इंडियन टेलीकॉम बिल 2022 पर सरकार ने मांगे आपके विचार, 20 अक्टूबर है अंतिम तिथि

Government has sought your views on Indian Telecom Bill 2022, October 20 is the last date

 

कम्यूनिकेशन सेक्टर ने पूरी दुनिया में काफी तेजी से अपने पैर जमाए हैं। साथ ही यह सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए एक आवश्यक विषय के रूप में भी खुद को स्थापित कर चुका है। देश के सभी क्षेत्रों में टेलीकॉम सर्विसेज की पहुँच तकनीकी रूप से समाज का एक अभिन्न अंग बन गई है।

 

तेजी से आगे बढ़ती टेक्नोलॉजी के चलते उपभोक्ताओं को भी इससे संबंधित तमाम जानकारियाँ मिलना जरूरी हैं, जिससे कि यह सुगम बन सके और उपभोक्ताओं को डाटा सुरक्षा मिल सके। 

 

बिगटेक, ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डेटा सुरक्षा गंभीर मुद्दा बन चुका है। इसके लिए नए संभावित डेटा प्रोटेक्शन बिल और डिजिटल इंडिया अधिनियम को इस साल के अंत में केंद्र सरकार द्वारा परामर्श के लिए पेश किया जाएगा।

केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बीते दिन प्रस्तावित 'भारतीय दूरसंचार विधेयक 2022' (इंडियन टेलीकॉम बिल 2022) के ड्राफ्ट को सार्वजनिक परामर्श के लिए रखने की घोषणा की। रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देश के अपने सोशल मीडिया मंच, कू ऐप के माध्यम से कहा है:

हम भारतीय दूरसंचार विधेयक 2022 के ड्राफ्ट पर आपके विचार जानना चाहते हैं।

दूरसंचार विभाग (DEPARTMENT OF TELECOMMUNICATIONS)



डिजिटल दुनिया में टेलीकॉम की बढ़ती भूमिका के बीच यह कदम बेहद महत्वपूर्ण हो गया है। आज के समय में लगभग हर 'डिजिटल' विषय को मोबाइल फोन के जरिए ही संचालित किया जाता है।

सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किए गए नए टेलीकॉम बिल ड्राफ्ट में केंद्र या राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त संवाददाताओं के 'भारत में प्रकाशित होने वाले प्रेस संदेशों' को इंटरसेप्शन से छूट देने का प्रस्ताव है। 

साथ ही ड्राफ्ट में कहा गया है कि किसी भी सार्वजनिक आपात स्थिति के मामले में या भारत की सार्वजनिक सुरक्षा, संप्रभुता, अखंडता या सुरक्षा के हित में, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों, सार्वजनिक व्यवस्था या किसी अपराध को उकसाने से रोकने के लिए छूट नहीं दी जाएगी।

बताते चलें कि ड्राफ्ट पर सार्वजनिक टिप्पणी की आखिरी तारीख 20 अक्टूबर है।

सूत्रों की मानें, तो भारत वर्तमान में 118.92 करोड़ ग्राहकों के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार बाजार है। जिसमें मोबाइल टेलीफोन कनेक्शन 116.83 करोड़ और लैंडलाइन टेलीफोन कनेक्शंस 2.09 करोड़ हैं। देश में कुल टेली डेंसिटी 90.23 प्रतिशत है। 

इस तरह की सुविधाएँ मुहैया कराने के साथ ही दूरसंचार विभाग का उद्देश्य सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए किसी भी समय, कहीं भी सुरक्षित, विश्वसनीय सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली बेहतर टेलीकम्यूनिकेशन सर्विसेज प्रदान करना है।

क्या हैं लक्ष्य 


डिजिटल अंतर को पाटने के लिए ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के साथ निर्बाध कवरेज प्रदान करने वाला एक मजबूत और सुरक्षित अत्याधुनिक दूरसंचार नेटवर्क विकसित करके सामाजिक-आर्थिक विकास की सुविधा प्रदान करना। 


देश भर में सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली ब्रॉडबैंड सर्विसेज के प्रसार के माध्यम से एक समावेशी ज्ञान समाज बनाना। 


नागरिकों के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के एक उपकरण के रूप में मोबाइल डिवाइस का स्थान बदलना। 
भारत को दूरसंचार उपकरण निर्माण के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाना। 


राष्ट्रीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नए मानकों के विकास को बढ़ावा देना। 
घरेलू और विदेशी दोनों तरह के निवेश को आकर्षित करना और नौकरियों के सृजन को बढ़ावा देना।