शराब पीने वाले मर्दों की Sex Life पर पड़ रहा असर? कभी-कभी पीने वाले भी जान लें वरना...
शराब पीने के नुकसानों पर अक्सर चर्चा होती है। कई लोग जरूरत से ज्यादा ऐल्कोहॉल लेते हैं पर बोलते हैं कि वे ओकेजनली ड्रिंक लेते हैं। या कुछ लोग वाकई कभी-कभी ही शराब पीते हैं। अगर इनमें से किसी भी कैटिगरी में आते हैं तो मेल फर्टिलिटी पर शराब के साइड इफेक्ट्स को जरूर जान लें।
कई स्टडीज में यह बात साफ हो चुकी है कि शराब सिर्फ स्पर्म्स की संख्या पर ही नहीं बल्कि इनके शेप, साइज और क्वॉलिटी पर भी खराब असर डालती है। खासतौर पर जो लोग बहुत ज्यादा ड्रिंक करते हैं। वहीं ओकेजनली पीने वालों पर भी शराब का खराब असर पड़ता है। यहां जानें कैसे पड़ता है असर।
Sex hormone पर पड़ता है खराब असर
ज्यादा शराब पीने से लिवर पर बुरा असर पड़ता है साथ ही आपकी फर्टिलिटी और सेक्शुअल लाइफ भी प्रभावित होती है। स्टडीज की मानें तो शराब टेस्टोस्टेरॉन का लेवल घटाकर एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ाती है साथ ही कई हॉरमोन्स का बैलेंस गड़बड़ कर देती है जिससे स्पर्म बनने कम हो जाते हैं।
यह हेल्दी स्पर्म्स के शेप, साइज और उनके आगे बढ़ने की क्षमता को घटा देती है।
हेल्थलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, शराब पीने से टेस्टिस का साइज सिकुड़ सकता है जिससे इनफर्टिलिटी का खतरा रहता है।
शराब से इजुक्लेशन जल्दी हो सकता है या घट भी सकता है। इतना ही नहीं शराब पीने से होने वाले बच्चे पर भी खराब असर पड़ता है। खासतौर पर महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान बिल्कुल भी शराब नहीं पीनी चाहिए।
अगर आप आप शराब पीते हैं और फैमिली बढ़ाने का प्लान कर रहे हैं तो एक अच्छी खबर भी है। स्पर्म पर पड़ने वाले खराब असर को रिवर्स भी किया जा सकता है। अगर शराब पीना बंद कर दिया जाए तो 3 महीने में आपमें हेल्दी स्पर्म्स का प्रोडक्शन शुरू हो सकता है।
कैसे बढ़ाएं मेल फर्टिलिटी
फर्टाइल होने में अच्छी लाइफस्टाइल का बड़ा हाथ होता है। ज्यादा शराब, तनाव, ज्यादा वजन या स्मोकिंग आपकी पूरी हेल्थ के साथ फर्टिलिटी पर बुरा असर डालते हैं। खाने में हरी सब्जी, फल और ग्रेन्स की मात्रा बढ़ाएं।
क्या होती है मेल फर्टिलिटी?
जब कोई पुरुष गुड स्पर्म काउंट और क्वालिटी के कारण अपनी फीमेल पार्टनर को प्रेग्नेंट कर पाने में समर्थ होता है तो उसे मेल फर्टिलिटी कहा जाता है।
कई बार इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, लिबिडो, स्पर्म काउंट में कमी , खराब स्पर्म मॉटिलिटी, टेस्टोस्टेरॉन लेवल में कमी जैसे चीजों के कारण मेल फर्टिलिटी प्रभावित होती है।