पीएम मोदी ने अल्लूरी सीताराम राजू की 30 फीट की कांस्य प्रतिमा का किया अनावरण
PM Modi unveils 30 feet bronze statue of Alluri Sitarama Raju
alluri sitarama raju real photos
alluri sitarama raju and komaram bheem
PM Modi unveils 30 feet bronze statue of Alluri Sitarama Raju
भीमावरम (आंध्र प्रदेश)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास कुछ वर्षों या कुछ लोगों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश के हर कोने से दिए गए बलिदान का इतिहास है।
मोदी ने यहां अल्लूरी सीताराम राजू की 30 फुट की कांस्य प्रतिमा का अनावरण करने के बाद कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी की 125वीं जयंती और रम्पा विद्रोह की शताब्दी वर्ष भर मनाई जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के साथ ही अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती और रम्पा विद्रोह के 100 साल मना रहा है।’’
‘मन्यम वीरुडु’ (वन नायक) के नाम से लोकप्रिय अल्लूरी ने 1922 में शुरू हुए रम्पा विद्रोह का नेतृत्व किया था।
मोदी ने कहा, ‘‘स्वतंत्रता संग्राम केवल कुछ वर्षों, कुछ क्षेत्रों या कुछ लोगों का इतिहास नहीं है। यह देश के हर नुक्कड़ और हर कोने से दिए गए बलिदान का इतिहास है।’’
मोदी ने अल्लूरी सीताराम राजू को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह शुरुआती आयु में ही देश की आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए थे और उन्होंने आदिवासी कल्याण एवं देश के लिए खुद को समर्पित कर दिया तथा वह कम उम्र में ‘‘शहीद’’ हो गए।
प्रधानमंत्री ने उनके जीवन को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि अल्लूरी ‘‘भारत की संस्कृति, आदिवासी पहचान और मूल्यों के प्रतीक थे।’’ मोदी ने कहा कि अल्लूरी ने ब्रितानी शासकों को चुनौती दी थी कि वह उन्हें रोककर दिखाए।
उन्होंने कहा, ‘‘जब हमारे युवा, आदिवासी, महिलाएं और दलित देश का नेतृत्व करेंगे तो ‘नए भारत’ का निर्माण कोई नहीं रोक सकता।’’ मोदी ने कहा, ‘‘मुझे पूरा भरोसा है कि अल्लूरी सीताराम राजू से मिली प्रेरणा देश को अनंत ऊंचाइयों पर ले जाएगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आंध्र प्रदेश में जन्मे महान स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करता हूं। हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों को भूले नहीं हैं, हम उन्हें भूलेंगे नहीं और हम उनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ेंगे।’’
मोदी ने राष्ट्रीय ध्वज तैयार करने वाले पिंगली वेंकैया और पोट्टी श्रीरामुलु जैसे राज्य के प्रेरणादायी लोगों को याद किया।
प्रधानमंत्री ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि जिस तरह बड़ी संख्या में युवा स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए थे, उसी तरह अब युवाओं को देश के सपनों को साकार करने के लिए आगे आना चाहिए।
मोदी ने आदिवासी कल्याण का जिक्र करते हुए कहा कि आदिवासी गौरव और विरासत को दर्शाने के लिए आजादी के बाद पहली बार आदिवासी संग्रहालयों की स्थापना की जा रही है।
उन्होंने कहा कि ‘स्किल इंडिया मिशन’ जैसे कार्यक्रमों से आदिवासी कला को एक नई पहचान मिल रही है और ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान समुदाय के सदस्यों के लिए आय सुनिश्चित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने दशकों पुराने उन कानूनों को बदल दिया है, जो आदिवासी लोगों को बांस जैसी वन उपज को काटने से रोकते थे।
इससे पहले, मोदी ने सोमवार को यहां स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती पर उनकी 30 फुट की कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया।
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोह के तहत 15 टन वजन की इस प्रतिमा को तीन करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। इसे भीमावरम के एएसआर नगर में नगर निगम पार्क में क्षत्रिय सेवा समिति द्वारा स्थापित किया गया है।
इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बी. बी. हरिचंदन, केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी, मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी, पूर्व केंद्रीय मंत्री और फिल्म अभिनेता के. चिरंजीवी और अन्य अतिथि उपस्थित थे। इस मौके पर मौजूद हस्तियों ने अल्लूरी को पुष्पांजलि अर्पित की।
मोदी ने अल्लूरी के भतीजे अल्लूरी श्रीराम राजू और अल्लूरी के करीबी सहयोगी मल्लू डोरा के बेटे बोडी डोरा का अभिनंदन किया। सीताराम राजू को उनके उपनाम अल्लूरी से भी जाना जाता है। उनका जन्म चार जुलाई, 1897 को तत्कालीन विशाखापत्तनम जिले के पंडरंगी गांव में हुआ था।