टेक्नोलॉजी के चैंपियन हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी - अश्विनी वैष्णव

 

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तकनीक को भारत का सबसे बड़ा समान अवसर देने वाला साधन बना दिया है। उन्होंने याद दिलाया कि कभी सरकारी दस्तावेज़ पाने के लिए लोगों को दफ़्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे, लंबी लाइनें लगती थीं और कई बार बेवजह की फ़ीस देनी पड़ती थी। लेकिन आज वही दस्तावेज़ सीधे मोबाइल फ़ोन पर उपलब्ध हैं।

गुजरात से डिजिटल इंडिया तक

मोदी का तकनीकी दृष्टिकोण गुजरात में मुख्यमंत्री रहते ही नज़र आया।

ज्योतिग्राम योजना (2003): फीडर सेपरेशन तकनीक से गांवों को 24 घंटे बिजली और खेती को तय समय पर सप्लाई मिली।
नर्मदा नहर सोलर पैनल (2012): बिजली उत्पादन और पानी संरक्षण एक साथ।
ई-धरा व स्वागत पहल: भूमि दस्तावेज़ों का डिजिटलीकरण और नागरिकों को सीधे शासन से जोड़ना।
  इन पहलों ने पारदर्शिता बढ़ाई और शासन में भरोसा लौटाया।

राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल क्रांति

2014 के बाद मोदी ने गुजरात का अनुभव पूरे देश में लागू किया।

जैम ट्रिनिटी (जन धन, आधार, मोबाइल): 53 करोड़ लोगों को बैंकिंग से जोड़ा।
डीबीटी: बिचौलियों की भूमिका खत्म, 4.3 लाख करोड़ रुपये की बचत।
ई-केवाईसी: पहचान सत्यापन अब केवल ₹5 में।
यूपीआई: अगस्त 2025 में 20 अरब लेन-देन, 24.85 लाख करोड़ रुपये का भुगतान।
भारत आज दुनिया के कुल रियल-टाइम डिजिटल पेमेंट्स का आधा हिस्सा संभाल रहा है।

स्वास्थ्य, शिक्षा और किसान के लिए तकनीक


डिजी-लॉकर: 57 करोड़ उपयोगकर्ता, 967 करोड़ दस्तावेज़ डिजिटल रूप में सुरक्षित।
किसान सम्मान निधि: 11 करोड़ किसानों तक सीधी आय सहायता।
एआई आधारित कृषि ऐप्स: मौसम और मिट्टी का डेटा सीधे किसानों तक।

अंतरिक्ष और वैश्विक नेतृत्व

भारत ने सस्ते और सफल अंतरिक्ष अभियानों से दुनिया को चौंकाया

मंगलयान: पहली कोशिश में सफलता, सिर्फ़ ₹450 करोड़ में।
चंद्रयान-3: चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश।
कोविन प्लेटफ़ॉर्म: कोविड टीकाकरण का विश्वस्तरीय डिजिटल मॉडल।

मैन्युफैक्चरिंग और सेमीकंडक्टर


मोदी की सोच सिर्फ़ असेंबली तक सीमित नहीं। भारत अब 2-3 एनएम जैसी एडवांस्ड चिप्स डिज़ाइन कर रहा है। साथ ही फैब, पैकेजिंग और सप्लाई चेन का पूरा इकोसिस्टम तैयार हो रहा है।


स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और एआई

गति शक्ति पोर्टल: जीआईएस तकनीक से परियोजनाओं का डिजिटल प्लानिंग।

इंडिया एआई मिशन: 38,000 GPU वैश्विक लागत के एक-तिहाई दाम पर उपलब्ध।

एआईकोश: 2,000+ डेटा सेट, स्थानीय भाषाओं और क्षेत्रों के लिए एआई समाधान।


इंसानियत और तकनीक का संगम

अश्विनी वैष्णव ने कहा मोदी जी तकनीक को सबसे गरीब और सबसे अमीर के बीच बराबरी का साधन मानते हैं। यूपीआई का इस्तेमाल पटरी वाला करता है, तो वही ऐप किसी बड़ी कंपनी का अधिकारी भी। यही असली डिजिटल लोकतंत्र है।

आज भारत की तकनीकी यात्रा गुजरात के छोटे प्रयोगों से शुरू होकर वैश्विक मॉडल बन गई है। मोदी ने तकनीक को केवल विकास का औज़ार नहीं, बल्कि मानवता और अंत्योदय की भाषा बना दिया है।