में तमाम उद्योगों को इस लिया स्थापित करवाती है। ताकि लोगों को रोजगार मिले और वह अपना जीवन यापन करने में सफल दिखाई दे।

 


लेकिन वही लोगों को क्या पता था कि रोजगार के साथ-साथ उनका जीवन ही संकट में आजाएगा देखिए प्रकृति और लोगों की जिंदगी के साथ कैसे खिलवाड़ कर रही है इन फैक्ट्रीयों की राख सहजनवा नगर पंचायत वार्ड नम्बर पांच में सहवाजगंज कस्बे से कुछ ही दूरी पर स्थित है अंकुर उद्योग व गैलेंट स्पात कंपनी जोकि सरिया बनाने का कार्य करती है । और साथ ही साथ सीमेंट को भी बनाती हैं। वही इन कंपनियों की जो राख निकलती है उस राख के वजह से खास कर सहजनवा के कस्बे के लोगोंको लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।


क्योंकि वह राख लोगों का जीना हराम कर दी है। यह समस्या सहजनवा के आम जनमानस के लोगों का कहना है। मौत और जिंदगी की लड़ाई फैक्ट्रीयो की राख की वजह से छिड़ चुकी हैं दरअसल ये विषैली राख लोगों का जीना दुश्वार कर दी है घर के अंदर के साथ साथ घर के छत पर भी भारी मात्रा में राखो की परत जमी रहती है, जिससे लोग गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। और उनकी आंखों पर भी काफी जरब जा रहा है। इस समस्या से निजात पाने के लिए सहजनवा वासीयों के द्वारा वर्षों से लगातार संघर्ष जारी है।

वही देखा जाए वर्तमान सरकार ने प्रकृति को बचाने के लिए एक पेड़ मां के नाम अभियान का भी शुभारंभ जोरों सोरों से शुरू कर दी है। भारत के प्रत्येक व्यक्तियों को प्रकृति को बचाने के लिए हर रोज पौधारोपण का कार्य भी किया जाता ह। लेकिन इन कंपनियों के द्वारा मानव जाति पर तो जो संकट है वह तो है ही उसके साथ-साथ प्रकृति पर भी भारी संकट का बादल छाया हुआ है जिसका जिम्मेदार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड है। क्योंकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ही इन कंपनियों को नोटिस जारी कर राख की समस्या से लोगों को निजात दिला सकता है।वही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है जाँच कराकर कार्यवाही किया जायेगा।वही उपजिलाधिकारी सहजनवां दीपक गुप्ता ने कहा कि प्रदूषण विभाग से जाँच कराया जायेगा जल्द कार्यवाही की जायेगी।