खुशखबरी! Lpg Gas Cylinder के साथ अब आपको मिलेगा 50 लाख रुपए, जानिए अपना अधिकार...कैसे मिलेंगे रुपये...?

Now you will get 50 lakh rupees with Lpg Gas Cylinder, know your rights... How will you get the money...?

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LPG Gas Connection : अगर आपने अभी तक गैस कनेक्शन नहीं लिया तो आपके लिए ये जानकारी बहुत ही आवश्यक है। आज भारत के लगभग हर घर में गैस सिलेंडर (Gas Cylinder) का कनेक्शन है। लेकिन हम में से कई लोगों को गैस सिलेंडर से जुड़े ग्राहकों को उसके अधिकारों के बारे में पता नहीं रहता है।

 

 

गैस डीलर को ही ग्राहकों के गैस कनेक्शन(Gas Connection)  से जुड़े अधिकारों के बारे में बताना चाहिए।  लेकिन अधिकतर मामलों में ये देखा जाता है कि डीलर्स ग्राहकों को गैस कनेक्शन देते हुए इसके बारे में नहीं बताते हैं।  इसलिए ग्राहकों को खुद ही अपने अधिकारों के बारे में सजग रहना चाहिए। 

बता दें कि LPG गैस का कनेक्शन लेने वालों को 50 लाख रुपए तक का बीमा होता है।  इस पॅालिसी को एलपीजी इंश्योरेंस कवर कहते हैं। ये गैस सिलेंडर की वजह से होने वाली किसी भी प्रकार की दुर्घटना में जान-माल के नुकसान के लिए दिया जाता है।  अगर आप जैसे ही गैस का कनेक्शन लेते हैं, उसके साथ ही आप इस पॅालिसी के लिए पात्र हो जाते हैं। नया कनेक्शन लेते ही ये इंश्योरेंस आपको मिल जाता है। 

जानिए क्या है एलपीजी इंश्योरेंस कवर

आप जब गैस सिलेंडर खरीदते हैं उस समय ही आपका एलपीजी इंश्योरेंस हो जाता है।  आपको हमेशा एक्सपायरी डेट देखकर ही सिलेंडर लेना चाहिए। क्योंकि ये इंश्योरेंस सिलेंडर की एक्सपायरी डेट से लिंक होता है। गैस कनेक्शन के लेते ही आपका 40 लाख रुपए का एक्सीडेंटल बीमा हो जाता है। 

इसके साथ ही अगर सिलिंडर फटने से किसी इंसान की मृत्यु होती है तो 50 लाख रुपए तक का क्लेम किया जा सकता है। आपको इसके लिए किसी भी तरह का कोई एक्सट्रा मंथली प्रीमियम नहीं भरना होता है। अगर गैस सिलेंडर से हादसा होता है तो पीड़ित फैमिली के मेंबर इसके लिए क्लेम कर सकते हैं। 

ऐसे कर सकते हैं क्लेम

ग्राहक को दुर्घटनाग्रस्त होने के 30 दिनों के अंदर अपने ड्रिस्ट्रीब्यूटर और पास के पुलिस स्टेशन को दुर्घटना के बारे में सूचना देनी होती है। पुलिस से हादसे की एफआईआर की कॅापी लेना जरुरी है।क्लेम के लिए पुलिस स्टेशन में रजिस्टर्ड FIR की कॉपी के साथ ही मेडिकल की रसीद, हॅास्पिटल का बिल, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और डेथ सर्टिफिकेट की भी जरुरत होती है। 

कम्पनियां उठाती हैं इंश्योरेंस का पूरा खर्चा

बता दें कि सिलेंडर जिसके नाम पर है सिर्फ उसी को इंश्योरेंस की राशि मिलती है।  आप किसी को भी इस पॉलिसी में नॉमिनी नहीं बना सकते। क्लेम का फायदा सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलता है।  जिनके सिलेंडर का पाइप, चूल्हा और रेगुलेटर आईएसआई (ISI) मार्क का होता है।

क्लेम के लिए आपको सिलेंडर और स्टोव का रेगुलर चेकअप कराते रहना चाहिए। आपका डिस्ट्रीब्यूटर ऑयल कंपनी और इंश्योरेंस कंपनी को हादसे की इंफॅार्मेशन देता है। सिलेंडर के कारण एक्सीडेंट होने पर मिलने वाले इंश्योरेंस का पूरा खर्चा इंडियन ऑयल (Indian OIL), HPCL, BPCL जैसी तेल कंपनियां ही करती हैं। 

सिलेंडर से गैस की चोरी असंभव! इस टेक्नोलॉजी के चलते मिलेगी पूरी गैस

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 'LPG Week 2022' के दौरान इस नए फीचर को लॉन्च किया।  उन्होंने कहा, "फ्यूल को ट्रेस करने का तरीका, जबरदस्त इनोवेशन है- यह QR Code पहले से इस्तेमाल में आ रहे गैस सिलेंडरों पर चिपकाया जाएगा, वहीं नए सिलेंडरों में इनकी वेल्ड किया जाएगा। जब ये एक्टिवेट किए जाएंगे तो ये गैस चोरी, ट्रैकिंग और ट्रेसिंग के साथ सिलेंडरों के इन्वेंट्री मैनेजमेंट जैसी कई समस्याओं को हल करेगा। 

आप भी इस समस्या से कभी न कभी जरूर दो-चार हुए होंगे। आपके यहां डिलीवरीमैन एलपीजी गैस सिलेंडर (LPG Cylinder) दे गया। आपने उसे तौला तो उसमें से एक-दो किलो कम गैस निकला। इस शिकायत की पहले ट्रेसिंग नहीं हो पाती थी। इसलिए अक्सर चोर बच निकलता था।

लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। गैस सिलेंडर (Gas Cylinder) से गैस चोरी करने वाले निश्चित रूप से पकड़े जाएंगे। इसके लिए सरकार सभी एलपीजी गैस सिलेडरों पर विशेष व्यवस्था कर रही है।



 

गैस सिलेंडरों का बन रहा है आधार


एलपीजी सिलेंडर से गैस चोरी रोकने के लिए सरकार उसका आधार कार्ड (Aadhaar Card) बनवा रही है। आप चौंक तो नहीं गए? केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यही कहा कि गैस सिलेंडरों का आधार बनेगा। यह असली आधार कार्ड नहीं है क्योंकि यह तो इंसानों का बनता है।

लेकिन है कुछ-कुछ आधार कार्ड जैसा ही। दरअसल, सरकार सभी गैस सिलेंडरों को क्यूआर कोड (QR Code) से लैस कर रही है। इससे उस गैस सिलेंडर की ट्रैकिंग आसान हो जाएगी। बस, इसी से गैस चोर पकड़े जाएंगे।


 

कैसे गैस की चोरी रूकेगी


इंडियन ऑयल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि क्यूआर कोड से गैस सिलेंडर के लैस होने पर इसकी ट्रेकिंग आसान हो जाएगी। अभी जिस सिलेंडर में कम गैस की शिकायत मिलती है, उसे साबित करना मुश्किल हो जाता है कि इस डीलर के यहां से निकला है।

यदि पता चल भी गया कि उस डीलर से निकला तो यह नहीं बता सकते कि उस सिलेंडर को किस डिलीवरीमैन ने डिलीवर किया। लेकिन यदि सिलेंडर पर क्यूआर कोड लग जाएगा तो सब कुछ एक झटके में पता चल जाएगा। फिर चोर को पकड़ना बेहद आसान हो जाएगा। जब चोर को पकड़े जाने का डर होता तो वह अपने आप चोरी रोक देगा।



क्यूआर कोड के और भी फायदे


आईओसी के अधिकारी ने बताया कि क्यूआर कोड के और भी फायदे हैं। इससे यह पता चलेगा कि किस सिलेंडर में कितने बार रिफिलिंग की गई है। एक सिलेंडर को वापस रिफिलिंग सेंटर आने में कितने दिन लगता है। यदि कोई घरेलू गैस सिलेंडर का कामर्शियल उपयोग करते हुए पकड़ा जाएगा तो यह पता करना आसान हो जाएगा कि उसकी डिलीवरी किस डीलर से हुई है।


तीन महीने में हो जाएगा प्रोजेक्ट पूरा


पेट्रोलियम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस समय देश भर में करीब 30 करोड़ घरेलू एलपीजी के कंज्यूमर हैं। इनमें से अकेले आईओसी के करीब 15 करोड़ कंज्यूमर हैं। 30 करोड़ कंज्यूमरों में से करीब आधे के पास डबल सिलेंडर हैं। इस तरह से करीब 70 करोड़ घरेलू गैस सिलेंडर देश भर में हैं। इनमें तीन महीने में क्यूआर कोड लगा देने का लक्ष्य तय किया गया है। इसकी शुरूआत हो चुकी है।