भगवान को ज्ञान से नहीं, भाव से जाना जा सकता है- किशोरी जान्हवी

 

गोरखपुर। भगवान को ज्ञान से नहीं भाव से समझा जा सकता है। कनिष्ठका उंगली पर गोवर्धन पर्वत को सात दिन सात रात धारण किये सात वर्ष के कन्हैया को देख कर ग्वाल- बाल समझ गये कि हमारे बीच और कोई नहीं भगवान् आ गया है। सभी दंडवत  कर क्षमा मांगने लगे।

 

उक्त बातें वृंदावन धाम से पधारीं  किशोरी जान्हवी  ने कहीं। वह नगर पंचायत घघसरा के वार्ड संख्या 8 अटल नगर में श्री सीताराम महायज्ञ के सातवें दिन व्यास पीठ से श्रद्धालुओं को कथा रसपान कर रही थीं । उन्होंने कहा कि आराम करने के लिए ग्वाल बालों के आग्रह पर भगवान ने जरा सी अपनी उंगली नीचे की कि सभी के लाठी- दंडे चटा-चट टूट गये। कन्हैया बचाओ कन्हैया बचाओ  जोर से सभी चिल्ला उठे। कथा व्यास ने कहा कि- भगवान  की लीला देख कर सभी अचंभित तब रह गए। बड़े भाव से भगवान को निहारने लगे।विश्वास हो गया कि हमारे बीच  यह सामान्य बालक नहीं है।

 

भाव समझते ही भगवान ने बड़ी चतुराई से भोले ग्वाल-बालों अपनी बातों में लपेट लिया। कहा कि सभी के घरों से माखन चुरा लेते थे,तो कोई पकड़ नहीं पाया ? उसी प्रकार मंत्र द्वारा आप सभी के बल को चुराकर  गोवर्धन  उठा दिया इसमें कौन सी बड़ी बात है। इस प्रकार भगवान् ने अपनी लीला से आगे बढ़ाया और भकतों को सुख देते रहे । उक्त अवसर विजेंद्र कुमार मिश्रा, ध्रुव चंद्र गौड़,विजय नाथ पांडेय, प्रेम कुमार राज, दयानंद चौबे, रामाराज, प्रहलाद गुप्ता, संजय तिवारी,दलसिंगार यादव, कमलेश तिवारी, सौरभ राज, नीतीश राज, लव कुश मिश्रा, पंकज चौबे, उपेंद्र राज, मारकंडे चौबे समेत कई लोग मौजूद थे।